जबलपुर सीबीआई ने कोयला खदान के क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय जबलपुर में पदस्थ रहे क्षेत्रीय आयुक्त रविशंकर कश्यप के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। शुरुआती जांच में पता चला कि नौकरी में रहते हुए इन्होंने करोड़ों रुपए कमाए। वर्तमान मे
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सीबीआई ने नौरोजाबाद जिला उमरिया स्थित कार्यालय में पदस्थ लिपिक उमाशंकर तिवारी को मार्च माह में डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत के मामले में पकड़ा था। पूछताछ मे उमाशंकर ने बताया कि क्षेत्रीय आयुक्त के कहने पर रिश्वत ली थी। सीबीआई ने पीसी एक्ट की धारा 7 के अंतर्गत अधिनियम 1988 (2018 में संशोधित) और बीएनएस की धारा 61(2) के अंतर्गत कार्रवाई की । जबलपुर सीबीआई ने क्षेत्रीय आयुक्त कश्यप की आय और निवेश की कुंडली खंगाली तो पता चला कि आय से लगभग चार गुना अधिक संपत्ति उन्होंने अर्जित कर रखी थी।
ऐसे हुआ खुलासा
कटनी निवासी राज कुमार बर्मन के पिता नंदन बर्मन कुड़री कोयला खदान में कार्यरत थे। जिनकी 14 मई, 2021 को मृत्यु हो गई थी। उनकी भविष्य निधि का लगभग 50 लाख रुपए परिजनों को भुगतान होना था। संबंधित प्रकरण नौराजाबाद क्षेत्रीय कार्यालय में था। भुगतान के लिए मृतक कर्मी के पुत्र ने कार्यालय में पदस्थ लिपिक उमाशंकर तिवारी से संपर्क किया, उसने प्रक्रिया के लिए मृतक कर्मचारी के पुत्र को जबलपुर स्थित कोयल खदान के भविष्य निधि क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया, जहां पर तत्कालीन क्षेत्रीय आयुक्त रविशंकर कश्यप से मुलाकात हुई।
राजकुमार से पिता की पीएफ राशि निकलवाने के एवज में ढाई लाख रुपए की रिश्वत मांगी। बातचीत में सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हुआ। सीबीआई ने भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने 24 मार्च को उमाशंकर से पूछताछ की थी। जिसमें मामले में रविशंकर कश्यप की भूमिका सामने आयी थी। क्षेत्रीय आयुक्त को आरोपी बनाने के बाद उसकी संपत्तियों की जांच की गई।
शुरुआती जांच में अलग-अलग संपत्ति का पता चला
गुरुवार को सीबीआई ने रविशंकर कश्यप के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का मामला पंजीबद्ध किया है। शुरुआती जांच में आरोपित सेवानिवृत्त अधिकारी का एक और उसकी पत्नी के चार बैंक खाते मिले। पत्नी और परिवार के नाम पर अच्छी खासी राशि अलग-अलग मद से निवेश किए जाने का पता भी चला है। सीबीआई ने 2016-17 से 2024-25 तक क्षेत्रीय आयुक्त रहे रविशंकर के वेतन एवं संपत्तियों की जानकारी जुटाई है।