ग्वालियर में फर्जी टीआई, दो कॉस्टेबल समेत चार गिरफ्तार:  हाइवे पर RTO दल बनाकर वसूली करने की तैयारी, क्राइम ब्रांच ने दबोचा – Gwalior News

ग्वालियर में फर्जी टीआई, दो कॉस्टेबल समेत चार गिरफ्तार: हाइवे पर RTO दल बनाकर वसूली करने की तैयारी, क्राइम ब्रांच ने दबोचा – Gwalior News



पहले नंब र पर सफेद टी-शर्ट में मास्टर माइंड शिवम चतुर्वेदी जो फर्जी टीआई बना था। इसके बाद पवन, नीरज और रविन्द्र।

ग्वालियर में क्राइम ब्रांच ने फर्जी पुलिस गैंग का भंडाफोड़ किया है। एक फर्जी टीआई, दो फर्जी कॉन्स्टेबल और एक वाहन चालक को बुधवार रात गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र बरामद हुए हैं। यह गैंग RTO (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस)

.

सूचना ऑनलाइन शॉप संचालक वैभव पाल ने दी। वैभव ने बताया कि उनके चाचा मुकेश पाल की लीगल वर्कशॉप के नाम से चल रही ऑनलाइन दुकान के पीछे शिवम चतुर्वेदी नामक युवक खुद को एसपी ऑफिस में पदस्थ टीआई बताकर धमकाने लगा और दो फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करवाए। बुधवार को तीन और नियुक्ति पत्र बनवाने के लिए उसने फिर कॉल किया, लेकिन वैभव ने मना कर दिया। इसके बाद युवक धमकाने लगा, जिस पर पुलिस को सूचना दी गई।

सूचना मिलते ही डीएसपी क्राइम ब्रांच नागेन्द्र सिंह सिकरवार, साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह और एसआई धर्मेन्द्र शर्मा ने तुरंत कार्रवाई की। जैसे ही फर्जी गैंग और नियुक्ति पत्र बनाने पहुंचा, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब क्राइम ब्रांच अधिकारियों द्वारा आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह फर्जीवाड़ा पहली बार किया गया या पहले भी होते रहे। ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जा रही है।

तीन नियुक्ति पत्र बनवाने आए, क्राइम ब्रांच ने पकड़ा

बुधवार को फर्जी टीआई शिवम चतुर्वेदी का उनके पास फिर कॉल आया, जिसमें तीन और नियुक्ति पत्र बनवाने की मांग की गई। यह जानकारी वैभव पाल ने तुरंत क्राइम ब्रांच को दी। जैसे ही शिवम और उसके साथी चार-पहिया कार से वहां पहुंचे, क्राइम ब्रांच ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया।

पकड़े गए संदेहियों को क्राइम ब्रांच थाने ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी गई है।

पकड़े गए चार संदेही

क्राइम ब्रांच की पूछताछ में पकड़े गए संदेहियों ने अपने नाम शिवम चतुर्वेदी पुत्र पुरूषोतम चतुर्वेदी (निवासी सागर), पवन यादव पुत्र ओमकार यादव (निवासी सागर), नीरज यादव पुत्र कुंदन लाल यादव (निवासी सागर) और रविन्द्र यादव (निवासी सागर) होना बताया है।

जांच में यह भी पता चला कि शिवम खुद को टीआई बता रहा था, जबकि पवन और नीरज खुद को कॉस्टेबल बताते थे और रविन्द्र ड्राइवर था।

आज रात से शुरू करने वाले थे वसूली

क्राइम ब्रांच की पूछताछ में फर्जी टीआई शिवम ने बताया कि उसने पवन और नीरज को 40-40 हजार रुपए देकर फर्जी कॉस्टेबल बनाया था। वहीं रविन्द्र की कार को 55 हजार रुपए महीने पर एग्रीमेंट कर किराए पर लिया गया था। कार में उनकी यूनिफार्म और फर्जी नियुक्ति पत्र भी पाए गए।

शिवम ने बताया कि बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात से वे हाइवे पर RTO दल बनाकर चेकिंग कर वसूली करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही क्राइम ब्रांच ने उन्हें दबोच लिया।

पूछताछ में जुटी पुलिस

एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने बताया कि एक गैंग पकड़ी गई है, जो खुद को पुलिस अधिकारी बताकर फ्रॉड करने वाली थी। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है।



Source link

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

Related Post

आज का मौषम
Live Cricket
आज का राशिफल
लाइव शेयर मार्केट