करनाल की नगरपालिका का कुर्सी घोटाले का मामला:  यूथ कांग्रेस के रडार पर चेयरपर्स, आरोप पर दी सुनीता अरड़ाना ने अपनी सफाई – Karnal News

करनाल की नगरपालिका का कुर्सी घोटाले का मामला: यूथ कांग्रेस के रडार पर चेयरपर्स, आरोप पर दी सुनीता अरड़ाना ने अपनी सफाई – Karnal News


तोल के दौरान जांच में कब पाया गया कुर्सियों का वेट।

करनाल जिला में असंध नगरपालिका की कुर्सी घोटाले में ठेका कंपनी डिबार्ड होने के बाद नगरपालिका चेयरपर्सन सुनीता अरड़ाना यूथ कांग्रेस के रडार पर आ गई है। यूथ कांग्रेस के (ग्रामीण) जिला अध्यक्ष रजत लाठर ने अपने सोशल मीडिया हेंडलर पर चेयरपर्सन की जेई और एम

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इस काम को दी लक्ष्य कॉ-ऑपरेटिव लैंडों सोसायटी लिमिटेड नामक एजेंसी ने पूरा किया है। रजत के मुताबिक, इस काम की अनुमानित लागत लगभग 41.48 लाख रुपए थी। फिलहाल बिल में 12.68 लाख रुपए (ग्रॉस) और 11.29 लाख रुपए (नेट अमाउंट) भुगतान के लिए दिखाया गया है और यह बिल की पहली किस्त का अमाउंट है। गुणवत्ता और मात्रा की संयुक्त रूप से जांच की गई, जिसके बाद काम को संतोषजनक पाया और कहा है कि भुगतान एजेंसी को किया जा सकता है। जिस पर चेयरपर्सन, एमई,जेई, सोशल पर्सन और इंजीनियर ने भुगतान अदा करने के लिए हस्ताक्षर किए हुए है।

असंध नगरपालिका की चेयरपर्सन सुनीता अरड़ाना कुर्सियों का वेट करवाते हुए की वायरल फोटो।

यूथ कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल कांग्रेस नेता और शिकायतकर्ता रजत लाठर ने पोस्ट के साथ जो तस्वीर शेयर की है, वह 5 जून 2025 की है और उसके बाद कुर्सियों को शहर के विभिन्न वार्डो में लगा दिया गया, लेकिन 27 जून को जैसे ही मामला सुर्खियों में आया तो रातों रात कुर्सियों को वार्डो से हटवा भी दिया। जिलाध्यक्ष एवं शिकायतकर्ता रजत लाठर ने बीजेपी की चेयरमैन सुनीता पर गंभीर सवाल उठाए है और सवाल उठाते हुए अपनी पोस्ट में लिखा कि असंध नगरपालिका के कुर्सी घोटाला में क्योंकि नगरपालिका चेयरमैन सुनीता रानी भाजपा से हैं तो क्या इसलिए उन पर कोई चार्ज नहीं लगाया गया? ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ये जनता की मेहनत का पैसा हैं चेयरमैन पर जाँच हर हाल में होनी चाहिए।

मैं आप सभी के साथ एक फ़ोटो साझा कर रहा हूँ, इस फोटो में आप देख सकते हैं कि जब वार्डों में कुर्सियाँ रखने से पहले वज़न किया जा रहा था, उस वक़्त सुनीता रानी भी एमई और जेई के साथ वहाँ पर मौजूद थी और उसके बाद उन्होंने बिल पर साइन किया तो यह सारा काम इनकी देखरेख में हुआ और मिलीभगत का भी सीधा प्रतीत हो रहा हैं, तो जब एमई, जेई, सुपरवाइज़र और ठेकेदार सब पर कार्रवाई की गई, अब जाँच रिपोर्ट मुख्यालय तक जा चुकी हैं और जल्दी ही बड़ी कार्यवाही इन पर होने वाली है तो ऐसे में सुनीता रानी पर कोई कार्यवाही क्यों नही? इस पर विपक्ष चुप नहीं बैठेगा। हर भ्रष्टाचारी पर कड़ी कार्यवाही करवा कर ही रहेंगे। सत्यमेव जयते।

