बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे और पहले फेज के लिए नामांकन के बीच बुधवार को राजद, बीजेपी, जदयू, कांग्रेस के दफ्तरों में आक्रोशित कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी रही। इनमें कुछ ऐसे थे, जो अपने नेता के टिकट काटे जाने के बाद पार्टी दफ्तर में विरोध जताने
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जो कभी पार्टी में नहीं रहे। पार्टी के लिए कभी ग्राउंड पर काम नहीं किया। हाल में आए हैं, उन्हें टिकट दिया जा रहा है।
पहले फेज के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर है, लेकिन पहले फेज में शामिल कई ऐसी विधानसभा सीट हैं, जिस पर कैंडिडेट्स की घोषणा नहीं हुई है।
कैंडिडेट्स की घोषणा में हो रही देरी को लेकर दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने एनडीए और महागठबंधन में शामिल पार्टियों के दफ्तरों की पड़ताल की। वहां मौजूद पार्टी के कार्यकर्ताओं, संभावित प्रत्याशियों के समर्थकों से बातचीत की। आइए, जानते हैं, किस पार्टी के दफ्तर में क्या माहौल है और संभावित प्रत्याशी के समर्थक, कार्यकर्ताओं का क्या कहना हैं। पढ़िए रिपोर्ट।
बीजेपी कार्यालय में रामसूरत राय के समर्थन में नारेबाजी करते औराई से आए कार्यकर्ता।
सबसे पहले बात जदयू और भाजपा कार्यालय की
जदयू कार्यालय में अब तक जारी प्रत्याशियों की लिस्ट लगाई गई है। जिन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है, उन सीटों के संभावित प्रत्याशियों के समर्थक जदयू ऑफिस पहुंचे और अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। उनके लिए टिकट की मांग कर रहे थे।
जदयू कार्यालय में मधेपुरा सदर से आए एक बुजुर्ग ने खुद को पार्टी का समर्पित और पुराना कार्यकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके साथ ठीक नहीं किया है। बुजुर्ग ने अपना नाम डॉ राम चंद्र मेहता बताया और कहा कि मधेपुरा छोड़िए, पूरे जदयू में कोई ऐसा नहीं होगा जो मुझे नहीं जानता होगा।
डॉ राम चंद्र मेहता ने कहा कि मुझे टिकट चाहिए। नीतीश बाबू खुद ठीक हैं, लेकिन उनके घटक दल के नेता इन्हें डूबा रहे हैं। खुद पैसा ले लेते हैं और दूसरों को टिकट दे देते हैं। ऐसे लोगों को टिकट दिया गया है, जो कभी पार्टी में रहे ही नहीं हैं। जो पार्टी में रहा है, जिसने काम किया है, उसे टिकट ही नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने लंबे समय तक पार्टी में रहकर काम किया है, पार्टी का झंडा और झोला ढोया, लेकिन मुझे क्या मिला?
बीजेपी कार्यालय में राम सूरत राय के समर्थन में शर्ट खोलकर किया विरोध प्रदर्शन
बीजेपी कार्यालय में दो अलग-अलग गुट में पार्टी के कार्यकर्ता अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारेबाजी करते दिखे और आलाकमान से अपने फैसले पर दोबारा सोचने की अपील कर रहे थे।
दरअसल, मुजफ्फरपुर के औराई से वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री राम सूरत राय का टिकट काट दिया गया है। राम सूरत राय की जगह बीजेपी ने पांच दिन पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन करने वाले पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
पार्टी के इस फैसले से खफा कार्यकर्ताओं ने शर्ट खोलकर पार्टी के फैसले का विरोध किया और दोबारा सोचने की अपील की। लाल बाबू राय नाम के कार्यकर्ता ने कहा कि राम सूरत राय विकास पुरुष हैं। वे फिलहाल विधायक हैं। औराई विधानसभा सीट पर कभी बीजेपी नहीं जीती थी, वहां से राम सूरत राय को 48 हजार से अधिक वोटों से जीताकर विधानसभा भेजे थे।

वहीं, भोला चौधरी नाम के कार्यकर्ता ने कहा कि, हम लोग मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट के कार्यकर्ता हैं। हम लोग सुरेश शर्मा को टिकट देने की अपील करने के लिए पहुंचे हैं। 1000 कार्यकर्ता पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं। इसमें मंडल अध्यक्ष, प्रभारी, जिला अध्यक्ष समेत पार्टी के छोटे से बड़े कार्यकर्ता हैं।

