बरवाडीह की नीलम देवी नर्सरी से कमा रही लाखों:  एक एकड़ में लगाई पौधों की नर्सरी, अच्छी आमदनी के साथ दूसरों को कर रहीं प्रेरित‎ – Barwadih News

बरवाडीह की नीलम देवी नर्सरी से कमा रही लाखों: एक एकड़ में लगाई पौधों की नर्सरी, अच्छी आमदनी के साथ दूसरों को कर रहीं प्रेरित‎ – Barwadih News


शादी के बाद लम्बे समय तक घर की चहारदीवारी तक सीमित रही। जब‎ महिला समूह से जुड़ी तो जीवन में एक नया रास्ता मिला। महिला समूह से जुड़ने से न केवल विभिन्न सरकारी‎ योजनाओं की जानकारी मिली, बल्कि प्रखंड स्तर पर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने वाली योजनाओं से भी‎

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एक एकड़ जमीन पर नर्सरी की शुरुआत की। प्रारंभ में यह एक‎ छोटा प्रयास था, लेकिन धीरे-धीरे यह बड़ा रूप लेता गया।

मैंने अपनी एक एकड़ जमीन पर नर्सरी की शुरुआत की। प्रारंभ में यह एक‎ छोटा प्रयास था, लेकिन धीरे-धीरे यह बड़ा रूप लेता गया। वर्ष 2022-23 में मेरे नर्सरी में तैयार किए गए आम के‎ पौधों की आपूर्ति मनरेगा के आम बागवानी योजना के तहत की जाने लगी। पहली बार वर्ष, 2023 में न केवल‎ अपने प्रखंड क्षेत्र में, बल्कि कई अन्य प्रखंडों में भी आम के पौधों की आपूर्ति की।

हर साल 5 लाख रुपए की कर रही कमाई

आज अपनी नर्सरी से हर साल‎ लगभग ₹5 लाख की आय होती है। जबकि, पहले पूरे परिवार के लिए ₹5,000 कमाना भी मुश्किल था। वर्तमान‎ में मेरे नर्सरी में न केवल आम के पौधों, बल्कि कीमती लकड़ी, फलदार और छायादार वृक्षों की भी बिक्री बड़े‎ पैमाने पर होती है।‎

मेरे और मेरे परिवार के जीवन स्तर में सुधार लाने में पंचायत के रोजगार सेवक कमलेश सिंह,‎ मुखिया बुद्धेश्वर सिंह, जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर और बीडीओ रेखा रेशमा मिंज का मार्गदर्शन बेहद अहम‎ रहा है।

कंचनपुर गांव की रीना देवी, सैदप की कौशिला देवी, बभंडी गांव की मंजू सिंह समेत आधा दर्जन से‎ अधिक लोग नीलम देवी से प्रेरित होकर नर्सरी तैयार कर पौधे बेचकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं।

नीलम बताती हैं कि मुझे देखकर कई किसानों ने यह काम किया।‎

नीलम बताती हैं कि मुझे देखकर कई किसानों ने यह काम किया।‎

खेती में इस नए‎ प्रयोग में मेरी सफलता में मेरे पति का बराबर का साथ रहा। पति प्रमोद सिंह हर कदम पर मेरा साथ देते हैं। आज‎ जो भी सफलता मिली है, उसमें पति का योगदान अहम है। मुझे देखकर कई किसानों ने यह काम किया।‎

महिला समूह ने जीवन की दिशा बदली, आत्मनिर्भर बनीं‎

महिला समूह से जुड़ने के बाद जेएसएलपीएस और मनरेगा के तहत भरपूर सहयोग मिला, जिसने मेरे जीवन की‎ दिशा बदल दी। आज मैं न केवल आत्मनिर्भर हुं, बल्कि अन्य महिला समूहों से जुड़ी ‘दीदियों’ को प्रेरित और‎ प्रशिक्षित भी करती हुं। आज पूरे जिले की दर्जनों महिलाएं उनके प्रयासों से प्रेरित होकर कृषि और नर्सरी के क्षेत्र में‎ आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। जो मेरे जीवन काल की सबसे बड़ी उपलब्धि है।‎

नीलम देवी मैट्रिक पास हैं और वर्तमान में लगभग 2 एकड़ जमीन पर खेती कर रही हैं।

नीलम देवी मैट्रिक पास हैं और वर्तमान में लगभग 2 एकड़ जमीन पर खेती कर रही हैं।

जानिए… कौन हैं नीलम देवी‎

नीलम देवी मैट्रिक पास हैं और वर्तमान में लगभग 2 एकड़ जमीन पर खेती कर रही हैं। आज मेहनत और‎ तकनीक के सहारे सालाना ₹5 लाख रुपए की आमदनी कर लेती हैं। गांव और आसपास के लोग भी इनकी‎ खेती को देखकर प्रेरित होते हैं।

कुछ लोग जानकारी लेते आते हैं जिन्हें स्वेच्छा से वे पूरी जानकारी देते हैं।‎ इससे भी बढ़िया खेती कर सकें। नीलम की एक बेटी और दो बेटा हैं। बेटी बीए कर रही है और घर के समीप‎ प्रज्ञा केंद्र भी चला रही है। एक बेटा मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। जबकि, दूसरा 8वीं कक्षा में है।‎



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