राजधानी जयपुर में पकड़ा गया फर्जी डीएसपी चन्द्रप्रकाश सोनी दूसरी पास है। शातिर इतना की महीनेभर से चकमा दे रहा था। महीने भर पहले ही फर्जी डीएसपी बनकर घूम रहा था।
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फर्जी ऑफिसर बनकर कई जगह वसूली करता। जहां भी घूमने जाता VIP ट्रीटमेंट लेता। इसके लिए उसने अपना पुश्तैनी मकान बेचा। एडवांस में मिले 2 लाख रुपए से लग्जरी SUV गाड़ी किराए पर ली और वर्दी खरीदी।
एक कबाड़ी से लाल बत्ती खरीदकर लाया और कार में फिट करवाई। फर्जी पुलिस ऑफिसर पकड़े जाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार ठगों ने फर्जी आईएएस-आईपीएस बन कर लोगों पर न सिर्फ रौब झाड़ा बल्कि उनसे वसूली और ठगी भी कर ली।
3 सप्ताह पहले धौलपुर में एक फर्जी डीआईजी भी पकड़ा गया था। टोल बचाने के लिए वर्दी पहनकर घूमता था। इसी तरह विधानसभा चुनाव में हार के बाद एक युवक फर्जी इंस्पेक्टर बनकर नाकाबंदी कर वसूली करने लगा।
संडे बिग स्टोरी में पढ़िए ऐसे फर्जी अफसरों की पड़ताल…
पत्नी की मौत, पहले लिवइन पार्टनर ने छोड़ा तो दूसरी तलाश ली
पुलिस के अनुसार, नीमकाथाना में गुवालु गांव का मूल निवासी चंद्रप्रकाश सोनी (42) अच्छे परिवार का था। कई साल पहले उसके पिता ताराचंद सोनी परिवार सहित गांव छोड़कर जयपुर आकर बस गए थे।
यहां कुछ टाइम तक तो उन्होंने ज्वेलर्स का काम किया। लेकिन बाद में ये बंद हो गया। फिर उसने लोगों से फर्जीवाड़ा और ठगी करना शुरू कर दिया।
पुलिस गिरफ्त में नकली डीएसपी चंद्रप्रकाश सोनी। आरोपी ने अपनी असली पहचान छिपाने के लिए नाम में चंद्र प्रकाश शर्मा लिखवा रखा था।
शादी के कुछ टाइम बाद ही पत्नी की भी मौत हो गई। वहीं माता-पिता की मौत के बाद चंद्रप्रकाश किसी दूसरी महिला के साथ लिव इन में रहने लग गया था।
करीब 6 साल बाद वो भी उसे छोड़कर चली गई। हाल में पुलिस गिरफ्तारी से पहले तक वो एक और महिला के साथ लिव इन में रह रहा था।
फर्जी डीएसपी बनने के लिए खरीदी कार और वर्दी
हमेशा फर्जीवाड़े की सोच रखने वाले चंद्रप्रकाश पे महीने भर पहले पुश्तैनी मकान को 11 लाख रुपए बेच दिया। सौदा फाइनल होते ही दो लाख रुपए एडवांस भी ले लिए। वो जयपुर पहुंचा और जयसिंहपुरा खोर इलाके के ही ओमप्रकाश मीणा से एक गाड़ी 35000 रुपए महीना किराए पर ले ली।
चंद्रप्रकाश ने ओमप्रकाश मीणा को बताया कि वो सीआईडी ऑफिसर है और अभी राजस्थान में स्पेशल ड्यूटी पर आया है। फिर उसने चांदपोल में पुलिस लाइन के बाहर अपने लिए नकली वर्दी तैयार करवाई।
डीएसपी की वर्दी में लगने वाले बैज और स्टार खरीदे। फिर जयसिंहपुरा से ही कबाड़ी वालो के पास पहुंचकर एक लाल बत्ती भी खरीद ली।

आरोपी चंद्रप्रकाश के पास एक एसयूवी कार मिली है। इसका इस्तेमाल वो ठगी के लिए करता था।
छोटी-मोटी वसूली से बढ़ा हौसला, फिर शक के घेरे में
दूसरी पास चंद्रप्रकाश सरकारी वर्दी पहनकर लाल बत्ती लगी सरकारी गाड़ी लेकर निकलता। स्टार्टिंग में उसने कुछ लोगों पर रौब झाड़ा और छोटी-मोटी वसूलियां करने लगा।
इस बीच वो अलवर घूमने चला गया। रास्ते में टोल बूथ कर्मचारियों को भी उसने धमकाया। इस बीच वो रींगस में भैंरूजी धाम पर भी वीआईपी दर्शन करके आ गया। कई छोटी-मोटी वसूलियों के बाद उसका हौसला बुलंद चला था।

