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लोहरदगा जैसे छोटे से जिले से स्पोर्ट्स के क्षेत्र में कई खिलाड़ियों को नाम देने वाला ललित नारायण मिश्र स्टेडियम आज गुमनाम होने का कगार पर है। इस जर्जर स्टेडियम की सुध लेने वाला कोई नहीं है। स्थिति अब यहां आ पहुंची है कि कब स्टेडियम का जर्जर भवन और पवेलियन धाराशाही हो जाए कोई नहीं जानता। 1982 में इस स्टेडियम का निर्माण तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के नाम पर किया गया था। यह स्टेडियम लोहरदगा शहर के बीचो बीच बरवा टोली चौक से कुछ दूरी पर स्थित हैं। यहां प्रति वर्ष जिला और राज्य स्तरीय कई प्रतियोगिताएं आयोजित किए जाते है। लेकिन स्टेडियम के बदहाली पर सिर्फ आश्वासन ही पूरा हो सका है। यहां कैप्टन कूल के नाम से जाने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी भी कभी खेल चुके हैं। लोहरदगा में खेलकूद की एक अलग पहचान थी। शिव प्रसाद साहू के परिवार के लोगों के सहयोग से एक से बढ़ कर एक आयोजन किये जाते रहे हैं।अभी स्थिति यह है कि मुख्य भवन पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है। पवेलियन ध्वस्त हो चुके हैं। पवेलियन झाड़ियां में तब्दील हो गया। मैदान भी सड़क की तरह उबड़ खाबड़ हो चुकी है। खेतों की तरह मैदान नजर आने लगे हैं। मैदान की स्थिति जर्जर होने के कारण दिल्ली रूटिंग के तहत मॉर्निंग वॉक के लिए पहुंचने वाले बुजुर्ग और क्रीडा के लिए पहुंचने वाले युवाओं और बच्चों की संख्या भी घटती चली जा रही है।
इससे असामाजिक प्रवृत्ति के लोगों का यह अड्डा भी बनने लगा है यही कारण है कि स्टेडियम के भीतर जत्र तत्र शराब की बोतले और जुआ जैसी चीज देखने को मिलती है। स्टेडियम के जीर्णोधार के लिए लगभग ढाई करोड रुपए आने की बात हुई थी। परंतु वह भी ठंडे बस्ते में चला गया है। वर्षों से लोग इसके जीर्णोद्धार की राह देख रहे है।
बरसात के दिनों में शहर का गंदा पानी स्टेडियम में भरा रहता है। लगातार सड़कों और नालियों का पानी स्टेडियम में घुसने से स्टेडियम के मुख्य द्वार पर जर्जर पथ बन गया है। स्टेडियम खेत का रूप ले लिया है। गेट, दरवाजे, खिड़की सभी टूट गए। उप विकास आयुक्त दिलीप सिंह शेखावत से मामले पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि स्टेडियम के जीर्णोद्धार को लेकर स्कीम से संबंधित जानकारी ऊपर भेजी जा चुकी है। पूर्व के एस्टीमेट की तुलना में अभी सामानों के बड़े दाम के कारण पुराने एस्टीमेट से मैच नहीं हो पा रहा है, जिस कारण पुराने स्टेटमेट पर बात आगे नहीं बढ़ पाई। हालांकि नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत आने वाले स्टेडियम को लेकर नगर परिषद द्वारा लेटर आगे भेजा गया है। इस दिशा में जल्द ही कोई सकारात्मक पहल होने की उम्मीद ऊपर स्तर से होने को है। चूंकि उप विकास आयुक्त के स्पोर्ट्स से भी जुड़े होने के कारण उन्होंने बताया कि स्टेडियम की जर्जरता को लेकर अपने स्तर से पहल की है।
जल्द ही स्टेडियम के जीर्णोद्धार होगा : डीडीसी



