धमतरी में प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज द्वारा एक आध्यात्मिक किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम शामिल हुए, जहाँ उन्होंने जैविक खेती के महत्व पर जोर दिया।
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वर्तमान में सब्जियों और अनाजों में रासायनिक खादों तथा कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसी गंभीर मुद्दे को देखते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय ने यह पहल की।
धमतरी के हरदिहा साहू समाज भवन में आयोजित इस सम्मेलन में भारतीय कृषि दर्शन पर विस्तृत चर्चा हुई। वक्ताओं ने वर्तमान कृषि पद्धतियों पर अपने विचार रखे। जिले के किसानों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
जैविक खेती आज की जरूरत: कृषि मंत्री रामविचार नेताम
मीडिया से बातचीत के दौरान कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आज के समय में जैविक खेती अत्यंत आवश्यक हो गई है। उन्होंने बताया कि सरकार रसायन मुक्त अनाज और सब्जियां उपलब्ध कराने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु लगातार कार्य कर रही है। मंत्री ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश की कृषि में निश्चित रूप से बदलाव आएगा।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय की जिला संचालिका सरिता बहन ने बताया कि इस कार्यक्रम में माउंट आबू से राज्ययोगी ब्रह्मकुमार राजू भाई जी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजयोगी ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी जी (क्षेत्रीय निवेदिका, इंदौर जोन ब्रह्माकुमारीज) और कृषि मंत्री रामविचार नेताम उपस्थित थे। उन्होंने आध्यात्मिक रूप से जुड़े किसानों के लिए महत्वपूर्ण वक्तव्य दिए, जिसमें अध्यात्म के साथ जैविक खेती को अपनाने से अच्छी और सात्विक फसल प्राप्त होने पर बल दिया गया।