आरोपी चंद्रप्रकाश ने गिरफ्तारी के दौरान कई छोटी-मोटी वारदातें कबूल की हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि उससे पूछताछ में ठगी के मामले खुल सकते हैं।
इस बीच उसको गाड़ी देने वाले ओमप्रकाश मीणा और कुछ अन्य लोगों को उस पर शक हो गया। उन्होंने इसकी सूचना जयसिंहपुरा खोर की एसआई रेखा चौधरी को दी।
चौधरी ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी देने के बाद उसकी तलाश शुरू कर दी। पुलिस टीम को वो कुछ दूरी पर ही गाड़ी के साथ खड़ा मिल गया। पुलिस टीम को देखते ही फर्जी डिप्टी चंद्रप्रकाश सोनी वहां से भागने लगा।
हालांकि पुलिस टीम ने उसे रोक लिया। पूछताछ की तो वो हड़बड़ा गया। इधर-उधर की बातें करने लगा। आखिरकार उसकी बातचीत से ये क्लियर हो गया था कि वो पूरी तरह फर्जी है।
पुलिस टीम उसे उसकी गाड़ी सहित ही थाने लेकर आ गई। फर्जीवाड़े की पोल खुलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जहां से उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।

राजस्थान में ये पहली बार नहीं था जब कोई फर्जी पुलिस अधिकारी बना हो, इससे पहले भी यहां कई बार ठगो ने फर्जी आईएएस-आईपीएस और कई दूसरे बड़े अधिकारी बन कर लोगो पर न सिर्फ रौब झाड़ा बल्कि उनसे वसूली और ठगी भी कर ली।
1. विधायक चुनाव हारा तो फर्जी पुलिस अफसर बनकर की वसूली
7 साल पहले जयपुर की मुहाना थाना पुलिस ने फर्जी पुलिस ऑफिसर बनकर अवैध बजरी सप्लाई करने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों को धमकाकर चौथवसूली के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया था।

बनवारी लाल बैरवा पुलिस की वर्दी में अवैध वसूली करता था। उसकी नजर विशेषकर बजरी खनन करने वालों पर रहती थी।
बनवारी फागी के कासेल गांव का रहने वाला था। आरोपी ने निवाई सीट से साल-2018 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। उसने चांदपोल स्थित पुलिस लाइन के सामने एक दुकान से पुलिस की वर्दी खरीदी थी।
इसे पहनकर वह रोजाना सांगानेर रेलवे स्टेशन के सामने टूटी पुलिया के पास खड़ा हो जाता। यहां से गुजरने वाले अवैध बजरी से भरे ट्रैक्टर चालकों से वसूली करता। इसके बाद गांव लौट जाता।
वर्तमान स्थिति : आरोपी मामले में कुछ समय बाद जमानत मिल गई थी। लेकिन अभी यह मामला ACJM-14 जयपुर मेट्रोपोलिटन कोर्ट में चल रहा है।
2. पत्नी की हत्या का आरोपी बना फर्जी IPS बना, लाखों की ठगी को दिया अंजाम
6 महीने पहले सीकर की जीणमाता पुलिस ने भी एक फर्जी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया था। उसकी वर्दी पर थ्री स्टार और टोपी पर IPS लिखा हुआ था। इससे शक हुआ। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम सुरेश चौधरी (31) निवासी नारेडा, फागी बताया।