नगर पालिका द्वारा पास किए गए बिल पर सभी अधिकारियों व चेयरपर्सन के साइन किए बिल का फोटो।

नगर पालिका द्वारा पास किए गए बिल पर सभी अधिकारियों व चेयरपर्सन के साइन किए बिल का फोटो।

तस्वीर शेयर होने के बाद नगरपालिका में हड़कंप सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद असंध नगरपालिका में हड़कंप की स्थिति है। ऐसे में अब कांग्रेस बीजेपी की चेयरमैन की संलिप्तता की जांच करवाने की बात कह रहा है। वहीं रजत लाठर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि कुर्सियों के वजन के दौरान चेयरमैन सुनीता अरड़ाना मौके पर है और वजन करवाते हुए दिखाई दे रही है। इसका मतलब उन्हें इस बात का पता था कि कुर्सियों का वजन कितना है,

जेई और एमई ने कुर्सियों को नगरपालिका की शर्तो की कसौटी पर खरा उतार दिया और साइन करके पहली किस्त के भुगतान की भी तैयारी कर ली। फिर भी सुनीता यह कहती है कि हमने 69 कुर्सियों का वजन संयुक्त किया और उसके अनुसार ही बिल बनाया, तो सवाल यह उठता है कि अगर सब कुछ सही था तो वार्डो में लगी लगाई कुर्सियों को क्यों रातों रात उतरवा लिया गया। जब सब कुछ सही था तो ठेका कंपनी तीन साल के लिए क्यों बैन कर दी गई।

ठेकेदार की फर्म पर खुद काम करने वाले आरोपी HKRM कर्मचारी का फोटो जिसने बनवाई थी से कुर्सिया।

ठेकेदार की फर्म पर खुद काम करने वाले आरोपी HKRM कर्मचारी का फोटो जिसने बनवाई थी से कुर्सिया।

सबकुछ चेयरमैन की आंखों के सामने हुआ सबकुछ चेयरमैन की आंखों के सामने हुआ, लेकिन उन्होंने बिना किसी चेकिंग के ही बिलों पर साइन कर दिए। अगर वे यह बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है कि यह टेंडर उनसे पहले चेयरमैन के समय में हुआ था तो क्या नए चेयरमैन की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह पिछले चेयरमैन के द्वारा किए गए कार्यो की समीक्षा करे? सवाल बहुत है। क्योंकि जितनी जिम्मेदारी एमई और जेई की बनती थी, उससे कही ज्यादा जिम्मेदारी चेयरमैन की बनती है। कुर्सी घोटाले में बीजेपी की चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई के लिए यूथ कांग्रेस एक ओर शिकायत देगा, ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके और कुर्सी घोटाले के घोटालेबाज बेनकाब हो सके।

क्या कहती है नगरपालिका असंध की चेयरमैन सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट और कुर्सी घोटाले के सवाल पर असंध की चेयरमैन सुनीता अरड़ाना ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि मुझे टेक्निकल जानकारी नहीं है। जहां तक फोटो की बात है, मैं कहीं पर अपनी गाड़ी में जा रही थी, तो मैने जेई और एमई को देखा। उन्होंने भी मुझे देखा और गाड़ी को हाथ देकर रूकवा लिया और मैं भी उनके पास जाकर खड़ी हो गई, मुझे थोड़े ही पता था कि कोई फोटो खींची जा रही है। मैं कुछ ही देर खड़ी हुई थी और हाय हैल्लो करके चली गई। कुर्सियों के वजन को लेकर मेरे को कुछ भी नहीं पता। मैं तो नई-नई चेयरमैन बनी थी। मेरे को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

