विदेश जाने से पहले एयरपोर्ट पर अपने पिता व बहन के साथ कर्मचंद
कैथल जिले के गांव जनेदपुर निवासी 22 साल के कर्मचंद की रूस में मौत से पूरा परिवार ही नहीं, गांव भी सदमे में है। विदेश भेजने वाले एजेंटों के धोखे की यह एक खौफनाक कहानी है। विदेश जाकर पैसा कमाने की इच्छा में कर्मचंद लगातार धोखे का शिकार होता रहा। पहले उ
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उसके बाद, जब युवक वहां पर कोई अच्छा काम करने का प्रयास कर रहा था, तो एजेंट और उसके रूस में रह रहे साथियों ने उसे धोखे से रूस की सेना में भर्ती करा दिया। बाद में, जब उसे लड़ाई के मैदान में भेजा गया, तब भी उसे यह नहीं बताया गया कि उसे कहां भेजा जा रहा है। 6 सितंबर को एक ब्लास्ट में उसे अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी।
परिवार के साथ कर्मचंद की फोटो
जानिए एजेंटों के धोखे की कहानी
- आठ लाख लेकर जर्मनी की जगह रुस भेजा: हरियाणा में कैथल निवासी पंचायत मेंबर कर्मचंद (22) पहले भारतीय सेना में भर्ती होना चाहता था। लेकिन सफल नहीं हुआ। घर की गरीबी दूर करने के लिए उसने विदेश जाने की सोची। कर्मचंद की मौसी सुखवंत कौर ने बताया कि कर्मचंद 7 जुलाई को बिट्टू कागंथली नामक एजेंट के माध्यम से विदेश गया था। एजेंट ने उसे जर्मनी भेजने के लिए 8 लाख रुपए दिए गए थे
- लड़ाई पर भेजा, पर नहीं पता कि कहां जा रहा है: परिजनों ने बताया कि एजेंट ने कर्मचंद को धोखे से रूस भेज दिया, जहाँ उसे सेना में भर्ती करा दिया गया। कर्मचंद को जबरदस्ती युद्ध में भेजा जा रहा था। बातचीत में कर्मचंद ने बताया कि उसे यह भी नहीं पता कि लड़ाई में कहां भेजा जा रहा था। 6 सितंबर को हुए एक ब्लास्ट में उसकी मौत हो गई।
- दो लाख महीना की सैलरी की लालच, मिला कुछ नहीं: जब कर्मचंद को धोखे से रूस की सेना में भर्ती किया गया तो पहले तो कर्मचंद और परिवार ने विरोध किया था, लेकिन बाद में वहां उसे लालच दिया गया कि उसको दो से ढाई लाख रुपए प्रतिमाह सैलरी मिलेगी और धमकी दी गई कि अगर वह सेना में भर्ती नहीं होगा तो उसे मार दिया जाएगा। डर के मारे वह सेना में चला गया। परिजनों ने बताया कि अब तक उसे न तो कोई सैलरी दी गई और न ही वह परिवार के पास आज तक कोई रुपए भेज पाया था।

कर्मचंद को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते परिजन और ग्रामीण
- परिवार का दर्द जानिए
- जुलाई में गया था, मौत के डेढ़ माह बाद पहुंचा शव हरियाणा में कैथल के रहने वाले पंचायत मेंबर कर्मचंद इसी साल जुलाई में रूस गया था। वह जर्मनी जाना चाहता था, लेकिन एजेंट ने धोखे से रूस भेजकर सेना में भर्ती करा दिया। यहां ब्लास्ट में उसकी मौत हो गई। डेढ़ महीने बाद उसका शव गांव पहुंचा। परिवार की मांग है कि उनकी आर्थिक मदद की जाए और कर्मचंद की छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाए। परिवार से बात की तो बोला था: पता नहीं जिंदा बचेंगे या नहीं इस संबंध में उसने जब अपने परिवार से बातचीत की, तो युवक के अंतिम शब्द यही थे कि उसे धोखे से रूस की सेना में भर्ती कर दिया गया है और कहीं लड़ाई में भेज रहे हैं। उसे नहीं पता कि वह जिंदा बचेगा या नहीं। आपबीती बताते हुए युवक ने कॉल को कट किया था। सेना में जाने का सपना टूटा तो विदेश जाने की सोची
- युवक के चाचा के लड़के विजय कुमार ने बताया कि कर्मचंद शुरू से ही इंडियन आर्मी में जाने की इच्छा रखता था। उसने तीन-चार बार पहले भारतीय सेना में भर्ती होने का प्रयास किया, लेकिन यहां सफलता नहीं मिली। इसके बाद उसने आर्मी में जाने का सपना त्याग दिया और विदेश में जाकर कोई नौकरी कर पैसे कमाने की बात सोची। विजय ने बताया कि जुलाई में जब कर्मचंद यहां से गया तो परिवार को उम्मीद थी कि अब उनकी गरीबी दूर होगी, लेकिन कर्मचंद की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।
- बहन की शादी की तैयारी कर रहा था कर्मचंद: विजय ने यह भी बताया कि इस समय वह छोटी बहन की शादी की तैयारी कर रहा था। परिवार को उम्मीद थी कि अगर कर्मचंद वहां से कुछ रुपए भेजेगा तो उसकी छोटी बहन की फरवरी माह में शादी करवा देंगे। उनका यह सपना भी अधूरा ही रह गया।केवल परिवार ही नहीं गांव के सभी लोग भी आरोपी एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।



