मेक्सिको सिटीकुछ ही क्षण पहले
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अमेरिका के बाद अब मेक्सिको भारत पर हाई टैरिफ लगाने जा रहा है। मेक्सिको की संसद ने बुधवार को एशियाई देशों पर 50% तक का भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया। यह टैरिफ ऐसे देशों पर लगाया जाएगा जिनके साथ मेक्सिको का कोई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं है। यह साल 2026 से लागू होगा।
इसमें मुख्य रूप से चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया शामिल हैं। ये देश मेक्सिको के कुल आयात का बड़ा हिस्सा (2024 में $253.7 अरब) कवर करते हैं, और इनसे व्यापार घाटा $223 अरब है।
इस नए कानून के अनुसार कारें, ऑटो पार्ट्स, कपड़े-टेक्सटाइल, प्लास्टिक के उत्पाद, स्टील और जूते-चप्पल जैसे लगभग 1,400 तरह के सामान महंगे होंगे। ज्यादातर पर 35 प्रतिशत तक और कुछ पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगेगा।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम 2026 में होने वाली USMCA (अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा व्यापार समझौता) की समीक्षा से पहले अमेरिका को खुश करने की कोशिश है। क्योंकि अमेरिका लंबे समय से चीन से मेक्सिको के रास्ते आने वाले सस्ते सामान पर चिंता जता रहा है।
मेक्सिको कारोबारी बोले- इससे महंगाई बढ़ेगी
चीन सरकार, मेक्सिको के बड़े कारोबारी संगठन और विपक्षी दल इसे गलत कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि टैरिफ दरअसल आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर है, जिससे रोजमर्रा का सामान महंगा हो जाएगा और महंगाई बढ़ेगी।
पहले प्रस्तावित बिल इससे भी सख्त था, लेकिन विरोध के बाद करीब दो-तिहाई सामान पर टैरिफ को कम कर दिया गया। सीनेट में बिल 76 के मुकाबले 5 वोटों से पास हुआ जबकि 35 सांसदों ने वोटिंग से दूर रहना चुना। बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर क्लाउडिया शिनबाम के बाद कानून बन जाएगा और 2026 से लागू हो जाएगा।

चीनी ऑटोमोबाइल और पार्ट्स पर 50% टैरिफ यह नीति मुख्य रूप से उन उत्पादों को टारगेट करती है जो मेक्सिको की स्थानीय इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
- ऑटोमोबाइल और पार्ट्स: चीनी कारों पर 50% टैरिफ, जो अभी मेक्सिको के बाजार का 20% हिस्सा रखती हैं (6 साल पहले यह न्यूनतम था)। इसमें टचस्क्रीन, डैशबोर्ड जैसे कंपोनेंट्स शामिल।
- टेक्सटाइल, कपड़े और जूते: 10-50% टैरिफ, क्योंकि ये सस्ते चीनी आयात से प्रभावित हैं।
- स्टील, प्लास्टिक और धातु: 35% तक, स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बचाने के लिए।
- अन्य: खिलौने, मोटरसाइकिल, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन। कुल मिलाकर, 1,400 टैरिफ लाइनों पर असर, जो कुल आयात का 8.6% ($52 अरब मूल्य) प्रभावित करेगा।
भारत और मेक्सिको के बीच 10 अरब डॉलर का ट्रेड
भारत और मेक्सिको के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय दूतावास की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है और 10 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर चुका है।
साल 2022 में दोनों देशों के बीच माल का व्यापार 11.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। साल 2023 में इसमें थोड़ी कमी आई और यह 10.6 अरब डॉलर रह गया, लेकिन 2024 में फिर रिकॉर्ड तोड़ते हुए यह 11.7 अरब डॉलर के सर्वोच्च स्तर पर पहुँच गया।
साल 2024 में भारत ने मेक्सिको को 8.9 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है, जबकि मेक्सिको से सिर्फ 2.8 अरब डॉलर का आयात हुआ। इस तरह भारत को क़रीब 6 अरब डॉलर का व्यापार सरप्लस मिला। यह लगातार आठवां साल है जब भारत मेक्सिको के साथ व्यापार में मुनाफे में रहा है।
भारत मेक्सिको का दसवां बड़ा साझेदार
मेक्सिको लैटिन अमेरिका में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन चुका है (ब्राजील के बाद), और दुनिया भर में भारत के टॉप-10 व्यापारिक देशों में शामिल है।
दूसरी तरफ मेक्सिको के लिए भारत 2023 में नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। कोविड महामारी के दौरान 2020 में व्यापार में आई भारी गिरावट के बाद अब दोनों देशों के बीच व्यापार बहुत मजबूती से उबरा है। इसके पीछे वजह है दोनों तरफ से निर्यात-आयात होने वाले सामान की विविधता और व्यापार बढ़ाने के सक्रिय प्रयास।
हालांकि अभी भारत और मेक्सिको के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बातचीत की जानकारी नहीं है। भारत पर अभी दुनिया में सबसे ज्यादा औसत अमेरिकी टैरिफ (50 प्रतिशत) लगता है, जो ब्राजील के बराबर है।
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