कांके छठ घाट में जगह की बुकिंग
छठ पूजा की शुरूआत तीन दिन बाद हो जाएगी। 25 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ पूजा की शुरुआत होगी। 26 अक्टूबर को खरना पूजा, 27 को अस्ताचलगामी और 28 अक्टूबर को उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके लिए रांची के नदी-तालाबों को तैयार किया जा रहा है। शह
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लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होने की संभावना को देखते हुए अभी से ही नदी-तालाबों पर जगह आरक्षित करने में लोग जुट गए हैं। कई तालाबों के घाट पर घेराबंदी शुरू हो गई है। पेंट से लोग अपना नाम, मुहल्ले का नाम और अपना मोबाइल नंबर तक लिख रहे हैं। वहीं कुछ तालाबों में घाट की बुकिंग भी शुरू हो गई है। पूजा की तैयारी के नाम पर पूजा समितियां पैसे वसूल रही है।
दैनिक भास्कर ने शहर के चार घाटों की पड़ताल की। इसमें अरगोड़ा तालाब पर घाटों की बिक्री की सूचना सही मिली। मौके उपस्थित एक युवक ने स्वयं को पूजा समिति का सदस्य होने का हवाला देते हुए घाट खरीदने का ऑफर दिया।
साफ कहा कि यहां पूजा समिति उन्हीं व्रतियों को आने देती है जो पहले घाट का पैसा देते हैं। अन्य तीन घाट चडरी तालाब, कांके डैम और नायक तालाब में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। स्थानीय पूजा समिति के लोगों ने बताया कि छठ व्रती कहीं भी अर्घ्य दे सकते हैं।
बुकिंग पर रोक, ऐसा करने पर केस दर्ज करने का निर्देश : निगम के प्रशासक सुशांत गौरव ने छठ घाटों पर की जा रही घेराबंदी और जगह कब्जाने की सूचना मिलने के बाद सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। उन्होंने इंफोर्समेंट टीम को तालाबों का निरीक्षण करके जगह बुकिंग करने वालों पर रोक लगाने के लिए कहा है। प्रशासक ने कहा कि कोई व्यक्ति ऐसा करते पकड़ा जाता है तो उस पर केस दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
देखिए कैसे खुलेआम घाट की हो रही बिक्री
- रिपोर्टर- भाई, यहां पर पूजा समिति का कोई सदस्य मिलेगा क्या, आयोजन की जानकारी लेनी है।
- युवक- अभी मैं ही हूं। बताइए क्या जानना है।
- रिपोर्टर- इस बार तालाब में पानी अधिक है। सभी घाट नहीं बने हैं, कैसे अर्घ्य देंगे।
- युवक- पहले से बुकिंग कराना होबा है। कितना घाट चाहिए।
- रिपोर्टर- दो परिवार हैं। दोनों यहीं पर अर्घ्य देंगे।
- युवक- देखिए एक घाट का 500 रु. लगेगा। दो घाट का 1000 लेंगे, पैसा देंगे तो अभी बुक कर देंगे।
- रिपोर्टर- इतनी भीड़ में कैसे पता चलेगा कि हमलोग कहां पर अर्घ्य देंगे।
- युवक- यहां टोकन नंबर मिलेगा। देखिए अभी 89 घाटों की बुकिंग हो गई है। इसके बाद वाला आपको देंगे। यहां कोई सूप-दउरा नहीं रखेगा।
- रिपोर्टर- यह पैसा कहां जाता है। ऐसा तो कोई घाट पर नहीं होता है।
- युवक- समिति पैसा लेती है। आप एडवांस दीजिए, कल टोकन दे देंगे। पूजा का खर्च इसी से निकालते हैं।
- रिपोर्टर- ठीक है, घर में पूछ कर बताते हैं। कोई मोबाइल नंबर है तो दीजिए हम कॉल कर लेंगे।
- युवक – मोबाइल नंबर 7280911065 देते हुए। इसी पर फोन कीजिएगा। कंफर्म कर देंगे।
घाटों पर अब भी काम बाकी, समितियां सफाई में जुटीं
नगर निगम काफी पहले से छठ घाटों की सफाई में जुट गया है। इसका असर भी दिख रहा है। सभी बड़े तालाब साफ हो गए हैं। काली पूजा समाप्त होने के बाद प्रतिमा का विसर्जन होने पर फिर तालाबों में सफाई की जाएगी। लेकिन अभी भी छोटे-छोटे घाटों में काफी काम बाकी है। इस बार तालाबों में पानी अधिक होने की वजह से व्रतियों के लिए खतरा है। इसलिए पूजा समितियां अपने स्तर से भी घाटों की सफाई में जुट गई है।
कचरा कलेक्शन सेंटर की कराई जा रही सफाई
कचरा कलेक्शन का मिनी ट्रांसफर स्टेशन ट्रैकर स्टैंड शहर में ही है। इस मार्ग पर दो तालाब हैं। छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए अपर प्रशासक संजय कुमार ने ट्रैकर स्टैंड एमटीएस में कचरा डंप नहीं करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि महापर्व के तीन दिन पूर्व से समापन तक ट्रेकर स्टैंड में कचरा डंप न हो।
इधर, देखिए एदलहातू तालाब छठ घाट की स्थिति
एदलाहातू तालाब में काफी छठ व्रती अर्घ्य देने पहुंचते हैं। लेकिन इस बार तालाब में उतरते ही दो फीट आगे बढ़ने पर करीब 8 फीट गहरा गड्ढ़ा है। काफी पूजन सामग्री चारों ओर फैली हुई है। निगम ने तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर डेढ़ करोड़ से अधिक खर्च कर दिया, लेकिन अभी भी सीढ़ी नहीं बनी। तालाब की चौहद्दी बांधने के लिए बोल्डर को जैसे-तैसे लगाकर छोड़ दिया गया है। इसे देखते हुए स्थानीय पूजा समिति अपने स्तर से तालाब की सफाई कराने में जुटी है।



