कुलपति हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी की हादसे में मौत:  ड्राइवर को पीछे बैठाकर खुद चला रहे थे, मऊ में ट्रक में घुसी इनोवा – Mau News

कुलपति हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी की हादसे में मौत: ड्राइवर को पीछे बैठाकर खुद चला रहे थे, मऊ में ट्रक में घुसी इनोवा – Mau News


मऊ1 घंटे पहले

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यूपी के मऊ में महाराष्ट्र के कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी की मौत हो गई। शनिवार सुबह वह इनोवा कार से वाराणसी से अपने घर कुशीनगर जा रहे थे। मऊ के दोहरीघाट के पास उन्हें झपकी आ गई। इनोवा बेकाबू हो गई और सड़क किनारे खड़े ट्रेलर में पीछे से घुस गई।

कुलपति और उनकी पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीछे बैठा ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद काफी देर तक पति-पत्नी का शव गाड़ी में ही पड़ा रहा। होश आने पर ड्राइवर ने फोन करके हादसे की सूचना पुलिस को दी।

पुलिस ने कार का गेट काटकर दोनों शवों और घायल ड्राइवर को बाहर निकाला। हादसा इतना भयावह था कि एयरबैग खुलने के बाद भी दोनों की जान नहीं बची। इनोवा जैसी कार बुरी तरह डैमेज हो गई। हादसा वाराणसी-गोरखपुर हाईवे (NH-29) पर दोहरीघाट के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप के पास हुआ।

पुलिस जांच में पता चला है कि ड्राइवर को झपकी आ रही थी। इसलिए कुलपति ने उसे पीछे की सीट पर बैठा दिया था और खुद कार चला रहे थे। बगल में उनकी पत्नी बैठी थीं, जबकि ड्राइवर पीछे की सीट पर सो रहा था।

हादसे की तस्वीरें देखिए…

हादसा इतना भीषण था कि इनोवा कार बुरी तरह से डैमेज हो गई।

हादसा इतना भीषण था कि इनोवा कार बुरी तरह से डैमेज हो गई।

हादसे के बाद इनोवा के एयरबैग खुले, लेकिन पति-पत्नी की जान नहीं बच पाई। सीट और डैश बोर्ड के बीच फंसकर दोनों की मौत हो गई।

हादसे के बाद इनोवा के एयरबैग खुले, लेकिन पति-पत्नी की जान नहीं बच पाई। सीट और डैश बोर्ड के बीच फंसकर दोनों की मौत हो गई।

कुलपति ने थोड़ी देर पहले ही स्टेयरिंग संभाली थी हरेराम त्रिपाठी (58) कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक (महाराष्ट्र) के कुलपति थे। वह मूलरूप से कुशीनगर में चौरा थाना क्षेत्र में मोहनपुर चकिया गांव के रहने वाले थे। शनिवार सुबह अपनी पत्नी बदामी देवी (52) और ड्राइवर वैभव मिश्रा (28) के साथ वाराणसी से कुशीनगर जा रहे थे।

ड्राइवर वैभव ने बताया- मऊ के करीब पहुंचे ही थे, तभी मुझे झपकी आने लगी। इस पर कुलपति ने कहा कि तुम पीछे बैठकर थोड़ी देर सो जाओ, मैं ड्राइव कर लूंगा। इसके बाद मैं पीछे की सीट पर जाकर सो गया। कुछ ही देर बाद गाड़ी सड़क पर खड़े ट्रेलर में टकरा गई।

सीट बेल्ट न लगाने की वजह से कुलपति की पत्नी कार में गिर गईं।

सीट बेल्ट न लगाने की वजह से कुलपति की पत्नी कार में गिर गईं।

ड्राइवर बोला- होश आने पर मैंने पुलिस को सूचना दी ड्राइवर ने कहा- हादसा इतना तेज था कि एयरबैग खुलने के बाद भी कुलपति स्टेयरिंग से चिपक गए। उनकी पत्नी ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी, जिसकी वजह से वह सीट से नीचे गिर गईं और उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद मैं भी बेहोश हो गया था। होश आने पर देखा कि मैं भी गाड़ी में बुरी तरह फंसा हुआ था। इसके बाद मैंने फोन कर पुलिस को सूचना दी।

थोड़ी देर बाद पुलिस पहुंची और इनोवा कार का गेट काटकर हम लोगों को बाहर निकाला। ASP अनूप कुमार ने बताया- कुलपति के परिवार को सूचना दे दी गई है। अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर के बाद ट्रेलर के ड्राइवर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

कुलपति और उनकी पत्नी बनारस से अपने घर कुशीनगर जा रहे थे। फाइल फोटो

कुलपति और उनकी पत्नी बनारस से अपने घर कुशीनगर जा रहे थे। फाइल फोटो

कुलपति हरेराम त्रिपाठी इकलौते बेटे थे। उनकी 6 संतानें हैं- तीन बेटे और तीन बेटियां। बड़ा बेटे राजन (36) सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मंझला बेटा विनय (32) प्रोफेसर हैं, जबकि सबसे छोटा बेटा गोपाल (28) पिछले 10 वर्षों से बीमार हैं। वह बेड रेस्ट पर हैं और कुलपति के साथ ही रहते थे। वहीं, बड़ी बेटी वंदना (34) की शादी हो चुकी है। बाकी दो बेटियां पुनीता (26) और अर्चना (20) पढ़ाई कर रही हैं।

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