3 मिनट पहले
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दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हो गया है। 89 साल के एक्टर को सोमवार को सांस लेने में तकलीफ होने के चलते ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत स्थिर न होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके लिए 72 घंटे क्रिटिकल थे।
देओल परिवार के करीबी सूत्र के अनुसार, धर्मेंद्र की बेटियों को पहले ही विदेश से मुंबई बुलाया गया है। बीती रात सनी देओल अस्पताल के बाहर बेहद भावुक नजर आए, वहीं बॉबी देओल भी अल्फा की शूटिंग छोड़कर मुंबई लौट आए और पिता से मिलने पहुंचे थे। शाहरुख, सलमान समेत कई बॉलीवुड सेलेब्स सोमवार देर रात ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल पहुंचे।

बॉबी देओल देर रात ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल पहुंचे थे।

सनी देओल सोमवार को बेहद भावुक दिखे थे।

सोमवार को सनी देओल के दोनों बेटे करण और राजवीर हॉस्पिटल पहुंचे।

हेमा मालिनी सोमवार शाम ही अस्पताल पहुंच गई थीं।
ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल पहुंचे कई सेलेब्स-

ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे सलमान खान। एक्टर सोमवार सुबह ही मुंबई लौटे हैं।

शाहरुख खान भी बेटे आर्यन के साथ धर्मेंद्र का हाल जानने ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे थे।

गोविंदा भी सोमवार रात हॉस्पिटल पहुंचे थे।

अस्पताल से निकलते समय अमीषा पटेल भावुक नजर आईं।
31 अक्टूबर को भी हुए थे अस्पताल में भर्ती
10 नवंबर से पहले धर्मेंद्र को 31 अक्टूबर को भी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रिपोर्टर विक्की ललवानी ने पोस्ट कर बताया था कि सांस लेने में तकलीफ होने के चलते धर्मेंद्र को ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें ICU में रखा गया था। उनके सारे शरीर के पैरामीटर ठीक होने पर उन्हें कुछ ही घंटों में डिस्चार्ज कर दिया गया था।
बता दें कि इसी साल की शुरुआत में धर्मेंद्र की कॉर्निया ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई थी। उनकी बाईं आंख की पारदर्शी परत यानी कि कॉर्निया डैमेज हो गई थी, जिसके बाद उनका कॉर्निया ट्रांसप्लांट (केराटोप्लास्टी) किया गया था।
धर्मेंद्र को साल 2015-2020 के बीच कई बार पीठ दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और कमजोरी की शिकायत हुई थी। उन्हें पीठ दर्द और थकान की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को नसराली में हुआ था। 8 दिसंबर को धर्मेंद्र 90 साल के होने वाले थे।
जल्द रिलीज होगी धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म
धर्मेंद्र फिल्म इक्कीस में नजर आएंगे। ये फिल्म भारत-पाकिस्तान के बीच हुई जंग के यंग सोल्जर अरुण खेत्रपाल की कहानी है। अमिताभ बच्चन के नातिन अग्स्त्या नंदा ने फिल्म में अरुण खेत्रपाल की भूमिका निभाई है, जबकि धर्मेंद्र उनके पिता एम.एल.खेत्रपाल के रोल में हैं।

एक नजर धर्मेंद्र के फिल्मी सफर पर-
8 दिसंबर 1935 को नसराली, पंजाब में धर्मेंद्र का जन्म स्कूल हेडमास्टर केवल किशन देओल के घर हुआ। 1954 में मैट्रिक तक पढ़ाई कर धर्मेंद्र ने मुंबई में हुए फिल्मफेयर टेलेंट हंट कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया, जिसमें जीतने वाले को हिंदी फिल्म मिलती।

