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एनसीबी ने फार्मा कंपनी के आड़ में ट्रामाडोल की नशीली गोलियां का अवैध कारोबार करने के मामले में सिविल अस्पताल के पूर्व ऑप्थेलमिक अधिकारी राकेश कुमार निवासी बटाला रोड को मंगलवार के दिन कोर्ट में पेश कर दो दिन का रिमांड हासिल किया। सोमवार को राकेश की गिरफ्तारी मई में दर्ज केस के तहत की गई।
अब तक मामले में बड़े अस्पतालों के डाक्टरों सहित 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। राकेश के पकड़े जाने के बाद पंजाब के दो सिविल सर्जन भी एनसीबी के राडार पर हैं। यह दोनों सिविल सर्जन अभी ऑन ड्यूटी हैं। एनसीबी फिलहाल इन्हें सम्मन करने की तैयार कर रही है। पूर्व ऑप्थेलमिक अफसर राकेश कुमार सिविल अस्पताल कर्मचारी एसोसिएशन प्रधान रह चुका है। हालांकि वह रिटारय हो चुका है।
एनसीबी इससे पहले राकेश से पूछताछ कर चुकी है मगर वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया था। काफी दिन तक अंडरग्राउंड रहने के बाद बीते रोज एनसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि 1 मई से 5 अक्टूबर 2025 तक कई चरणों में कार्रवाई कर चुकी है। शुरुआत 1 मई को 31 हजार से ज्यादा ट्रामाडोल टैबलेट्स की बरामदगी से हुई थी जो िक वेब चैनल के साथ फार्मा कंपनी के संचालक दीपक भंडारी से बरामद हुई थीं। फिर 2 मई को एनसीबी अधिकारियों ने फॉलोअप कार्रवाई के दौरान लाइफकेयर मेडिकेयर अस्पताल, फतेहगढ़ चूरियां रोड, से 472 ट्रामाडोल टैबलेट्स जब्त की।
इस दौरान एक आरोपी परवीन कुमार मौके से फरार हो गया था। इसी दिन एक अन्य कार्रवाई में, कॉरपोरेट अस्पताल बटाला रोड से 2 हजार ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद की गईं। अस्पताल के साझेदार राजन मल्होत्रा और जतिंदर मल्होत्रा को 3 मई को उनके बयान दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।



