3 घंटे पहलेलेखक: अमित कर्ण
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एक्टर सतीश शाह का शनिवार दोपहर निधन हो गया। वे 74 साल के थे और किडनी से जुड़ी समस्या से जूझ रहे थे। सतीश शाह के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए एक्टर जमनादास मजेठिया उर्फ जेडी मजेठिया ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए उनके बारे में कई बाते शेयर कीं।
उन्होंने सतीश शाह को केवल एक एक्टर नहीं बल्कि एक शानदार व्यक्ति और मित्र के रूप में याद किया। जेडी मजेठिया ने बताया कि सतीश शाह के लिए ‘इंद्रवदन’ का किरदार सिर्फ स्क्रीन पर ही नहीं बल्कि असली जिंदगी में भी उनके व्यक्तित्व का प्रतीक था।
कैसे सतीश शाह की ‘इंद्रवदन’ के रोल में कास्टिंग हुई थी
जेडी मजेठिया ने बताया कि ‘साराभाई वर्सेज साराभाई’ के लिए सतीश शाह की कास्टिंग कोई लंबी प्रक्रिया नहीं थी। उनके लिए यह रोल बेस्ट था। इस रोल में मिडिल क्लास और हाई सोसाइटी के बीच के गैप को मजाकिया अंदाज में पेश करना था। वह पिता का रोल निभा रहे थे, जो बेटे की पत्नी को चिढ़ाने में पीछे न हटे, लेकिन दिल के बहुत सच्चे और प्यारे थे। सतीश शाह को मिलकर स्क्रिप्ट सुनाई गई और उन्होंने तुरंत हां कर दिया था।
जेडी मजेठिया ने कहा, “आज भी मैं कहता हूं कि इंद्रवदन के रोल में मुझे कोई और नजर नहीं आता। उनकी टाइमिंग, सहजता और अदाकारी लाजवाब थी। यह रोल सिर्फ उनके लिए बना था।”

टीवी शो ‘साराभाई वर्सेज साराभाई’ के जे.डी. मजीठिया प्रोड्यूसर थे और सतीश शाह ने इंद्रवदन साराभाई का किरदार निभाया था।
पर्दे के पीछे का इंद्रवदन
जेडी मजेठिया ने बताया कि सतीश शाह सिर्फ पर्दे पर ही नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी ‘इंद्रवदन’ थे। वह पढ़े-लिखे और बहुत ख्याल रखने वाले इंसान थे। उनके साथ बातचीत करने पर ऐसा लगता था जैसे किसी ज्ञान के भंडार से बात हो रही हो। वह बहुत अच्छे श्रोता थे और हमेशा दूसरों का सम्मान करते थे।
सेट पर अनुशासन और पारिवारिक माहौल
सेट के माहौल के बारे में बात करते हुए जेडी मजेठिया ने बताया कि टीवी शूटिंग का शेड्यूल काफी हेक्टिक होता है, लेकिन सतीश शाह का नियम था कि वह एक शिफ्ट में काम करेंगे। उनके अनुशासन और प्रोफेशनलिज्म का हमेशा सम्मान किया गया। जेडी मजेठिया ने आगे बताया कि सेट पर उनका व्यवहार सभी के लिए प्रेरणादायक था। 13-14 महीने की शूटिंग में भी माहौल हमेशा खुशहाल और पारिवारिक बना रहा।
‘साराभाई वर्सेज साराभाई’ के अनुभव पर बात करते हुए जेडी मजेठिया ने बताया कि पहला सीजन डेढ़ से ढाई साल चला, जबकि दूसरा सीजन लगभग डेढ़ महीना चला। सतीश शाह की सादगी, सरलता और विनम्रता सभी को प्रभावित करती थी। खाने का शौक और दोस्तों व सहकर्मियों के साथ समय बिताना उन्हें पसंद था। वह गुजराती खाना विशेष रूप से पसंद करते थे।

जमनादास मजेठिया एक एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं। उन्हें टीवी शो ‘खिचड़ी’ में हिमांशु के किरदार से पहचान मिली थी।
अंतिम मुलाकात और रिटायरमेंट की इच्छा
जेडी मजेठिया ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को सतीश शाह से मिलने का प्लान बनाया था, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। सतीश शाह ने फोन पर कहा था, “यार, मैं थक गया हूं।” फिर उन्होंने कहा, “मैं रिटायर होना चाहता हूं।” शायद वह थोड़ा आराम करना चाहते थे, फिर वे सो गए। हम उनके घर के नीचे तक पहुंचे थे, लेकिन वापस लौट गए।
कॉमेडी और ज्ञान का अद्भुत मिश्रण
जेडी मजेठिया ने बताया कि सतीश शाह केवल हास्य कलाकार नहीं थे, बल्कि ज्ञान के सागर थे। वह कई विषय पर जानकारी रखते थे। विश्व संगीत, इतिहास, विज्ञान या पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियों का ज्ञान। उनके घर की बाल्कनी में कई पक्षी आते थे और वह उनके व्यवहार और प्रजातियों की पहचान कर सकते थे। पक्षियों के लिए उनका प्यार और देखभाल अद्वितीय था।