धर्मेंद्र जीते जरूर लेकिन वो फिल्म कभी बनी ही नहीं। गुजारे के लिए धर्मेंद्र ने ड्रिलिंग फर्म में नौकरी की, जहां उन्हें 200 रुपए तनख्वाह मिलती थी। इसी बीच हीरो बनने के लिए वो प्रोड्यूसर्स के दफ्तरों के चक्कर काटने लगे। लंबे संघर्ष के बाद धर्मेंद्र को अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरा मिली। और यहीं से शुरू हुआ उनका फिल्मी सफर। आगे शोला और शबनम, अनपढ़ और बंदिनी जैसी फिल्मों से धर्मेंद्र ने फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बना ली।
बॉलीवुड के सबसे हैंडसम एक्टर, देव आनंद ने कहा था- ऐसी शक्ल मेरी क्यों नहीं
भारतीय सिनेमा के इतिहास में धर्मेंद्र को सबसे हैंडसम एक्टर माना जाता है। एक बार धर्मेंद्र को देखकर देव आनंद ने कहा था कि ऐसी शक्ल मेरी क्यों नहीं है? उनकी सेहत और चेहरे की चमक देखकर एक बार दिलीप कुमार ने भी कहा था कि वे अगले जन्म में धर्मेंद्र जैसी शख्सियत पाना चाहते हैं। धर्मेंद्र उम्र के इस पड़ाव पर भी खुद को फिट रखे हुए हैं। उनका मानना है कि उम्र महज एक आंकड़ा होता है। वे श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित के साथ रोमांटिक फिल्म करना चाहते थे।

8 दिसम्बर 1935 को पंजाब में लुधियाना जिले के साहनेवाल गांव में जन्मे धर्मेंद्र की कहानी उनके साथ काम कर चुके प्रोड्यूसर- डायरेक्टर के सी बोकाडिया और अशोक त्यागी की जुबानी…
फिल्मों में आने की प्रेरणा दिलीप कुमार से मिली
धर्मेंद्र इस बात का खुलासा कई बार कर चुके हैं कि फिल्मों में आने की प्रेरणा उन्हें दिलीप कुमार की फिल्में देख कर मिली। धर्मेंद्र जब दसवीं कक्षा में थे तब पहली बार दिलीप कुमार जी की फिल्म ‘शहीद’ देखी थी। इसके बाद उन्हें दिलीप कुमार की एक्टिंग स्किल्स से प्यार हो गया था।
आईने में देखकर सवाल करते- मैं दिलीप कुमार बन सकता हूं क्या?
धर्मेंद्र दिलीप कुमार को हमेशा से अपना खुदा, भाई और आदर्श मानते रहे हैं। अक्सर सोशल मीडिया पर दिलीप कुमार के बारे में प्यार भरे संदेश शेयर करते रहते हैं। धर्मेंद्र ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा था- मैं नौकरी करता था और साइकिल पर आता जाता था। जहां भी फिल्मों के पोस्टर्स लगे होते उसमें अपनी झलक देखता था। रातों-रात जागता और अनहोने ख्वाब देखता। सुबह उठकर आईने से ये सवाल किया करता था कि मैं दिलीप कुमार बन सकता हूं क्या?

धर्मेंद्र को जब दिलीप कुमार ने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया, तो वे काफी भावुक हो गए थे।
दिलीप कुमार भी धर्मेंद्र की पर्सनैलिटी के कायल थे
1997 में 42वें फिल्मफेयर अवॉर्ड शो में धर्मेंद्र को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया था। यह अवॉर्ड दिलीप कुमार ने खुद धर्मेंद्र को दिया था। दिलीप कुमार भी धर्मेंद्र की पर्सनैलिटी के कायल थे। उन्होंने अवॉर्ड शो के दौरान कहा था- जब मैंने पहली बार धरम को देखा था तो देखते ही मेरे दिल में उमंग पैदा हुई, अल्लाह मुझे ऐसा ही बनाया होता तो क्या जाता?
देव आनंद भी चाहते थे धर्मेंद्र जैसी शक्ल
पहली बार जब देव आनंद ने धर्मेंद्र को देखा था, तो वे बोले थे कि हे भगवान तुमने ये शक्ल मुझे क्यों नहीं दी। इस बात का खुलासा डायरेक्टर अशोक त्यागी ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान किया। त्यागी ने कहा- जब मैं ‘रिटर्न ऑफ ज्वेलथीफ’ बना रहा था तो धरम जी को इस फिल्म में भी कास्ट किया। हालांकि फिल्म का शीर्षक देव आनंद जी की फिल्म ‘ज्वेलथीफ’ से लिया था इसलिए मैंने इसमें देव साहब को मेन रोल में कास्ट किया था।
धरम जी को पता था कि देव साहब का कैरेक्टर उनसे स्ट्रॉन्ग है फिर भी उन्होंने फिल्म की थी। इस फिल्म को बनाने में धरम जी ने बहुत सपोर्ट किया। इस फिल्म के लिए जब देव साहब से संपर्क किया था, तब देव साहब ने धरम जी से पहली मुलाकात का किस्सा शेयर किया था।
दूर भीड़ में खड़े धर्मेंद्र पर पड़ी थी देव आनंद की नजर
अशोक त्यागी ने कहा- जब धरम जी मुंबई फिल्म फेयर कॉन्टेस्ट में भाग लेने आए थे, उस समय कॉन्टेस्ट में जितने लोग भाग लेने आए थे सबको शूटिंग दिखाने के लिए ले जाया गया। उस समय देव साहब की फिल्म की शूटिंग चल रही थी।
देव साहब ने बताया था कि धर्मेंद्र को दूर भीड़ में खड़े देखकर बोले थे कि हे भगवान तुमने मुझे ये शक्ल क्यों नहीं दी। इतना ही नहीं, देव साहब दूर खड़े धर्मेंद्र की पर्सनालिटी से इस कदर प्रभावित हुए कि उनको बुलाकर अपना लंच भी शेयर किया था। धरम जी ने मुझे बताया था कि पहली बार इंग्लिश टाइप का लंच बाक्स उन्होंने देखा था।

