गांव गोरखपुर में टूटी सिद्धमुख नहर।
फतेहाबाद जिले में गांव गोरखपुर में डूमा पुल के पास सिद्धमुख ब्रांच नहर टूट गई। नहर में करीब 40 फुट से ज्यादा चौड़ी दरार हो गई। इस कारण करीब एक हजार एकड़ फसल में पानी भर गया। वहीं, करीब 150 ढाणियों के चारों ओर चार से पांच फुट जलभराव हो गया है। यहां रहने
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रात में ही किसानों ने अपने स्तर पर नहर को बांधने का काम शुरू किया। इसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। आसपास के गांवों के किसानों को भी सूचना दी गई। फिर गोरखपुर के साथ-साथ खजुरी जाटी व गांव कुम्हारिया के भी काफी किसान मौके पर पहुंचे।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पीछे से नहर में पानी बंद करवाने के प्रयास किए। सुबह 3 बजे पीछे से पानी बंद हुआ है। कड़ी मशक्कत के बावजूद 8 घंटे बाद भी नहर को बांधा नहीं जा सका है।
जानकारी के अनुसार, रात 12 बजे सिद्धमुख नहर टूट गई। ढाणी में रहने वाला एक किसान लघु शंका के लिए उठा तो उसे पानी के बहाव का शोर सुनाई दिया। इसके बाद नजदीक जाकर देखा तो नहर टूटी हुई थी। इसके बाद सरपंच मनदीप योगी व अन्य ग्रामीणों को सूचना दी गई। सूचना पाकर सैकड़ों की संख्या में किसान मौके पर पहुंचे और अलग-अलग तरीके से नहर को बांधने का काम शुरू किया।
गांव गोरखपुर की ढाणियों के पास हुए जलभराव से गुजरता युवक।
15 दिन पहले जेई को करवाया था अवगत किसानों ने बताया कि 15 दिन पहले सिंचाई विभाग के जेई के किनारे कमजोर होने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद जेई ने मिट्टी डलवाई। मगर पूरी तरह से किनारे मजबूत नहीं करवाए गए। इस कारण अब 15 दिन बाद ही नहर टूट गई है। इससे किसानों को काफी नुकसान हो गया है।
इनकी ढाणियों के चारों ओर भरा पानी
गांव गोरखपुर के खेतों में रहने वाले बलराज शर्मा, छत्रपाल, ओम नारायण, कर्मवीर, रामसिंह, कर्ण सिंह, नरसी राम, कृष्ण कुमार, साधुराम, आजाद सिंह, सुखवीर शर्मा, बलवंत, सतवीर, रामफल, राजवीर सिंह सहित करीब 150 परिवारों की ढाणियों के चारों ओर पानी भर गया है। इस कारण इनकी मुश्किलें बढ़ गई है।
चार पहले भी टूटी थी नहर
ग्रामीणों ने बताया कि यही सिद्धमुख नहर इसी जगह पर चार साल पहले भी टूटी थी। उस समय भी किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। उस समय कई पशु भी मारे गए थे। किसानों को उस समय उचित मुआवजा भी नहीं मिल पाया था।