दुर्गा पूजा पंडाल में आरती के दौरान रविवार की रात दर्दनाक हादसा हो गया। फरीद नगर लाल मैदान के पास लगे माता के पंडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी। इसी बीच नो एंट्री जोन में तेज रफ्तार से आया हाइवा ट्रक 8 साल के मासूम सूर्या धुर्वे को अपनी चपेट में
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हादसे के बाद इस तरह सड़क पर टूटा पड़ा था कांच।

इसी ट्रक से हुआ हादसा, स्थानीय लोगों ने की तोड़फोड़।
आरती के बीच हुआ हादसा जानकारी के मुताबिक, सुपेला थाना क्षेत्र के डेरा बस्ती के पास रविवार शाम करीब 6 से 7 बजे के बीच माता रानी की आरती हो रही थी। इलाके के सैकड़ों लोग माता के दर्शन और आरती में शामिल होने पहुंचे थे। इसी दौरान अचानक तेज रफ्तार हाइवा पंडाल के सामने से निकला और वहां मौजूद सूर्या धुर्वे (12) को अपनी चपेट में ले लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाइवा चालक ने वाहन रोकने की कोशिश भी नहीं की। बच्चा ट्रक के नीचे घिसटता चला गया और कुछ दूरी पर उसका हाथ अलग होकर सड़क पर गिर पड़ा।

इसी पंडाल में चल रही थी आरती, बाहर हुआ बड़ा हादसा।
वाहन चालक की जमकर पिटाई हादसा देखते ही श्रद्धालुओं में गुस्सा फूट पड़ा। लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और हाइवा को रोक लिया। देखते ही देखते भीड़ ने वाहन पर पथराव शुरू कर दिया। ट्रक का शीशा और बॉडी तोड़ दी गई। चालक को भी लोगों ने पकड़कर बेरहमी से पीटा। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को सूचना दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह चालक को भीड़ से बचाकर अस्पताल भेजा। घायल बच्चे को स्पर्श अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने वाहन को घेर लिया और तोड़फोड़ की।
पुलिस ने बचाया वाहन चालक को भिलाईनगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। गुस्साए लोग चालक पर हमला कर रहे थे। पुलिस ने किसी तरह उसे भीड़ से छुड़ाया और इलाज के लिए सुपेला अस्पताल भेजा। साथ ही हाइवा को जब्त कर लिया गया है। फिलहाल आरोपी चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हादसे की पूरी जांच की जा रही है।
अस्पताल में भर्ती मासूम, हालत गंभीर गंभीर रूप से घायल सूर्या को स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में स्पर्श अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया है। बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। पंडाल में मौजूद लोगों ने बताया कि हर साल यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं, लेकिन इस बार ऐसी लापरवाही ने उत्सव को खौफनाक बना दिया। लोगों का कहना है कि संकरी गलियों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में भारी वाहनों की आवाजाही पर पहले ही रोक लगनी चाहिए थी।