राजद दफ्तर में पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए पिछले चार-पांच दिन से भोज का आयोजन किया जा रहा है।
अब बात राजद कार्यालय और राबड़ी देवी आवास के बाहर की
वीरचंद पटेल पथ पर राजद कार्यालय में पिछले चार-पांच दिनों से भोज चल रहा है। राजद की मुख्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह कहती हैं, ‘हर दिन चार हजार लोगों को यहां भोजन कराया जा रहा है। सुबह 10-11 बजे से भोजन कराया जा रहा है। भोजन के मेनू है- दाल-भात, सब्जी, पापड़-तिलौड़ी।
मुकुंद सिंह ने बताया कि, ये सिलसिला सुबह से दिन भर चलता रहता है। हम किसी को रोकते भी नहीं हैं।

वहीं, राजद की सीनियर नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर कुछ महिलाएं पिछले 15 दिनों से धरना-प्रदर्शन करती दिखीं। जब उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि हम लोग भोजपुर जिले की बड़हरा विधानसभा सीट के वोटर्स हैं।
उन्होंने बताया कि हम लोग बड़हरा विधानसभा सीट के लिए रघुपति यादव को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। एक महिला ने कहा कि रघुपति भइया को टिकट दिया जाए। हम लोगों को भरोसा है कि रघुपति यादव को टिकट मिल जाएगा, हम लोग टिकट लेकर ही घर जाएंगे।

कांग्रेस दफ्तर के अंदर सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि, पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि बहुत जल्द सीटों और प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया जाएगा।
अब कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम का हाल
कांग्रेस के सदाकत आश्रम के अंदर सन्नाटा पसरा था। हालांकि, एक जगह कुछ लोग खड़े थे, जो बांह पर काली पट्टी बांधकर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। जब उनसे बात की तो उन्होंने खुद को बिक्रम विधानसभा सीट का वोटर बताया।
एक कार्यकर्ता ने बताया कि हम लोगों की मांग है कि डॉ अशोक गगन को टिकट दिया जाए। जो पार्टी के लिए काम करता है, उन्हें टिकट नहीं मिलता है, लेकिन जो कुछ दिन पहले पार्टी में आता है, उन्हें पैसा के बल पर टिकट मिल जाता है।
कांग्रेस प्रवक्ता बोले- महागठबंधन में कोई पेंच नहीं
कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने में देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर बताते हैं, ‘हमारे महागठबंधन में कहीं कोई विवाद नहीं है। विवाद तो एनडीए गठबंधन में है। भाजपा ने लिस्ट जारी कर दिया है, लेकिन जदयू की लिस्ट जारी नहीं हो रही है, उल्टा सांसद इस्तीफा दे रहे हैं। सांसद कह रहे हैं कि नीतीश से मिलने नहीं दिया जाता है, विजय चौधरी, संजय झा और ललन सिंह विधायकों को नीतीश से मिलने तक नहीं देते हैं।’
‘नीतीश कुमार ने एलजेपी की सीट पर अपने प्रत्याशियों को सिंबल दे दिया है। एनडीए में सिर फुटव्वल है।’

‘2020 में एनडीए ने चुनाव जीता नहीं था, जिताया गया था’
कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार खराब था, इसलिए तेजस्वी सीएम नहीं बन सके थे। इस सवाल पर गोपाल कृष्ण ने कहा कि ये बातें कुछ लोगों ने प्लांट किया था। चिराग ने 142 पर लड़कर एक सीट जीती थी, उनके पिता रामविलास पासवान ने 2010 में लालू यादव के साथ मिलकर 75 में से तीन सीटें जीते थे।
प्रदर्शन के कई फैक्टर्स है। पिछली बार इंडिया गठबंधन ने 110 सीटें जीती थी, उन्होंने 122 सीटें जीती थी। रिजल्ट रात 3 बजे तक घोषित किया गया था। वे चुनाव जीते नहीं, जिताया गया था। जनता हमारे साथ है। उन्होंने पैसा बांटने का तंत्र खरीदने का काम किया था।



