मुंबई4 घंटे पहले
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मनसे के चीफ राज ठाकरे लोकल ट्रेन से चर्चगेट स्टेशन पहुंचे।
मनसे चीफ राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि कल्याण, डोंबिवली, भिवंडी और पालघर के साढ़े 4 हजार मतदाताओं ने मालाबार हिल में भी मतदान किया था। इसकी पूरी लिस्ट मेरे पास है।
राज महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में हेराफेरी के विरोध में मुंबई में हुई महा विकास अघाड़ी (MVA) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की सभा को संबोधित कर रहे थे। सभा से पहले मुंबई के मेट्रो सिनेमा से लेकर बीएमसी कार्यालय तक रैली निकाली। इसमें NCP-SCP चीफ शरद पवार, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट भी शामिल हुए।
रैली में शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा कि
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोट चोरी की गई। हमारी पार्टी, नाम और चुनाव चिन्ह चोरी हो गए हैं, अब वोट चोरी हो रही है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और सीएम देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि विरोधियों को बेनकाब करेंगे। मैं देवेंद्र फडणवीस को खुली चुनौती देता हूं कि मुझे बेनकाब करें, दिखाएं कि हमें कैसे फायदा हो रहा है।


मनसे चीफ राज ठाकरे लोकल ट्रेन से चर्चगेट स्टेशन पहुंचे। यहां से रैली में शामिल हुए।
भाजपा बोली- ये फैशन शो
MVA-मनसे की रैली को मुंबई बीजेपी प्रेसिडेंट अमित साटम ने ‘फैशन शो’ बताया। उन्होंने कहा कि यह MVA की दोगली पॉलिटिक्स है, जब वे जीतते हैं, तो यह डेमोक्रेसी है और जब वे हारते हैं, तो वे EVM को दोष देते हैं। वे लोगों का अपमान कर रहे हैं।
शरद बोले- यह संघर्ष मुझे इतिहास की याद दिलाता है
शरद पवार ने कहा कि आज का मार्च मुझे 1978-89 के दौर की याद दिलाता है। उस दौरान मैं कॉलेज में पढ़ता था। संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान काला घोड़ा इलाके में भी इसी तरह के मार्च निकाले गए थे। उन मार्च में विचारों की एकता और लोगों का दृढ़ संकल्प साफ दिखाई देता था। आज आपने जो एकता दिखाई है, वह मुझे उस समय की याद दिलाती है।
उन्होंने कहा कि हम अपने लिए कुछ नहीं मांग रहे, न सत्ता और न ही पद। हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि लोकतंत्र में संविधान प्रदत्त अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। संविधान में कही गई हर बात का पालन होना चाहिए, लेकिन सत्ताधारी दल अपनी मनमर्जी से नियमों में ढील देने लगे, तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। हम सब आज उस खतरे का सामना करने के लिए एक साथ आए हैं।

वोट चोरी पर प्रदर्शन के पहले महा विकास अघाड़ी ने 30 अक्टूबर को मीटिंग की थी।
20 साल बाद एक हुए उद्धव-राज

2006 में बाला साहेब ठाकरे की रैली में साथ दिखने के करीब 20 साल बाद जुलाई 2025 में एक मंच पर साथ नजर आए थे। उद्धव को शिवसेना का मुखिया बनाने के बाद राज ने अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाई थी। तब दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे। रैली के बाद उद्धव-राज की यह फोटो शिवसेना ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।
लोकल बॉडी इलेक्शन से पहले लगाया था फर्जी वोटर्स जोड़ने का आरोप
मुंबई में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मनसे प्रमुख ने कहा था कि हमें पता चला है कि 96 लाख फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं। यह महाराष्ट्र और देश के मतदाताओं का अपमान है। सभी समूह अध्यक्षों, शाखा अध्यक्षों और चुनाव सूची प्रमुखों को घर-घर जाकर वोटों की गिनती करनी चाहिए। मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करता हूं कि जब तक यह सब साफ नहीं हो जाता, तब तक महाराष्ट्र में चुनाव न कराए जाएं।
जानिए, राज और उद्धव ठाकरे के बीच फूट कैसे पड़ी थी…

2003 में महाबलेश्वर में पार्टी का अधिवेशन हुआ। यहां बाला साहेब ठाकरे ने राज से कहा कि उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष अनाउंस करो।
1989 से राजनीति में सक्रिय हैं राज ठाकरे: 1989 में राज ठाकरे 21 साल की उम्र में शिवसेना की स्टूडेंट विंग, भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष थे। राज इतने सक्रिय थे कि 1989 से लेकर 1995 तक 6 साल के भीतर उन्होंने महाराष्ट्र के कोने-कोने के अनगिनत दौरे कर डाले। 1993 तक उन्होंने लाखों की तादाद में युवा अपने और शिवसेना के साथ जोड़ लिए। इसका नतीजा ये हुआ कि पूरे राज्य में शिवसेना का तगड़ा जमीनी नेटवर्क खड़ा हो गया।
2005 में शिवसेना पर उद्धव हावी होने लगे: 2002 तक राज ठाकरे और उद्धव शिवसेना को संभाल रहे थे। 2003 में महाबलेश्वर में पार्टी का अधिवेशन हुआ। बालासाहेब ठाकरे ने राज से कहा- ‘उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाओ। राज ने पूछा, ‘मेरा और मेरे लोगों का क्या होगा।’ 2005 तक उद्धव पार्टी पर हावी होने लगे थे। पार्टी के हर फैसले में उनका असर दिखने लगा था। ये बात राज ठाकरे को अच्छी नहीं लगी।
राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ी, MNS का ऐलान किया : 27 नवंबर 2005 को राज ठाकरे के घर के बाहर हजारों समर्थकों की भीड़ इकट्ठा हुई। यहां राज ने समर्थकों से कहा, ‘मेरा झगड़ा मेरे विट्ठल (भगवान विठोबा) के साथ नहीं है, बल्कि उसके आसपास के पुजारियों के साथ है।
कुछ लोग हैं, जो राजनीति की ABC को नहीं समझते हैं। इसलिए मैं शिवसेना के नेता के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। बालासाहेब ठाकरे मेरे भगवान थे, हैं और रहेंगे।’
9 मार्च 2006 को शिवाजी पार्क में राज ठाकरे ने अपनी पार्टी ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ यानी मनसे का ऐलान कर दिया। राज ने मनसे को ‘मराठी मानुस की पार्टी’ बताया और कहा- यही पार्टी महाराष्ट्र पर राज करेगी।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की 12 जून को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात हुई थी। ये मीटिंग मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में करीब डेढ़ घंटे तक चली थी। यह कार्यक्रम CM फडणवीस के शेड्यूल में शामिल नहीं था। पूरी खबर पढ़ें…



