शहीद प्रदीप कालीरावण हिसार के गांव धीरनवास का रहने वाला था।
हिसार जिले के धीरणवास गांव निवासी आईटीबीपी जवान प्रदीप कालीरावण का बठिंडा में ड्यूटी के दौरान निधन हो गया। वीरवार शाम अचानक हार्ट फेल होने के बाद उन्हें मृत घोषित किया गया। उनका पार्थिव शरीर आज दोपहर बाद गांव धीरणवास पहुंचेगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान
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2012 में आईटीबीपी में हुए थे भर्ती
प्रदीप कालीरावण वर्ष 2012 में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एनडीआरएफ की 7वीं बटालियन में शामिल हुए थे। करीब 13 वर्षों की सेवा के दौरान उन्होंने कई राहत और बचाव अभियानों में हिस्सा लिया। गुरुवार शाम ड्यूटी के दौरान अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने हार्ट फेल होने से मृत घोषित कर दिया।
शहीद प्रदीप कालीरावण।
परिवार और गांव में मातम
घटना की सूचना मिलते ही धीरणवास गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजन और ग्रामीण तुरंत बठिंडा पहुंच गए। ग्रामीण संदीप धीरणवास ने बताया कि अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद एनडीआरएफ की टीम पार्थिव शरीर को गांव लेकर आएगी।
माता-पिता का पहले ही हो चुका निधन
ग्रामीणों के अनुसार, शहीद प्रदीप के माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका है। उनके परिवार में आठ वर्षीय बेटा कुनाल और तीन विवाहित बहनें हैं। गांव के लोगों ने बताया कि प्रदीप अपने मिलनसार स्वभाव और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है।



