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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column If You Preserve Human Efficiency, Your Victory Is Certain.
3 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
हमें अपने बच्चों को देना तो पड़ता ही है। वो चाहे दौलत मांगें या स्वतंत्रता। लेकिन बच्चों को सिखाते जाएं कि लेना क्या है, इसका विवेक जगा लो। नौकरी की बात करें तो इसमें तीन बातें हैं। रिज्यूमे से प्रवेश होता है, सीटीसी से वो चलती है और रेजिग्नेशन या फायर पर समाप्त हो जाती है। इस बीच यदि आप टिकना चाहें तो एक ही चीज आपको टिका सकती है और वो है- ह्यूमन एक्सीलेंस।
अब इस मानवीय दक्षता को श्रीकृष्ण से जोड़ लें। महाभारत के युद्ध के पहले कृष्ण घोषणा कर चुके थे कि एक तरफ मेरी सेना, एक तरफ मैं, लेकिन मैं शस्त्र नहीं उठाऊंगा। जो भी मुझे लेना चाहें। बिल्कुल बच्चों की तरह अर्जुन और दुर्योधन लेने पहुंच गए। लेकिन अर्जुन का विवेक जागा हुआ था।
वो मां कुंती से संचालित था। दुर्योधन का विवेक संचालित हो रहा था शकुनि से। अर्जुन ने कह दिया आप मेरे साथ रहिए। दुर्योधन सेना मांगकर ले आया। यहीं चूक हो गई। हम जीवन में परमशक्ति रूपी दक्षता को बचाए रखें तो फिर महाभारत में जीत सुनिश्चित है।