शूटिंग के दौरान देव साहब और धर्मेंद्र के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती थी
इत्तफाक देखिए, देव आनंद का असली नाम धरम देव आनंद है। देव साहब के प्रति धरम जी के मन में बहुत आदर सम्मान था। देव आनंद और धरम जी का बहुत ही रहस्यमयी रिश्ता था, लेकिन शूटिंग के दौरान प्रतिस्पर्धा भी थी। उस समय धरम जी बड़े स्टार बन चुके थे। उनके एक- एक डायलॉग लोगों की जुबान पर हैं। देव साहब का भी अपना एक अलग ही मुकाम रहा है।
जो डायरेक्टर कहानी ठीक से नहीं सुना सकता है वह फिल्म क्या बना पाएगा?
‘रिटर्न ऑफ ज्वेलथीफ’ से पहले मैंने धरम जी को लेकर ‘मेरा ईमान’ शुरू की थी। इस फिल्म में उनके अपोजिट स्मिता पाटिल थीं। 10 रील बनने के बाद फिल्म नहीं बन पाई क्योंकि स्मिता का निधन हो गया था।
धरम जी को इस फिल्म में साइन करने से पहले उनका एक इंटरव्यू मैगजीन में पढ़ा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि था कि जो डायरेक्टर कहानी ठीक से नहीं सुना सकता है वह फिल्म क्या बना पाएगा?
उस इंटरव्यू को पढ़ने के बाद मैंने 10 दिन तक रिहर्सल की थी। कहानी पूरी तरह से रट ली। जब धरम जी को कहानी सुनाई तो उन्होंने मेरी पीठ ठोंकी और मुझे आशीर्वाद दिया। आज बड़े आत्मविश्वास के साथ कह सकता हूं कि फिल्म की कहानी किसी भी बड़े अभिनेता को सुना सकता हूं।

