महिला रोजगार योजना में पैसे का रियलिटी चेक:  ये लोन है, सिबिल खराब करेगा? बैंक ने कहा- नहीं, जीविका दीदी बोलीं- वापस नहीं करना है – Bettiah (West Champaran) News

महिला रोजगार योजना में पैसे का रियलिटी चेक: ये लोन है, सिबिल खराब करेगा? बैंक ने कहा- नहीं, जीविका दीदी बोलीं- वापस नहीं करना है – Bettiah (West Champaran) News


’10 हजार में कौन सा बिजनेस शुरू होता है। ये सिर्फ महिलाओं के लिए लोन है। नीतीश कुमार ने आपकी कीमत हर साल 500 रुपए की लगाई है। जो 2 लाख रुपए महिलाओं को दिए जाएंगे, उसका इन्हें ब्याज भी भरना होगा।

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अगर आपने ये 10 हजार रुपए रिटर्न नहीं किए तो फिर आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाएगा। इसके बाद आप बैंक से लोन नहीं ले पाएंगे। महिलाएं जो इसे दीपावली का बोनस समझ रहीं हैं, वो अपने पति की जान जोखिम में डाल रही हैं। उन्हें गिरवी रख रहीं हैं।’

नीतीश सरकार की महिला रोजगार योजना पर ये कमेंट फेमस यूट्यूबर और जन सुराज के नेता मनीष कश्यप ने किया है। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि सरकार महिलाओं के पतियों को गिरवी रख रही है।

मनीष के इस बयान के बाद दैनिक भास्कर की टीम रियलिटी चेक करने ग्राउंड पर पहुंची। हमने जीविका दीदी, लाभार्थी महिलाओं, बैंक मैनेजर और योजना से जुड़े BPM से बातचीत की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

हमें कोई पैसे वापस नहीं करने हैं, रोजगार करना है

सबसे पहले हमारी टीम चनपटिया प्रखंड पहुंची, जहां महिलाओं के चेहरे पर खुशी दिख रही थी। महिलाएं एक जगह पर बैठकर अपनी खुशियों को एक-दूसरे के साथ बांट रही थी।

इस ग्रुप में बैठी एक लाभार्थी सुनीता देवी से जब हमने पूछा, क्या आपके खाते में 10 हजार रुपए आ गए हैं। उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘हां…मुझे सरकारी योजना का फायदा लेने के लिए अपना आधारकार्ड, पासबुक और मोबाइल नंबर देना पड़ा है।

इसके बाद मेरे नाम से जीविका दीदी ने एक फॉर्म भरा है, जिसमें मेरे बारे में सारी जानकारी दी गई है। इसके बाद दीदी ने हम लोगों से कहा, इन पैसों से हमें कोई भी बिजनेस शुरू करना होगा।

जिन महिलाओं को ये पैसे मिल रहे हैं, उन सबको बिजनेस करना होगा, ताकि हम सभी महिलाएं अपने पैरों पर खड़े हो सकें। मेरे अकाउंट में 10 हजार आ चुका है। सरकारी योजना से मिला पैसा हमें सरकार को वापस नहीं करना है।’

योजना की लाभार्थी सुनीता देवी ने हमें बताया कि ये पैसा हमें वापस नहीं करना है। इससे हम बिजनेस करेंगे।

हमारे बगल में दूसरी लाभार्थी मीरा देवी बैठी थीं। हमने कहा, ये जो पैसे आ रहे हैं, उसका चुकता आप लोग कैसे करेंगी।

इस पर उन्होंने कहा, ‘ये पैसे हमें लौटाने नहीं हैं। ये तो हमें रोजगार शुरू करने के लिए मिला है, ताकि हम अपना परिवार चला सकें। ये हमें सरकारी योजना का लाभ मिला है।’

योजना की दूसरी लाभार्थी मीरा देवी ने भी हमसे यही कहा कि ये पैसे नहीं लौटाने है।

योजना की दूसरी लाभार्थी मीरा देवी ने भी हमसे यही कहा कि ये पैसे नहीं लौटाने है।

जीविका दीदियों ने सभी का भरा फॉर्म

लाभार्थी रानी शर्मा ने बताया, ‘हम लोगों को बैंक से कॉन्टैक्ट करने की जरूरत नहीं पड़ी। न ही हमारे घर कोई बैंककर्मी आया था। पैसे जमा करने की कोई बात नहीं आई है। हमें जो 2 लाख रुपए मिलेंगे उससे सिर्फ रोजगार करना है ये जानकारी दी गई है।’

