बर्खास्त IAS पूजा खेडकर के माता-पिता पर मारपीट-अपहरण का आरोप:  दोनों फरार; कार की ट्रक से टक्कर के बाद हेल्पर को उठा ले गए थे

बर्खास्त IAS पूजा खेडकर के माता-पिता पर मारपीट-अपहरण का आरोप: दोनों फरार; कार की ट्रक से टक्कर के बाद हेल्पर को उठा ले गए थे


नई दिल्ली1 घंटे पहले

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पूजा खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और दिव्यांगता कोटे से आरक्षण लेने के लिए धोखाधड़ी करने का आरोप है।

बर्खास्त IAS अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर, उनकी पत्नी मनोरमा और बॉडीगार्ड प्रफुल सालुंखे पर ट्रक के हेल्पर के अपहरण और मारपीट करने का आरोप लगा है।

मामला 13 सितंबर की शाम का है, जब नवी मुंबई के ऐरोली में उनकी 2 करोड़ की लैंड क्रूजर SUV की टक्कर एक सीमेंट मिक्सर ट्रक से हो गई। पुलिस ने सोमवार को बताया,

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दिलीप और सालुंखे ने ट्रक हेल्पर प्रह्लाद कुमार (22) को जबरन गाड़ी में बैठाकर पुणे के चतुर्श्रृंगी स्थित घर ले जाकर बंधक बना लिया और पिटाई भी की।

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पुलिस के मुताबिक, शिकायत पर जब वह खेडकर के घर पहुंची तो मनोरमा खेडकर ने टीम से बदसलूकी की और उन पर कुत्ता छोड़ दिया। हालांकि, पुलिस ने हेल्पर को छुड़ा लिया।

इस दौरान दिलीप व मनोरमा ने अगले दिन थाने आने का वादा किया, लेकिन दोनों SUV समेत फरार हो गए। पुलिस ने मनोरमा पर सरकारी काम में बाधा डालने, सबूत नष्ट करने और आरोपी को बचाने का मामला दर्ज किया है।

21 मई- पूजा को सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत दी

विवादों में घिरी ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट ने 21 मई को अग्रिम जमानत दी थी। जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने पूजा को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पूजा ने कौन सा बड़ा अपराध कर दिया। वह कोई ड्रग माफिया या आतंकवादी नहीं है। उन पर हत्या (धारा 302) का आरोप नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश पलट दिया था

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट का 23 दिसंबर 2024 का आदेश पलट दिया था। पूजा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश में कुछ ऐसी टिप्पणी हैं जो ट्रायल शुरू होने पर पूजा के खिलाफ प्रयोग हो सकते हैं। इस पर बेंच ने UPSC और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था,

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यह न केवल एक संवैधानिक निकाय के साथ बल्कि समाज और पूरे देश के साथ धोखाधड़ी है। हाईकोर्ट ने माना था कि पूजा के माता-पिता बड़े पदों पर थे। इससे प्रभावशाली व्यक्तियों से मिलीभगत की आशंका का संकेत मिलता है।

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इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त, 2024 को पूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद पूजा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची थीं।

जानिए, पूजा का फर्जीवाड़ा सामने कैसे सामने आया था…

पूजा अपनी पोस्टिंग के दौरान जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थीं, उस पर 26 हजार रुपए का जुर्माना बकाया था।

पूजा अपनी पोस्टिंग के दौरान जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थीं, उस पर 26 हजार रुपए का जुर्माना बकाया था।

पूजा पुणे में ट्रेनी अफसर की ट्रेनिंग कर रही थीं। इस दौरान उन पर सुविधाएं मांगने का आरोप लगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने की शिकायत भी सामने आई। उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगवाई।

पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया। इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने UPSC में सिलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया। जांच आगे बढ़ी तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

विकलांगता सर्टिफिकेट से जुड़े 4 विवाद

  • विकलांगता सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर का एड्रेस ‘प्लॉट नंबर 53, देहू अलंदी रोड, तलावडे, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे’ लिखा गया था। जबकि इस एड्रेस पर कोई घर नहीं, थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है। पूजा की जिस ऑडी को जब्त किया गया था, वह इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर थी।
  • सरकारी नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था।
  • विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन की जांच होने पर पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आए। पूजा ने 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल से जारी 2 अलग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे।
  • पूजा ने अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लिया, लेकिन बाद में एक प्राइवेट हॉस्पिटल की रिपोर्ट UPSC में जमा की।
  • यशवंत राव चह्वाण मेमोरियल अस्पताल ने साफ कर दिया कि पूजा का लोकोमीटर सर्टिफिकेट बनाने में कोई गलती नहीं हुई। सर्टिफिकेट में पूजा को 7% लोकोमीटर डिसेबिलिटी बताई गई थी। अस्पताल को पिंपरी चिंचवाड नगर निगम संचालित करता है।
  • पूजा ने UPSC को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें देखने में भी दिक्कत होती है। पूजा ने मेडिकल टेस्ट देने से 6 बार मना किया था, जबकि मेडिकल टेस्ट देना जरूरी होता है।
  • कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा का पहला मेडिकल टेस्ट दिल्ली AIIMS में अप्रैल 2022 में शेड्यूल हुआ था। उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देकर इसमें शामिल होने से मना कर दिया था।

पूजा पर OBC कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप पूजा पर माता-पिता के मैरिटल स्टेटस की जानकारी छिपाकर OBC नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप है। पूजा के पिता दिलीप खेडकर रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। उन्होंने चुनाव भी लड़ा था।

चुनावी हलफनामें में उन्होंने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी, जबकि पूजा ने UPSC को दिए एफिडेविड में परिवार की संपत्ति 8 लाख से कम बताई थी।

पूजा का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वे माता-पिता के तलाक का दावा कर रही हैं। पूजा का दावा था कि उनके पिता उनके साथ नहीं रहते, इसलिए वे OBC नॉन-क्रीमी लेयर के दायरे में आती हैं।

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मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

पूर्व IAS पूजा खेडकर के पास 22 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी, इनसे सालाना 42 लाख रुपए की कमाई

पूजा ने साल 2023 में जॉइनिंग से पहले सरकार को दिए अपनी अचल संपत्ति के ब्योरे में बताया कि उन्होंने 2015 में पुणे के म्हालुंगे में 2 प्लॉट खरीदे। इसमें उन्होंने एक प्लॉट 42 लाख 25 हजार रुपए और दूसरा प्लॉट 43 लाख 50 हजार रुपए में खरीदा। अभी दोनों प्लॉट की मार्केट वैल्यू 6 से 8 करोड़ रुपए के बीच है। पूरी खबर पढ़ें…

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