उनके अंदर एक ग्रामीण व्यक्ति अभी भी जीवित है
इतनी बड़ी कामयाबी हासिल करने के बाद भी धरम जी के अंदर गांव का एक ग्रामीण व्यक्ति अभी भी जीवित है। इसीलिए उन्हें लोनावाला फार्म हाउस में रहने में ज्यादा मजा आता है। आज भी वो जमीन से जुड़े स्टार हैं, ऐसी क्वालिटी बहुत कम लोगों के अंदर मैंने देखी है। जिसके साथ उनके रिश्ते अच्छे हैं, उनका ख्याल वह हमेशा रखते हैं।
चने खाकर बेंच पर सो जाते थे, कभी वह भी नसीब नहीं होता था
फिल्मों में आने के लिए धर्मेंद्र ने कड़ा संघर्ष किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक धर्मेंद्र ने अभिनय कहीं से सीखा नहीं था। फिल्मफेयर की तरफ से आयोजित टैलेंट हंट प्रतियोगिता में धर्मेंद्र ने कई प्रतिभाशाली लोगों को पीछे छोड़कर जीत हासिल की। टैलेंट हंट जीतकर धर्मेंद्र मुंबई आ गए, लेकिन फिल्मों की राह आसान नहीं थी। फिल्म निर्माताओं के दफ्तर में चक्कर लगाने के लिए वे मीलों पैदल चलते थे ताकि पैसे बचा सकें और उससे कुछ खा सकें। कई बार वह चने खाकर बेंच पर सो जाते और कभी-कभी तो चना भी नसीब नहीं होता था।
पहली फिल्म में 51 रुपए मिले थे
धर्मेंद्र को फिल्मों में पहला मौका डायरेक्टर अर्जुन हिंगोरानी ने फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ में दिया था। 1960 में रिलीज इस फिल्म के लिए धर्मेंद्र को 51 रुपए मिले थे। इस फिल्म के बाद भी धर्मेंद्र ने जितनी भी फिल्में अर्जुन हिंगोरानी के साथ कीं, सिर्फ नाममात्र ही पैसा लिया। हिंगोरानी परिवार का धर्मेंद्र ने ताउम्र एहसान माना, कभी भी उनसे पैसे की डिमांड नहीं की।

उम्र को महज एक नंबर मानते हैं धर्मेंद्र
धर्मेंद्र अब तक 306 फिल्मों में नजर आ चुके हैं। उन्होंने एक्शन हीरो से लेकर रोमांटिक और हास्य किरदार भी निभाए हैं। धर्मेंद्र मानते हैं कि उम्र महज एक नंबर है। प्रोड्यूसर-डायरेक्टर के सी बोकाडिया ने कहा- धरम जी के साथ हमारा आपस में तालमेल इतना सही था कि अगर दो दिन पहले भी उनको शूटिंग के लिए अप्रोच करूं तो कभी भी लेन-देन की बात नहीं करते थे। उसके साथ आज भी बहुत अच्छे रिश्ते हैं। वह कहते थे कि हिंदुस्तान में एक्टर को 60 वर्ष की उम्र में बुड्ढा कर दिया जाता है। हॉलीवुड में 60-65 साल का एक्टर लव स्टोरी करता है।
श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित के साथ रोमांटिक फिल्म करना चाह रहे थे
धरम जी ने मुझसे कहा था- मैं भी एक लव स्टोरी वाली फिल्म करने जा रहा हूं, जिसमें श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित की कास्टिंग है। उस लव स्टोरी फिल्म में हीरो बनकर आऊंगा। 25 साल के एक्टर जो घूमते हैं उनको बताऊंगा कि लव स्टोरी क्या होती है? वैसे भी लव स्टोरी में मेरा तजुर्बा बहुत ज्यादा है। वह फिल्म क्यों नहीं बन पाई, इसके बारे में अभी कुछ नहीं बता सकता हूं। धरम जी खुद को युवा समझते हैं। यही उनकी अच्छी सेहत का राज है।

धर्मेंद्र और मीना कुमारी की नजदीकियों से कमाल अमरोही नाराज रहते थे।
डायरेक्टर ने धर्मेंद्र का मुंह काला करवा दिया था
धर्मेंद्र का हैंडसम दिखना कुछ लोगों को रास भी नहीं आया था। धर्मेंद्र और मीना कुमारी की नजदीकियों से मीना के पति कमाल अमरोही नाराज रहते थे। हालांकि एक समय ऐसा भी आया जब कमाल और मीना अलग हो चुके थे, लेकिन दोनों में प्यार तो था ही, यही वजह थी कि वे एक-दूसरे के लिए काफी अहमियत रखते थे।
इधर धर्मेंद्र भी मीना को छोड़ आगे बढ़ गए थे, लेकिन धर्मेंद्र और मीना कुमारी की नजदीकियों की बात कमाल अमरोही नहीं भूले थे। जब उन्होंने धर्मेंद्र को लेकर फिल्म ‘रजिया सुल्तान’ बनाई तो एक सीन में धर्मेंद्र का मुंह काला करवा दिया। फिल्म से जुड़े लोगों ने बताया था कि इस सीन की फिल्म में कोई जरूरत नहीं थी। माना जाता है कि कमाल अमरोही ने धर्मेंद्र से मीना कुमारी को लेकर खुन्नस निकाली थी।
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