कोटा में ओएसिस कंपनी के फ्रॉड के मामले में जांच अब एसआईटी करेगी। पूरे मामले की जांच के लिए एएसपी के दिलीप सैनी के निर्देशन में विशेष टीम का गठन किया गया है। वहीं शहर में मकानमालिकों को अब किरायेदारों का सत्यापन करवाना भी जरूरी होगा। कोटा में अगस्त के
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ब्रेल लिपि की शीट लोगों को तैयार करने को दी जाती
कुछ लोगों को पेमेंट भी दिया ताकि लोगों का भरोसा बने। इसके बाद कंपनी लोगों के पैसे लेकर फरार हो गई। कंपनी के संचालक दीपक के खिलाफ आरकेपुरम थाने में महिलाओं ने शिकायत की थी। मामले में पुलिस जांच कर रही है लेकिन आरोपी का अभी तक पता नहीं लगा है। इधर, मामले के लिए अब एसआईटी बनाई गई है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि शहर में कंपनी की चार ब्रांच अलग अलग स्थानों पर खेाली गई थी। जहां हाड़ौती के लोगों को लाकर उनसे रूपए लेकर ब्रेल लिपि कागज तैयार करने के लिए शीट दी जा रही थी। लोगों को बताया था कि विदेशों के स्कूलों से उनका कांट्रेक्ट है। कंपनी के संचालन के लिए उद्यम में रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया था ताकि लोगों को रजिस्ट्रेशन दिखाकर झांसे में लिया जा सके। कंपनी ने दो करोड की ठगी लोगों से की है। कंपनी संचालक ने सुभाषनगर में एक तीन मंजिला मकान में पोर्शन किराये पर लिया था, जिसके तीन महीने से ज्यादा का एडवांस भी जमा करवा दिया था।
ऐसे में भवन मालिक ने संचालक का वेरिफिकेशन भी नहीं करवाया। एसपी तेजस्वनी गौतम के अनुसार अब शहर में बिना वेरिफिकेशन के किरायेदार रखने पर मकानमालिक पर कार्यवाही की जाएगी। हालांकि शहर में पहले भी यह व्यवस्था बनाई गई थी लेकिन उसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पाई। एसपी के अनुसार अब किरायेदार का वेरिफिकेशन जरूरी होगा ताकि किरायेदार के बारे में सारी जानकारी पूर्व में ही सामने आ सके।



