वॉशिंगटन डीसी14 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
ट्रम्प ने रविवार को हर कम आय वाले अमेरिकियों को 2,000 डॉल देने की बात कही।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर दावा किया कि टैरिफ से अरबों डॉलर की कमाई हो रही है। उन्होंने कहा कि इस कमाई से अमीरों को छोड़कर हर अमेरिकी नागरिक को 2,000 डॉलर (करीब 1.7 लाख रुपए) का ‘डिविडेंड’ मिलेगा।
ट्रम्प ने पोस्ट में टैरिफ के आलोचकों को ‘मूर्ख’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘टैरिफ के खिलाफ बोलने वाले लोग मूर्ख हैं। हमारी सरकार ने अमेरिका को दुनिया का सबसे अमीर और सम्मानित देश बना दिया है, जहां महंगाई न के बराबर है और शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर है।’
हालांकि, ट्रम्प ने यह नहीं बताया कि ये प्रॉफिट किसे मिलेगा, इसकी पात्रता मानदंड (जैसे आय सीमा क्या होगी?) या समयसीमा पर कोई साफ जानकारी नहीं दी। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा वादा किया। अक्टूबर में उन्होंने 1,000 से 2,000 डॉलर के छूट का संकेत दिया था।

ट्रम्प बोले- टैरिफ के कारण व्यवसाय अमेरिका में आ रहे
टैरिफ से हो रहे प्रॉफिट के अलावा ट्रम्प ने व्यापार मामलों में राष्ट्रपति के पावर की सीमाओं पर सवाल उठाते हुए गुस्सा जताया।
उन्होंने कहा अमेरिका के राष्ट्रपति के पास किसी विदेशी देश के साथ सभी व्यापार को रोकने की अनुमति है, दूसरे देश को लाइसेंस देने की अनुमति है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए टैरिफ लगाने की अनुमति नहीं है। ट्रम्प ने कहा-
दूसरे देश हम पर टैरिफ लगा सकते हैं, लेकिन हम उनपर नहीं। सिर्फ टैरिफ की वजह से ही व्यवसाय अमेरिका में आ रहे हैं। टैरिफ के बिना हमारे पास कुछ भी नहीं है। क्या सुप्रीम कोर्ट यह नहीं समझता।

ट्रम्प का कहना था कि अप्रैल 2025 में घोषित टैरिफ (10% से 50%) अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है। व्हाइट हाउस ने तर्क दिया कि 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) के तहत राष्ट्रपति को व्यापार कंट्रोल करने की शक्ति है, जिसमें टैरिफ लगाना शामिल है।
सॉलिसिटर जनरल जॉन सावर ने चेतावनी दी कि अगर ये नीति रद्द हुई तो आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा नुकसान हो सकता है।

कोर्ट बोला- टैरिफ लगाने की शक्ति संसद के पास
अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प के ज्यादातर टैरिफ को गैरकानूनी बताया है। 5 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की लिबरल जस्टिस सोनिया सोतोमेयर ने संविधान का हवाला देकर कहा था कि टैक्स लगाने की शक्ति संसद की है, न कि राष्ट्रपति की।
ट्रम्प ने चीन, कनाडा, मेक्सिको जैसे देशों पर व्यापार घाटे और अन्य कारणों से टैरिफ लगाए थे। ट्रम्प ने इन कानूनों को अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) के तहत सही ठहराया था।
उनका कहना था कि व्यापार असंतुलन अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और इसलिए उन्होंने व्यापार पर ‘नेशनल इमरजेंसी’ घोषित कर टैरिफ लगाए।
ट्रेजरी सेक्रेटरी बोली- हमारा फोकस कर्ज चुकाने पर है
ट्रम्प के दावों पर अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने ABC न्यूज को दिए इंटरव्यू में सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी ट्रम्प से इस डिविडेंड पर चर्चा नहीं हुई है। लेकिन शायद यह राशि टैक्स में कटौती के रूप में आ सकती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बेसेन्ट का फोकस कर्ज चुकाने पर है, न कि डायरेक्ट चेक बांटने पर। अगस्त में उन्होंने CNBC को बताया था कि टैरिफ राजस्व से 38.12 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज को कम किया जाएगा।

