काशीनाथ ने जीती 160 KM की ‘द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन’:  16 घंटे 51 मिनट में पूरी की रेस, लोंगेवाला तक 1100 धावकों ने लिखी शौर्य की नई गाथा – Jaisalmer News

काशीनाथ ने जीती 160 KM की ‘द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन’: 16 घंटे 51 मिनट में पूरी की रेस, लोंगेवाला तक 1100 धावकों ने लिखी शौर्य की नई गाथा – Jaisalmer News


जैसलमेर। 160 किमी अल्ट्रा मैराथन के विजेता काशीनाथ कटारे।

जैसलमेर के लोंगेवाला में रविवार खत्म हुई 160 किमी की ‘द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन’ को काशीनाथ कटारे ने जीत ली है। काशीनाथ कटारे निवासी महाराष्ट्र ने यह दुर्गम दूरी मात्र 16 घंटे 51 मिनट में पूरी की। उनके बाद, पुलकित जैन ने 17 घंटे 8 मिनट के समय के साथ दू

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इस साल 1100 से अधिक धावकों ने रेतीले, दुर्गम रास्तों और अप्रत्याशित मौसम की परिस्थितियों का सामना करते हुए इस महादौड़ में हिस्सा लिया। यह भारत की एकमात्र ‘पॉइंट टू पॉइंट 100 मील’ की दौड़ है, जो प्रतिभागियों को उनकी शारीरिक और मानसिक सीमाओं से आगे बढ़ने की चुनौती देती है। दिन-रात दौड़ते हुए, इन धावकों ने फिनिश लाइन पार की।

100 किलोमीटर (KM) श्रेणी में अजय खंडेलवाल ने 9 घंटे 38 मिनट में पहला स्थान प्राप्त किया।

शहर से लोंगेवाला तक हुआ आयोजन

हेल रेस संस्था के आयोजक विश्वास सिंधु ने बताया- देश के वीर जवानों के शौर्य को श्रद्धांजलि देने और उनका उत्साहवर्धन करने के उद्देश्य से हर साल आयोजित होने वाली प्रतिष्ठित ‘द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन’ इस वर्ष कई मायनों में ऐतिहासिक रही।

जैसलमेर से शुरू होकर भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित ऐतिहासिक लोंगेवाला चौकी तक 160 किलोमीटर (100 मील) की चुनौतीपूर्ण दूरी तय करने वाली इस दौड़ ने एक बार फिर देश के सबसे कठिन और प्रेरणादायक अल्ट्रा मैराथन के रूप में अपनी पहचान मजबूत की।

देश भर के 1100 धावकों ने लिया हिस्सा।

देश भर के 1100 धावकों ने लिया हिस्सा।

160 KM मैराथन काशीनाथ कटारे ने जीती

शनिवार दोपहर 12 बजे इनडोर स्टेडियम से शुरू हुई ये रेस लोंगेवाला जाकर खत्म हुई। 100 मील (160 किलोमीटर) की सबसे कठिन श्रेणी में, पुरुष धावक काशीनाथ कटारे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत अपने नाम की।

कटारे ने यह दुर्गम दूरी मात्र 16 घंटे 51 मिनट में पूरी की। उनका यह प्रदर्शन न केवल उनकी अद्भुत सहनशक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय अल्ट्रा-रनिंग अंतरराष्ट्रीय मानकों को छू रही है।

उनके बाद, पुलकित जैन ने 17 घंटे 8 मिनट के समय के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि एमडी शकील ने 17 घंटे 14 मिनट में दौड़ पूरी कर तीसरा स्थान हासिल किया।

160 KM मैराथन काशीनाथ कटारे ने जीती

160 KM मैराथन काशीनाथ कटारे ने जीती

100 KM और 50 KM की श्रेणियों में भी शानदार प्रदर्शन- मैराथन को तीन प्रमुख श्रेणियों में आयोजित किया गया था।

100 किलोमीटर (KM) श्रेणी:

पुरुष वर्ग: अजय खंडेलवाल ने 9 घंटे 38 मिनट में पहला स्थान प्राप्त किया।

महिला वर्ग: स्वेता राव ने 11 घंटे 33 मिनट के प्रभावशाली समय के साथ प्रथम स्थान हासिल किया।

