गुजरात में कारोबारी ने पूरे गांव का कर्ज चुकाया:  किसानों पर 90 लाख का कर्ज था, मां की पुण्यतिथि पर पूरे पैसे बैंक में जमा कराए

गुजरात में कारोबारी ने पूरे गांव का कर्ज चुकाया: किसानों पर 90 लाख का कर्ज था, मां की पुण्यतिथि पर पूरे पैसे बैंक में जमा कराए


अमरेली13 घंटे पहले

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एक कार्यक्रम में किसानों को दिए गए नो कर्ज सर्टिफिकेट्स।

गुजरात के अमरेली जिले के रहने वाले एक कारोबारी ने अपने पूरे गांव को कर्जमुक्त बना दिया। सावरकुंडला तहसील के जीरा गांव के निवासी बाबूभाई जीरावाला ने अपनी मां की पुण्यतिथि पर गांव के 290 किसानों का पिछले 30 सालों का कर्ज चुका दिया। इसके लिए उन्होंने 90 लाख रुपए दान किए। उनकी इस मदद से गांव के सभी किसान कर्जमुक्त हो गए हैं।

माइक लिए हुए कारोबारी बाबूभाई जीरावाला।

माइक लिए हुए कारोबारी बाबूभाई जीरावाला।

1995 से बैंक के ऋण का मामला लंबित था इस बारे में बाबूभाई जीरावाला ने बताया- हमारे गांव में जीरा सेवा सहकारी मंडल को लेकर 1995 से एक बड़ा विवाद चल रहा था। इस समिति के तत्कालीन प्रशासकों ने किसानों के नाम पर फर्जी ऋण लिए थे। इतने सालों में कर्ज कई गुना तक बढ़ गया था।

किसानों को सरकार से मिलने वाली सहायता, ऋण और अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा था। गांव के किसानों को बैंक कोई लोन नहीं देती थी। लोन न मिलने से किसान परेशान थे। कर्ज के चलते जमीनों का बंटवारा तक नहीं हो पा रहा था। इसलिए मेरी माता की इच्छा थी कि उनके पास जो गहने हैं, उसे बेचकर गांव के किसानों का कर्ज चुका दिया जाए।

एक कार्यक्रम में किसानों को नो कर्ज सर्टिफिकेट देते हुए जीरावाला।

एक कार्यक्रम में किसानों को नो कर्ज सर्टिफिकेट देते हुए जीरावाला।

किसानों पर 89,89,209 लाख का कर्ज था मैं ओर मेरे भाई बैंक अधिकारियों से मुलाकात की और इच्छा जताई तो बैंक के अधिकारियों ने भी नो कर्ज सर्टिफिकेट देने में सहयोग किया। गांव के किसानों पर कुल 89,89,209 लाख रुपए का कर्ज था। वह हमने भर दिया और बैंक से किसानों के नाम नो कर्ज सर्टिफिकेट लेकर सभी किसानों को दे दिए हैं। मैं ओर मेरा परिवार खुश है कि हमने मां की इच्छा पूरी की और मां को सच्ची श्रद्धांजलि दी।

जीराभाई की माताजी स्व. संतोकबा की फाइल फोटो।

जीराभाई की माताजी स्व. संतोकबा की फाइल फोटो।

किसानों के नए जीवन की शुरुआत जीरा गांव का माहौल उस समय भावुक हो गया जब सभी 299 किसानों को उनके ‘नो ड्यू सर्टिफिकेट’ दिए गए। किसानों की आंखों में सदियों पुराने बोझ से मुक्ति पाकर खुशी के आंसू थे। किसानों ने जीराभाई को आशीर्वाद दिया। इस दृश्य ने साबित कर दिया कि जब धन का उपयोग मानवता के लिए किया जाता है, तो उसका मूल्य अरबों रुपये से कई गुना बढ़ जाता है। बाबूभाई ने अपनी माँ की पुण्यतिथि को जीरा गाँव के 290 परिवारों के लिए एक नए जीवन की शुरुआत का दिन बना दिया।

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