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आचार्य पद्मराज ज्योतिष गुरुकुल, टुकुपानी के सभागार में बुधवार को साप्ताहिक सत्संग सभा आयोजित हुई। इस अवसर पर आचार्य डॉ. पद्मराज स्वामी जी महाराज ने अपने उद्बोधन में जीवन में सही मार्ग का चयन करने के महत्व पर प्रकाश डाला। आचार्य जी ने कहा कि जीवन में हमेशा दो मार्ग होते हैं- प्रेय और श्रेय।
प्रेय का अर्थ है जो हमें अच्छा लगता है, जबकि श्रेय का अर्थ है जो सचमुच में हमारे लिए अच्छा होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मधुमेह के मरीज के लिए मिठाई प्रिय हो सकती है, लेकिन उसका परिणाम घातक हो सकता है। इसके विपरीत, दवाई कड़वी हो सकती है, लेकिन उसका परिणाम हितकर होता है। आचार्य जी ने कहा कि सत्संग से हमें जीवन में सही मार्ग का चयन करने का बोध होता है। उन्होंने कहा कि जब भी सत्संग का अवसर मिले, उसे लपक लीजिए और उसका लाभ उठाइए।सभा में गुरु मां वसुंधरा जी ने प्रेरक भजनों की प्रस्तुति की। मुम्बई से दर्शन हेतु आए हुए गोपाल दत्त का स्वागत किया गया और उन्होंने गुरुदेव से जुड़े संस्मरणों को सुनाते हुए सुमधुर भजन प्रस्तुत किया। सभा का समापन मंगलपाठ एवं प्रसाद वितरण के साथ हुआ। कार्यक्रम में जैन सभाध्यक्ष प्रवीण जैन, गुलाब जैन, सूरज प्रसाद, राधिका देवी, सुनीता देवी आदि सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।