सीकर का सुरेश चौधरी पत्नी की मौत के मामले में भी संदिग्ध था।
उसने कहा कि वह 2-3 महीने पहले ही कोतवाली थाना सीकर में भर्ती हुआ है। जब पुलिस टीम ने सीकर के कोतवाली थाना इंचार्ज का नाम पूछा तो वह चुप हो गया।
आईडी और पुलिस कार्ड मांगने पर उसने गुनाह कबूल कर लिया। पूछताछ में बताया कि वर्दी पहनकर कई धार्मिक स्थलों पर जाकर VIP ट्रीटमेंट भी ले चुका था।
जयपुर में एक शख्स से 5 लाख रुपए ठगे थे। बैंक कर्मचारी बनकर एक पुलिसकर्मी से भी 1 लाख रुपए ठग लिए थे। भीलवाड़ा के शाहपुरा में भी एक दुकानदार को इंस्पेक्टर बताकर 18 हजार का मोबाइल लेकर आया था।
आरोपी की पत्नी सुनीता 28 मार्च 2020 को मकान के सामने मृत अवस्था में मिली थी। ससुराल वालों ने आरोपी के खिलाफ फागी पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया था।
वर्तमान स्थिति : आरोपी जमानत पर बाहर है।
3. जयपुर में फर्जी IAS और डॉक्टर बनकर विधानसभा में निकाली भर्ती
जयपुर की मुरलीपुरा पुलिस ने 6 महीने पहले राजस्थान में फर्जी भर्ती निकालने वाले एक ठग को भी पकड़ा था। आरोपी ने 14 युवाओं से सरकारी नौकरी के नाम पर 70 लाख की ठगी की थी।
मास्टरमाइंड दीपक जैन उर्फ आर.के अग्रवाल (50) को आगरा उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया था। ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने वाला ये मास्टरमाइंड फर्जी IAS बनकर पीड़ित युवकों के इंटरव्यू लेता था।

आगरा, उत्तरप्रदेश निवासी दीपक जैन उर्फ आर.के अग्रवाल खुद को IAS बताता था। आरोपी पर 70 लाख रुपए ठगने का आरोप है।
गैंग का ही एक सदस्य फर्जी डॉक्टर बनकर उनका मेडिकल भी करता था। आरोपियों ने फर्जी कॉल लेटर, इंटरव्यू से लेकर पूरी प्रक्रिया को इस तरह अंजाम दिया कि पीड़ितों को भनक तक नहीं लगी थी।
वर्तमान स्थिति : मास्टरमाइंड आर के अग्रवाल और बाकी दोनों आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त में हैं।
4. फर्जी एडीजी ने असली पुलिस पर रौब झाड़ा, डमी हथियार भी दिखाए
27 अगस्त 2025 को धौलपुर में फर्जी एडीजी को पकड़ा गया था। आरोपी सुप्रीयो मुखर्जी (45) निवासी हुबली पश्चिम बंगाल को का रहने वाला है। उसकी कार पर नीली बत्ती और तीन स्टार लगे हुए थे।
गाड़ी पर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया भी लिखा था। वह वर्दी में गाड़ी चला रहा था। यह देखकर नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने गाड़ी रुकवाई तो आरोपी ने रौब जमाना शुरू कर दिया।
झूठ सामने आने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से पांच फर्जी आइडेंटिटी कार्ड, चार डमी हथियार और कारतूस बरामद हुए।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी सुप्रीयो मुखर्जी पर इसी तरह के 3 मुकदमें पहले से दर्ज हैं।
गिरफ्तारी के समय उसकी पत्नी भी गाड़ी में मौजूद थी। पूछताछ में उसने बताया कि वह पंजाब जा रहा था और टोल टैक्स बचाने और रौब जमाने के लिए वर्दी व आई कार्ड का इस्तेमाल करता है।
उसके खिलाफ फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को ठगने के 2 मामले पश्चिम बंगाल में और 1 मामले मुंबई में दर्ज था। अब ये चौथा मामला धौलपुर में सदर थाने में दर्ज हुआ।
वर्तमान स्थिति : आरोपी अभी तक जेल में ही है, जमानत नहीं मिली है।

बीकानेर पुलिस के हत्थे चढ़ा पवन, खुद को क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बताता था।
5. गाड़ी पर ‘भारत सरकार’ लिख बना क्राइम ब्रांच का ऑफिसर
3 महीने पहले बीकानेर पुलिस ने एक फर्जी क्राइम ब्रांच के ऑफिसर को पकड़ा था। आरोपी पवन कुमावत निवासी रावतसर अधिकारी बताकर बीकानेर के कोटगेट थाना क्षेत्र में घूम रहा था।
उसके पास एक किराए की गाड़ी थी, जिस पर भारत सरकार ऑन ड्यूटी लिखा हुआ था। वो खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी होने की धौंस दिखाकर व्यापारिक प्रतिष्ठानों से सामान व होटल से खाना इत्यादि ले रहा था। सूचना मिलने पर कोटगेट थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपी से फिलहाल ठगी की कोई बड़ी वारदात की जानकारी नहीं मिली है।
वर्तमान स्थिति : मामले में आरोपी जमानत पर है।