असंध में कुर्सी घोटाले को लेकर पीसी करते पूर्व काग्रेंसी विधायक शमशेर सिंह गोगी।

असंध में कुर्सी घोटाले को लेकर पीसी करते पूर्व काग्रेंसी विधायक शमशेर सिंह गोगी।

अब सिलसिलेवार ढंग से समझिए पूरा मामला… दो महीने पहले लगी थी 214 स्टील की कुर्सियां करीब दो महीने पहले असंध नगरपालिका ने शहर के सार्वजनिक स्थलों पर 214 स्टील की कुर्सियां लगवाई थीं। लेकिन बीती 27 जून को विरोध होने पर इन्हें रातों-रात उखाड़कर एक खाली प्लॉट में डंप कर दिया गया। इस मामले को यूथ कांग्रेस ने जोर-शोर से उठाया और करनाल व असंध में विरोध-प्रदर्शन किए। शिकायतकर्ता रजत लाठर ने ही इस घोटाले की शिकायत दर्ज करवाई थी। मामला गर्माने पर जांच शुरू हुई।

टेंडर में भारी गड़बड़ी, वजन और कीमत दोनों पर सवाल नगरपालिका ने जनवरी 2024 में 214 स्टील कुर्सियों के लिए टेंडर पास किया था। टेंडर के अनुसार, हर कुर्सी का वजन 50 किलो होना तय था, लेकिन मौके पर जांच में वजन केवल 30 से 35 किलो के बीच निकला। इतना ही नहीं, प्रति किलो 396 रुपए की दर से खरीद दिखाई गई, जबकि बाजार भाव केवल 225 रुपए प्रति किलो था। इस हिसाब से एक कुर्सी पर करीब 8 हजार रुपए की गड़बड़ी और 214 कुर्सियों में कुल 17 लाख से अधिक का सीधा घोटाला सामने आया।

इन कुर्सियों के बनाने में किया गया लाखों रुपए का घोटाला।

इन कुर्सियों के बनाने में किया गया लाखों रुपए का घोटाला।

8 हजार रुपए प्रति कुर्सी का घोटाला सामने आया शिकायतकर्ताओं ने बताया कि टेंडर में ग्रेड 304 स्टील की शर्त रखी गई थी, लेकिन मौके पर लगी कुर्सियों में न तो ग्रेड का कोई मार्का था और न ही गुणवत्ता। टेंडर की कुल राशि 42 लाख 37 हजार 200 रुपए थी। यह टेंडर लक्ष्य को-ऑपरेटिव सोसाइटी को दिया गया था। शर्तों के मुताबिक, काम एक साल में पूरा होना था, लेकिन कुर्सियां डेढ़ साल बाद मई 2025 के अंत में आईं और जून तक शहर के 17 वार्डों में लगाई गईं।

जांच शुरू होने के बाद कुर्सियों का उखाड़ा जाना बना सवाल कांग्रेस नेताओं ने पूरे मामले को लेकर 2 जुलाई को असंध एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। लेकिन कुर्सियों को सार्वजनिक स्थलों से हटाने और प्लॉट में डंप करने की कार्रवाई ने पूरे मामले को और संदिग्ध बना दिया।

अधिकारियों पर भी गाज गिरने की उम्मीद कांग्रेस नेता रजत लाठर ने बताया कि मैंने मुख्यमंत्री हरियाणा को भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। जिसके बाद निगम आयुक्त करनाल ने चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। जिसमें डीएमसी अभय सिंह, रिटायरर्ड मुख्य अभियंता तकनीकी सलाहकार महीपाल सिंह, वरिष्ठ लेखा अधिकारी बलविंद्र कुमार तथा सहायक अभियंता प्रेम सिंह शामिल थे। रजत का कहना है कि असंध नगरपालिका के भ्रष्टाचार की पोल अब खुल चुकी है। ठेकेदार कंपनी को डिबार्ड कर दिया गया है। जिसकी पुष्टि नगरपालिका सचिव प्रदीप जैन ने भी की थी और बताया था कि ठेकेदार सुनील गर्ग की कंपनी को डिबार्ड कर दिया गया है।



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