‘इंडस्ट्री का सच है कास्टिंग काउच’:  सिंगर विपिन बोले मेरी बेटी को भी सहना पड़ा; हनी सिंह के साथ कोलैब अद्भुत,गजल हिप-हॉप के साथ सुना जाएगा

‘इंडस्ट्री का सच है कास्टिंग काउच’: सिंगर विपिन बोले मेरी बेटी को भी सहना पड़ा; हनी सिंह के साथ कोलैब अद्भुत,गजल हिप-हॉप के साथ सुना जाएगा


2 घंटे पहलेलेखक: वर्षा राय

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हाल ही में रिलीज हुआ यो यो हनी सिंह का गाना ‘Never Cried’ संगीत प्रेमियों के बीच खूब चर्चा में है। इस गाने की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें गजल का खूबसूरत मेल हिप-हॉप बीट्स के साथ किया गया है। इस गाने में गजल के हिस्से को अपनी आवाज देने वाले मशहूर सिंगर से हमने एक खास बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि यह कोलैबोरेशन कैसे हुआ, उन्होंने अपनी 25 साल की संगीत यात्रा को कैसे जिया, म्यूजिक इंडस्ट्री की सच्चाइयों पर क्या राय रखते हैं और आगे उनके क्या नए प्रोजेक्ट्स आने वाले हैं।

हनी सिंह के साथ आपने Never Cried में कोलैब किया है, जिसमें आपके द्वारा गाई गई गजल का हिस्सा लोगों को बेहद पसंद आ रहा है। यह कोलैबोरेशन कैसे हुआ?

सबसे पहले तो मैं यह बताना चाहूंगा कि इस गजल को लिखा है तनवीर गाजी ने, जिन्होंने फिल्म पिंक में अमिताभ बच्चन का मशहूर मोनो लॉग भी लिखा था। उन्होंने यह गजल इतनी खूबसूरती से लिखी कि जब मैंने इसे पहली बार पढ़ा, तो मुझे तुरंत लगा कि इसे गाया जाना चाहिए। मैंने इसे अपनी आवाज दी, और यही गजल आज Never Cried में सुनने को मिल रही है।

अगर हनी सिंह के साथ अपने कोलैब की बात करूं तो यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन अब जाकर यह संभव हुआ। मैं दिल्ली से हूं और जब मैंने अपना गाना तेरी पायल शूट किया था, उसी दौरान इंडस्ट्री में हनी सिंह की एंट्री हुई थी। अपने दूसरे एल्बम की तैयारी के समय मैं उनसे मिला था। हनी मुझे अपने ओखला वाले स्टूडियो लेकर गए थे, जहां उन्होंने एक-एक करके अपने सारे गाने मुझे सुनाए। हम दोनों ने वहीं पर आगे साथ काम करने का मन बनाया था, लेकिन उस समय हनी किसी दूसरे लेबल से साइन थे, इसलिए यह कोलैब नहीं हो पाया।

'हनी सिंह के अंदर एक अद्भुत जज्बा है, और वह हमारे हिंदुस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने का सपना देखते हैं'

‘हनी सिंह के अंदर एक अद्भुत जज्बा है, और वह हमारे हिंदुस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने का सपना देखते हैं’

फिर 2015-16 में जब मैंने फिल्म जज्बा के लिए ‘जाने तेरे शहर’ गाना गाया, तो हनी सिंह ने वह गाना सुना और मुझे कॉल किया। उन्होंने कहा कि उन्हें वह गाना बहुत पसंद आया है और हम दोनों को मिलकर कुछ क्रिएटिव करना चाहिए। उसके बाद 2025 में जब मैंने ओटीटी सीरीज मिस्ट्री में राम कपूर के लिए गजल ‘कुछ इस पार’ गाया, तो मैंने वह गाना हनी को सुनाया। हनी ने कहा कि वह इस गाने को अपने एल्बम 51 ग्लोरियस डेज में शामिल करना चाहते हैं। लेकिन मैंने उन्हें बताया कि यह मेरा गाना नहीं है, यह किसी और की प्रॉपर्टी है। इसके बाद तनवीर गाजी ने एक नई गजल लिखी, और वही गजल आज आप Never Cried में सुन रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस गाने ने म्यूजिक इंडस्ट्री में गजल और रैप का एक अनोखा संगम पेश किया है।

हनी सिंह के गाने में गजल को फिट करना सुनकर क्या आपको यह आइडिया अटपटा या रिस्क भरा नहीं लगा?

