वर्ल्ड अपडेट्स:  जेलेंस्की बोले- हम अपनी जमीन और जमीर खोने की कगार पर, ट्रम्प का पीस प्लान स्वीकारने का दबाव

वर्ल्ड अपडेट्स: जेलेंस्की बोले- हम अपनी जमीन और जमीर खोने की कगार पर, ट्रम्प का पीस प्लान स्वीकारने का दबाव


52 मिनट पहले

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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि हम अपनी जमीन और जमीर को खोने के कगार पर हैं। रूस के साथ युद्ध के चार साल के दौरान पहली बार यूक्रेन के सामने दोराहे के हालात हैं। हमने शर्तें मानी तो अपने देश का एक बड़ा हिस्सा खो देंगे। साथ ही जिस जज्बे और जमीर से हम रूस के खिलाफ लड़ रहे थे उसे भी गंवा बैठेंगे।

जेलेंस्की ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा अगर यूक्रेन ने शर्तें नहीं मानी तो वह अमेरिका के जैसे एक अच्छे पार्टनर को खो देगा। जेलेंसकी ने कहा- मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ इस बारे में बातचीत करना चाहता हूं। जिससे कि यूक्रेन के पक्ष को और मजबूती से रखा सके।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि मुझे भरोसा है कि यूक्रेन मेरे पीस प्लान को स्वीकार करेगा। ट्रम्प ने 27 नवंबर तक जेलेंस्की को प्लान पर जवाब देने का अल्टीमेटम दिया हुआ है। इस बीच शुक्रवार देर रात को रूस ने अमेरिकी प्लान का समर्थन किया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ट्रम्प का ये प्लान यूक्रेन में स्थायी शांति का आधार बनेगा।

ट्रम्प ने 28 पॉइंट का प्लान तैयार किया है। इसके मुताबिक यूक्रेन को अपना लगभग 20% हिस्सा रूस को देना होगा। इसमें पूर्वी यूक्रेन का डोनबास का इलाका शामिल है। यूक्रेन मात्र 6 लाख जवानों वाली सेना ही रख सकेगा।

नाटो में यूक्रेन की एंट्री नहीं होगी। नाटो सेनाएं यूक्रेन में नहीं रहेंगी। प्लान में कहा गया है कि रूस द्वारा शांति प्रस्तावों को मानने पर उस पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया जाएगा। साथ ही यूरोप में जब्त की गई लगभग 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति भी डीफ्रीज होगी।

ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश यूक्रेन के साथ हैं।

स्टार्मर ने कहा- यूरोप में शांति स्थापना के लिए पीस प्लान में यूक्रेन के पक्ष को मजबूती से रखना होगा। यूक्रेन की संप्रभुता के लिए उसे सुरक्षा कवच देना जरूरी है। यूक्रेन की सेना में कटौती करना ठीक नहीं है।

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अमेरिका को दो और पोर्ट देगा पाकिस्तान; इनमें से एक भारत के चाबहार पोर्ट से सिर्फ 115km दूर

पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को दो और पोर्ट डेवलप करने का ऑफर किया है। ये पोर्ट बलूचिस्तान के ओरमारा और जिवानी हैं।

ईरान की सीमा के पास स्थित ये दोनों पोर्ट रेअर अर्थ मिनरल्स के परिवहन के काम में आएंगे। मुनीर के नए ऑफर में शामिल ओरमारा और जिवानी की जियो लोकेशन ईरान के चाबहार बंदरगाह के पास है।

इनमें से जिवानी पोर्ट भारत की तरफ से डेवलप किए जा रहे ईरानी चाबहार पोर्ट से सिर्फ 115 किमी दूर है। इससे पहले मुनीर बलूचिस्तान के ग्वादर जिले में स्थित पासनी पोर्ट डेवलपमेंट करने के लिए अमेरिका को सौंपने का ऐलान कर चुके हैं।

अमेरिका की रणनीति यहां पर पोर्ट हासिल कर अरब सागर में अपनी मौजूदगी को मजबूत करना है। साथ ही यहां से गुजरने वाले चीन के CPEC​ रूट पर नजर रखना है।

चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीसा 5 साल बाद शुरू, गलवान झड़प के बाद रोक लगाई थी​

​​​​​​भारत ने पांच साल बाद चीनी नागरिकों को टूरिस्ट वीजा देना फिर से शुरू कर दिया है। यह फैसला दोनों देशों के बीच सामान्य होते रिश्तों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद इस पर रोक लगाई गई थी। इस साल जुलाई में एक आदेश जारी हुआ था, जिसमें चीनी नागरिकों को फिर से टूरिस्ट वीजा देने की बात कही गई थी।

इससे पहले जनवरी 2025 में भारत और चीन के बीच सीधी पैसेंजर फ्लाइट्स फिर से शुरू करने पर सहमति बनी थी।

इसके बाद 10 नवंबर को भारत और चीन के बीच पांच साल बाद सीधी फ्लाइट्स फिर से शुरू हुईं। जबकि, जून 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा भी पांच साल बाद फिर से शुरू हुई।

मीडिया ने ममदानी से पूछा- ट्रम्प को तानाशाह मानते हो:अमेरिकी राष्ट्रपति बोले- हां कह दो, मुझे फर्क नहीं पड़ता है

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और न्यूयॉर्क सिटी के नव-निर्वाचित मेयर जोहरान ममदानी की शुक्रवार को व्हाइट हाउस में पहली मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने मीडिया से भी बात की।

इस दौरान मीडिया ने ममदानी से पूछा कि क्या वे अभी भी ट्रम्प को फासिस्ट (तानाशाह) मानते हैं। इस पर ट्रम्प ने कहा कि- कोई बात नहीं, हां कद दो। यह समझाने से आसान है। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता।

रिपोर्टर ने पूछा कि ममदानी कार्बन उत्सर्जन पर सवाल उठाते रहे हैं, फिर वह वॉशिंगटन हवाई जहाज में क्यों आये? इस पर ट्रम्प ने कहा कि ममदानी बहुत मेहनत करते हैं और उनका यहां आना जरूरी था, इसमें कुछ गलत नहीं है। पढ़ें पूरी खबर…

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