50 किलोमीटर (KM) श्रेणी:

पुरुष वर्ग: सुगोराव गोस्वामी 3 घंटे 56 मिनट में विजेता बने।

महिला वर्ग: सोनिया राणा ने 5 घंटे 17 मिनट में अपनी पहुंच सुनिश्चित की और महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया।

सभी विजेता धावकों को बाद में एक समारोह में पुरस्कृत किया गया।

50 किलोमीटर (KM) श्रेणी में सुगोराव गोस्वामी 3 घंटे 56 मिनट में विजेता बने।

50 किलोमीटर (KM) श्रेणी में सुगोराव गोस्वामी 3 घंटे 56 मिनट में विजेता बने।

लोंगेवाला: जहां जज्बा और श्रद्धांजलि मिलती है

आयोजक विश्वास कुमार ने बताया- ‘द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन’ सिर्फ एक दौड़ नहीं है, बल्कि यह देशभक्ति, समर्पण और सैन्य सम्मान का प्रतीक है। मैराथन का समापन लोंगेवाला में होता है, जो 1971 के युद्ध के ऐतिहासिक महत्व के कारण हर भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान रखता है।

लोंगेवाला पहुंचने के बाद, सभी धावकों ने युद्ध शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। यह पल प्रतिभागियों के लिए सबसे भावुक और प्रेरणादायक होता है, जो उन्हें याद दिलाता है कि उन्होंने यह कठिन दौड़ सिर्फ एक खेल के रूप में नहीं, बल्कि उन वीर सपूतों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए पूरी की है जिन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

अपर्णा चौधरी ने महिला वर्ग में सबसे पहले 160 किमी की अल्ट्रा मैराथन दौड़ पूरी की।

अपर्णा चौधरी ने महिला वर्ग में सबसे पहले 160 किमी की अल्ट्रा मैराथन दौड़ पूरी की।

अल्ट्रा मैराथन का बढ़ता कद

2018 इस मैराथन का आगाज 40 धावकों के साथ किया गया था। पिछले कुछ वर्षों में, इस अल्ट्रा मैराथन की प्रतिष्ठा और भागीदारी लगातार बढ़ी है। शुरुआती दौर में जहां यह दौड़ कुछ अल्ट्रा-धावकों के लिए एक चुनौती मात्र थी, वहीं अब यह देश भर के फिटनेस प्रेमियों, सैन्य कर्मियों और युवा धावकों के लिए एक प्रमुख वार्षिक आयोजन बन चुका है।

यह दौड़ हर प्रतिभागी के आत्म-संयम, दृढ़ संकल्प और जज्बे की अंतिम परीक्षा लेती है। यह आयोजन भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न होता है, जो धावकों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करते हैं। ‘द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन’ अब भारत के अल्ट्रा-रनिंग कैलेंडर में एक अनिवार्य इवेंट बन चुकी है, जो न केवल शारीरिक सीमाओं को तोड़ती है, बल्कि शौर्य भूमि के इतिहास को भी सलाम करती है।

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जैसलमेर में ‘द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन’ की शुरुआत हो चुकी है। दावा है कि ये देश की सबसे मुश्किल अल्ट्रा मैराथन में से एक है। इसकी शुरुआत दोपहर 12 बजे इंदिरा स्टेडियम से हुई। इस मैराथन को ‘द हेल रेस संस्था’ द्वारा आयोजित करवाया जा रहा है। इसमें करीब 1 हजार से ज्यादा प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। खास बात है कि जैसलमेर से लोंगेवाला तक ये रेस तीन कैटेगरी में होगी। इसमें 50,100 और 160 किलोमीटर का रूट है। वहीं देशभर बिगड़े इंडिगो के फ्लाइट शेड्यूल का असर इस मैराथन में भी देखने को मिला है। इसमें हिस्सा लेने के लिए 1200 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन किया था। लेकिन, फ्लाइट की वजह से 100 एथलीट नहीं पहुंच पाए। शनिवार को होने वाली इस मैराथन में जैसलमेर के एडीएम कलेक्टर परसा राम सैनी, यूआईटी सचिव सुखराम पटेल और नगरपरिषद कमिश्नर लजपाल सिंह सोढा भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। वे 50 किमी की मैराथन में भाग ले रहे हैं।

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