लाभार्थी की बातों को जानने के बाद हम जीविका दीदी के पास पहुंचे। उनसे जाना कि कैसे फॉर्म भर रही हैं।

जीविका दीदी की कम्युनिटी मोबलाइजर पुनीता देवी ने बताया, ‘हम लोग महिलाओं से उनकी डिटेल्स लेकर उनके नाम पर फॉर्म भर रहे हैं। इसके बाद इस फॉर्म को CLF को जमा कर दे रहे हैं।’

‘3 तरह का फॉर्म एक-एक महिला का भराया जा रहा है। हम लोग महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं, इन पैसों से आप अपना रोजगार शुरू करें, ताकि आप आत्मनिर्भर बनें।

इन पैसों को रिटर्न करने की जानकारी हमें नहीं दी गई है। ये महिलाओं के बिजनेस में लगाने के लिए पैसे दिए गए हैं।’

इसके बाद हमारा तीसरा पड़ाव बैंक ऑफ इंडिया था, जहां हमें ये जानना था कि इस योजना का बैंक से क्या कनेक्शन है।

इन पैसों से बैंक का कोई डायरेक्ट कनेक्शन नहीं

बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर दीपक कुमार गुप्ता ने बताया,10 हजार रुपए जो महिलाओं के खाते में आ रहे हैं, उससे बैंक का कोई डायरेक्ट कनेक्शन नहीं है। बैंक न तो महिलाओं के कोई आवेदन को एक्सेप्ट कर रही है, न ही उन्हें कोई लोन दे रही है। जिन महिलाओं का खाता बैंक में है, उन्हें गवर्नमेंट के सोर्स एजेंसी जीविका दीदी के जरिए इसमें 10 हजार रुपए जमा हो रहे हैं।’

‘इस पूरी योजना में बैंक का रोल सिर्फ इतना ही है, जैसे ही सरकारी पैसा महिला के बैंक अकाउंट में आ रहा है, हमलोग वो उन्हें दे दे रहे हैं। सिबिल स्कोर खराब होने जैसी कोई बात नहीं है।’

हमारी टीम ने आखिर में जीविका के चनपटिया प्रखंड के प्रोजेक्ट मैनेजर से बात की। उनसे जाना कि फॉर्म कैसे भरना है, इसके लिए क्या-क्या करना होगा।

बैठक में महिलाओं से बात कर उनका फॉर्म भरा जाता है

जीविका के चनपटिया प्रखंड परियोजना प्रबंधक मनोज कुमार रजक ने बताया कि, ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इस पूरी प्रक्रिया की शुरुआत ग्राम संगठन की बैठक से होती है, जिसे सामुदायिक समूह संचालक(Community Mobilizer) आयोजित करते हैं।

बैठक से पहले सभी लाभार्थी महिलाओं को सूचना दी जाती है कि वे आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर साथ लेकर आएं। बैठक में उन्हें आवेदन की प्रक्रिया समझाई जाती है। इसके बाद लाइन बाई लाइन सभी का फॉर्म भरा जाता है। ग्राम संगठन के रजिस्टर में इसे दर्ज किया जाता है। इसके बाद तुरंत उसे पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है।

इस योजना के तहत जॉइंट फॉर्म तैयार होता है, जिसमें मिनिमम 15 महिलाओं का नाम दर्ज किया जाता है। इसमें नाम, पता, गांव, मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या और आधार कार्ड की जानकारी जरूरी है। फॉर्म सब्मिट होने के बाद सीधे संबंधित महिला के बैंक खाते में राशि भेज दी जाती है।’

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना मकसद

उन्होंने आगे बताया कि, ‘कुछ जगह पर ये अफवाह फैलाई जा रही है कि ये पैसे लोन हैं। इसे एक समय बाद चुकाना होगा। अगर आप पैसे वापस नहीं करेंगे तो इससे आपका सिबिल स्कोर पर असर पड़ेगा। यह पूरी तरह से गलत है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। बैंक की भूमिका केवल राशि ट्रांसफर करने तक सीमित है।

हमारी मंशा है कि महिलाएं इस प्रारंभिक सहयोग का उपयोग करके रोजगार शुरू करें। जब वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने की स्थिति में हों, तो भविष्य में उन्हें 2 लाख रुपए तक का अतिरिक्त सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा।’

क्या है मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजन

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे महिलाओं को स्वावलंबी बनाने और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि ग्रामीण और गरीब तबके की महिलाएं छोटे व्यवसाय या स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकें।



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