हां, बिल्कुल! शुरू में मुझे भी यह आइडिया थोड़ा अटपटा लगा था। मुझे डर था कि कहीं गजल की आत्मा बीट्स में खो न जाए। इसी वजह से साउंड डिजाइनिंग को लेकर हमारे बीच कई बार गहरी चर्चा हुई। हम दोनों ने गाने की फील को बरकरार रखते हुए उसकी संरचना पर खूब काम किया। लेकिन जिस तरह इस गाने में इंटेंस लिरिक्स के साथ गजल को रैप के साथ जोड़ा गया है, वह इसे बाकी गानों से बिल्कुल अलग खड़ा करता है। हर कोई इस गाने की भावनाओं को महसूस कर पा रहा है। जब गाना रिलीज हुआ, तो मैंने यूट्यूब पर जाकर रिव्यू और कमेंट पढ़े। यह देखकर खुशी हुई कि चाहे युवा हों या मेरी उम्र के लोग सभी ने इसे बहुत पसंद किया।

'मेरी आवाज में सिनेमैटिक जादू है, और मैं चाहता हूं कि मुझे फिल्मों और गानों में अपनी कला दिखाने का मौका मिले'

‘मेरी आवाज में सिनेमैटिक जादू है, और मैं चाहता हूं कि मुझे फिल्मों और गानों में अपनी कला दिखाने का मौका मिले’

हनी सिंह ने एक शानदार कमबैक करते हुए फिर से पूरी इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया है। इस बारे में आप क्या कहेंगे?

मैं जब पहली बार हनी सिंह से मिला था, तभी मैंने उनके अंदर एक आग देखी थी वो जुनून, वो भूख, जो मैंने अपने बाद किसी में नहीं देखी थी। उनके कठिन समय में मैंने उनके लिए प्रार्थना भी की थी। हनी सिंह ऐसा शख्स है जिसके पास भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने की दृष्टि है। बुरा वक्त तो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी देखा था, लेकिन वह फिर लौटे और इतिहास रच दिया। हनी सिंह भी ऐसे ही कलाकार हैं वे अपने लो फेज में भी मुझसे कहा करते थे कि, ‘मैं आपके साथ कोलैब करना चाहता हूं।’ इतना समर्पण, इतना जोश हर किसी में नहीं होता। आप खुद सोचिए, क्या आज तक किसी ने एक साथ 51 गाने रिलीज किए हैं? हनी सिंह अब रुकने वाले नहीं हैं। वे सच में कमाल के कलाकार हैं, और मुझे गर्व है कि मैंने उनके साथ काम किया।

आपने संगीत की दुनिया में 25 साल पूरे किए हैं, इस लंबे सफर को आप किस नजर से देखते हैं और आपके लिए यह यात्रा कितनी यादगार रही?

मैं कहूंगा कि यह सिर्फ 25 साल नहीं, बल्कि मेरे जीवन के पूरे 50 सालों की कहानी है। बचपन से ही मुझे संगीत से गहरा प्रेम था। मैं एक छोटा बच्चा था जो अपनी बहन के पास बैठकर हारमोनियम की धुनें सुनता था और फिर घंटों उसी में खोया रहता था। संगीत से मेरा रिश्ता वहीं से शुरू हुआ। स्कूल में मैंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया, जहां से आत्मविश्वास मिला। संगीत ने मुझे चुना यह मैं हमेशा मानता हूं। यह सफर कभी आसान नहीं रहा। कई बार गिरा, कई बार उठा, लेकिन हार नहीं मानी। अपने शुरुआती दौर में मुझे शांतनु मोइत्रा और प्रदीप सरकार जैसे दिग्गजों के साथ काम करने का मौका मिला। मेरा पहला एल्बम जब आया तो उसने खूब चर्चा बटोरी। उस गाने में मेरे पीछे करीब 20 डांसर थे और हर तरफ उसके चर्चे थे। मैंने हर जॉनर में गाया चाहे सूफी हो, पॉप हो या रोमांटिक। जब भी मैंने परफॉर्म किया, ऑडियंस झूम उठी। लेकिन जितना मैं संगीत की गहराई में उतरता गया, उतना एहसास हुआ कि अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।

'इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच जैसी समस्याओं को खत्म कर, महिला कलाकारों के लिए सुरक्षित जगह बनाई जानी चाहिए'

‘इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच जैसी समस्याओं को खत्म कर, महिला कलाकारों के लिए सुरक्षित जगह बनाई जानी चाहिए’

आपने अपने करियर में बेहतरीन काम किए, शानदार गाने दिए, लेकिन क्या आपको लगता है कि म्यूजिक इंडस्ट्री में आपको वो पहचान और स्थान मिला जिसके आप सच्चे हकदार थे?

