दोहा11 घंटे पहले
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रविवार को इस्लामी देशों के विदेश मंत्रियों ने इजराइल के खिलाफ बंद कमरे में मीटिंग की।
कतर की राजधानी दोहा में आज मुस्लिम देशों के 50 नेता इजराइल के खिलाफ एक खास बैठक के लिए इकट्ठा हुए हैं। यह बैठक अरब लीग और ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने बुलाई है।
इसका मकसद 9 सितंबर को कतर पर हुए इजराइली हमले का जवाब देना है। इस हमले में हमास के 5 मेंबर और एक कतरी सुरक्षा अधिकारी मारा गया था।
यह हमला उस समय हुआ जब हमास की एक टीम गाजा में दो साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका के प्रस्ताव पर बात करने दोहा में थी।
आज की मीटिंग से पहले ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने मुस्लिम देशों से इजराइल के साथ रिश्ते तोड़ने को कहा है। उन्होंने इस्लामिक देशों से एकजुट होने की अपील की। वहीं, पाकिस्तान ने सभी इस्लामी देशों को NATO जैसे जॉइंट फोर्स बनाने का सुझाव दिया।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी इजराइल को लेकर सख्त बयान दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जरूरी है और कोई भी देश यह न सोचे कि वह गाजा युद्ध से बचा रहेगा।

इस्लामिक कोऑपरेशन की इमरजेंसी बैठक के लिए 50 से ज्यादा इस्लामी देशों के नेता कतर पहुंचे।
विदेश मंत्रियों ने रविवार को बंद कमरे में मीटिंग की
रविवार को इस्लामी देशों के विदेश मंत्रियों ने दोहा में इजराइल के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर बंद कमरे में एक बैठक की थी।
इस दौरान कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल थानी ने इजराइली हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि कतर अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।
वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा कि दुनिया भर के मुस्लिम इस बैठक पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने एक जॉइंट डिफेंस फोर्स बनाने की संभावना का जिक्र किया और कहा कि न्यूक्लियर पावर पाकिस्तान इस्लामिक समुदाय (उम्माह) के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।

रविवार को इस्लामी देशों के नेताओं इजराइल के खिलाफ बंद कमरे में मीटिंग की।
अरब लीग और OIC के बारे में जानिए
अरब लीग 22 अरब देशों का एक संगठन है। इसे 1945 में बनाया गया था। इसका मकसद अरब देशों के बीच सहयोग बढ़ाना, उनकी एकता मजबूत करना और उनके साझा हितों की रक्षा करना है।
वहीं, OIC 57 मुस्लिम देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसे 1969 में स्थापित किया गया था। इसका मकसद मुस्लिम देशों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देना और उनके हितों की रक्षा करना है।
हमास चीफ को निशाना बनाकर हमला किया था
इजराइल ने 9 सिंतबर कतर की राजधानी दोहा में हमास चीफ खलील अल-हय्या को निशाना बनाकर हमला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में अल-हय्या बच गया, जबकि 6 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
इसके बाद इजराइली पीएम नेतन्याहू ने भी कहा था कि इजराइल इस हमले की ‘पूरी जिम्मेदारी’ लेता है। जब यह हमला तब हुआ जब हमास नेता अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव पर आपस में चर्चा कर रहे थे।

इजराइल ने 9 सितंबर को करत की राजधानी दोहा में हमला किया था।
कतर ने इजराइली हमले की आलोचना की थी
हमले के बाद कतर ने इजराइल की कड़ी आलोचना की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने इसे हमास के राजनीतिक मुख्यालय पर “कायराना हमला” करार दिया था और कहा था कि यह सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
दूसरी ओर, इजराइल के वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच ने इस कार्रवाई की तारीफ की थी। उन्होंने कहा थी कि आतंकवादियों को दुनिया में कहीं भी इजराइल से छूट नहीं मिलेगी।
एक्स पर लिखते हुए उन्होंने इजराइली सेना (IDF) और इजराइली खुफिया एजेंसी शिन बेट के “सही फैसले और सटीक निशाने” की सराहना की थी और कहा था कि “आतंकवादियों को इजराइल के लंबे हाथों से कभी भी कोई छूट नहीं मिलेगी।”
इजराइल ने UN में कतर पर हमले को सही बताया
इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने शुक्रवार को UN महासभा में कतर में हमास नेताओं पर इजराइली हमले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि 9 सितंबर को इजराइल ने दोहा में एक सटीक हमला किया था। यह हमला हमास नेताओं को निशाना बनाकर किया गया था, जो सालों से इजराइल के खिलाफ हमलों की योजना बनाते रहे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ये लोग कोई मान्य राजनेता या डिप्लोमैट्स नहीं थे, बल्कि आतंक के मास्टरमाइंड थे, जिन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में नरसंहार की योजना बनाई थी। उन्होंने आम लोगों की हत्या की, बच्चों का अपहरण किया और महिलाओं का बलात्कार किया।
डैनन ने कहा कि जब इजराइली सुरक्षित कमरों में छिपे हुए थे, तब हमास के नेता टेलीविजन पर लाइव आकर अपनी जीत का जश्न मना रहे थे। यहां पढ़ें पूरी खबर…