20 जनवरी को पद संभालने के बाद ट्रम्प ने टैरिफ लगाने से जुड़ा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था।
रिपोर्ट- ट्रम्प का प्लान कर्ज बढ़ा सकता है
ट्रेजरी डिपार्टमेंट के सितंबर के बयान के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2025 में टैरिफ से केवल 195 अरब डॉलर की आय हुई। अगर 2,000 डॉलर प्रति व्यक्ति (लगभग 25 करोड़ गैर-अमीर अमेरिकियों को) बांटे जाएं, तो लागत करीब 500 अरब डॉलर होगी जो मौजूदा आय से कहीं ज्यादा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह योजना कर्ज कम करने के बजाय उसे बढ़ा सकती है।
अमेरिका पर 3,200 खरब रुपए कर्ज, दुनिया में सबसे ज्यादा
अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज (नेशनल डेब्ट) नवंबर 2025 तक लगभग 38 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 3,200 खरब रुपए) हो चुका है, जो दुनिया का सबसे बड़ा कर्ज है।
यह कर्ज ट्रेजरी सिक्योरिटीज (सरकारी बॉन्ड्स) के रूप में बंटा हुआ है। कुल कर्ज का करीब 70% अमेरिकी संस्थाओं (घरेलू) के पास है, जबकि 30% विदेशी देशों और निवेशकों के पास।
विदेशी हिस्सा लगभग 8-9 ट्रिलियन डॉलर का है। जापान अमेरिका का सबसे बड़ा लेनदार है, जो अमेरिकी बॉन्ड्स को सुरक्षित निवेश मानता है। वहीं, चीन का हिस्सा घट रहा है (पहले 1 ट्रिलियन से ज्यादा था)।
यह कर्ज अमेरिकी अर्थव्यवस्था के GDP (30 ट्रिलियन डॉलर) का 120% से ज्यादा है, जो चिंता का विषय है। बढ़ते कर्ज से ब्याज भुगतान पर सालाना 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च हो रहा है।

ट्रम्प ने 100 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाया था
ट्रम्प ने 5 मार्च को अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन में दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि हमारी इकोनॉमी लगातार घाटे में जा रही है। इस नुकसान से बचने के लिए हम उन सभी देशों पर टैरिफ लगाएंगे, जो हमारे सामानों पर टैरिफ लगाते हैं।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने करीब एक महीने बाद 2 अप्रैल को भारत समेत 69 देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। यह 9 अप्रैल से लागू होने वाला था, लेकिन ट्रम्प ने तब इसे टाल दिया। बाद में 31 जुलाई को ट्रम्प ने 100 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाया, जो अगस्त में पूरी तरह लागू हो गया।

ट्रम्प ने दुनिया के ज्यादातर देशों पर टैरिफ लगाया है।।
भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ, रूस से तेल खरीदने पर पैनल्टी
ट्रम्प भारत पर अब तक कुल 50% टैरिफ लगा चुके हैं। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है।
रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से और पेनल्टी 27 अगस्त से लागू हुआ था। अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
ट्रम्प कई बार यह दावा कर चुके हैं कि, भारत के तेल खरीद से मिलने वाले पैसे से रूस, यूक्रेन में जंग को बढ़ावा देता है।
———————————————
ये खबर भी पढ़ें…
ट्रम्प से मिलेंगे सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा: अमेरिका ने आतंकी माना, सिर पर 84 करोड़ का इनाम था, अब UN ने भी आतंकी का टैग हटाया

सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। वे रविवार को वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं। दोनों नेताओं की इस साल यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले मई 2025 में दोनों नेता सऊदी अरब में मिले थे। पूरी खबर पढ़ें…