सच कहूं तो नहीं। मुझे नहीं लगता कि फिल्मों में मुझे उतना मौका मिला, जितना मिलना चाहिए था। मेरा टैलेंट उतना एक्सप्लोर नहीं किया गया जितना होना चाहिए था। इंडस्ट्री में ग्रुप बाजी बहुत है, और बाहरी लोगों को इतनी आसानी से अवसर नहीं मिल पाता। जब मैं जाने तेरे शहर गाना रिकॉर्ड कर रहा था, तब भी मेरी आवाज हटाने की बात चल रही थी। लेकिन म्यूजिक डायरेक्टर आर्को मेरे लिए डटकर खड़ा रहा और ऐसा होने से रोका। इंडस्ट्री में कई दिग्गजों जैसे सोनू निगम और रिचा शर्मा के साथ भी ऐसा हुआ है, जहां उनकी आवाज किसी दूसरे गायक से रिप्लेस की गई। म्यूजिक इंडस्ट्री इतनी आसानी से किसी नए को नहीं अपनाती। मेरी आवाज सिनेमैटिक है, और मैं बस इतना कहूंगा कि अगर किसी में हिम्मत है, तो मुझे मौका दे।

म्यूजिक इंडस्ट्री में मीटू जैसे आरोप लगातार सामने आते रहे हैं। हाल ही में सिंगर सचिन संघवी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। आप इस पर क्या कहेंगे?

एक बेटी के पिता होने के नाते, और 25 साल से इस इंडस्ट्री का हिस्सा होने के कारण मैं पूरे ईमानदारी से कहूंगा कि हां, ऐसी चीजें इंडस्ट्री में होती हैं। मैंने खुद ऐसे कई मामले देखे हैं जहां काम के झांसे में फंसाया गया। कुछ केस तो मीडिया की सुर्खियां बने, लेकिन बाद में दबा दिए गए। जहां तक सचिन संघवी की बात है, उनका मामला कोर्ट में है, और अगर वह गलत हैं तो उन्हें सजा जरूर मिलनी चाहिए। म्यूजिक इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच जैसी चीजें कई महिला कलाकारों को झेलनी पड़ती हैं। मैंने कई लोकप्रिय सिंगर्स को यह सब झेलते देखा है, लेकिन उन्होंने अपने दम पर इसका सामना किया। अब समय आ गया है कि इन सब पर सख्त रोक लगे।

'सोनू निगम और मैं स्कूल में पेड़ के नीचे बैठकर गुनगुनाया करते थे,वह मेरे दिल में रहते हैं'

‘सोनू निगम और मैं स्कूल में पेड़ के नीचे बैठकर गुनगुनाया करते थे,वह मेरे दिल में रहते हैं’

सोनू निगम जैसे दिग्गज गायक के साथ आपकी गहरी दोस्ती रही है, तो बताइए, इस खूबसूरत रिश्ते और दोस्ती की शुरुआत आखिर कहां और कैसे हुई?

मैं जब क्लास 11 में था, तब सोनू निगम ने हमारे स्कूल में क्लास 9 में एडमिशन लिया था। एक दिन असेंबली ग्राउंड से एक आवाज सुनाई दी ऐसी आवाज जैसे खुद भगवान गा रहे हों। मैं दौड़कर वहां गया तो देखा सोनू हारमोनियम पर ‘ऐसी लागी लगन’ गा रहे थे। मैं मंत्रमुग्ध हो गया। उसी दिन से हमारी दोस्ती शुरू हुई। हम स्कूल की कैंटीन के पास एक पेड़ के नीचे बैठकर गुनगुनाते रहते थे। वह मेरे घर भी आते थे, कई महफिलें सजी हैं जिनकी वीडियो आज भी मेरे पास हैं। फिर मैं अमेरिका चला गया और लौटकर आया तो सोनू एक स्टार बनने की राह पर थे। जब मैंने ‘जाने तेरे शहर’ गाना गाया, तो सोनू ने मुझे फोन पर कहा, ‘अब तुम पब्लिक प्रॉपर्टी हो चुके हो।’ सोनू मेरे लिए भाई जैसे हैं, और वे हमेशा मेरे दिल में रहेंगे।

अपनी लंबी संगीत यात्रा के दौरान जब हालात मुश्किल थे और समय आपके खिलाफ था, तब उन कठिन पलों में आपका सबसे बड़ा सहारा या समर्थन कौन बना?

मैं कहूंगा कि मेरा सबसे बड़ा सपोर्ट मैं खुद रहा हूं। मैंने कभी किसी से मदद नहीं मांगी। अपने संघर्षों से सीखा, गिरा तो खुद उठ खड़ा हुआ। मुझे हमेशा विश्वास रहा कि मैं कर लूंगा, और शायद यही आत्मविश्वास आज मुझे यहां तक लेकर आया है।



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