मां नर्मदा के तट पर भेड़ाघाट में नर्मदा महोत्सव 2025 का 22वां संस्करण शुरू हो गया है। पहले दिन, रविवार की शाम आध्यात्मिक ऊर्जा और कला के एक अविस्मरणीय संगम की साक्षी बनी।
.
महोत्सव का शुभारंभ नर्मदा पूजन की गरिमामयी परंपरा से हुआ, जिसके बाद मंच पर ‘हर हर शंभु’ फेम पूरी की अभिलिप्सा पांडा ने अपनी सुमधुर वाणी से ऐसी भक्तिधारा प्रवाहित की कि पूरा भेड़ाघाट गूंज उठा। महादेव को समर्पित उनके भजनों ने मानो संगमरमर की चट्टानों में भी संगीत भर दिया।
मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के नेतृत्व में आयोजित इस महाकुंभ में कला और परंपरा का गहरा सम्मान दिखा। सांस्कृतिक संध्या का आगाज कटनी के युवराज सिंह के शास्त्रीय गायन की मधुरता से हुआ, जिसके बाद जबलपुर की कामना नायक और उनके समूह ने भरतनाट्यम की सधी हुई प्रस्तुति से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। मंच पर असली रंगत तब आई, जब राजस्थान के जवाहरनाथ और उनके समूह ने अपने कालबेलिया नृत्य से दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा
यह सिर्फ भक्ति, सूफी और क्लासिकल संगीत का मंच है, हमने यहां मनोरंजन के नाम पर कोई विकृति नहीं आने दी है।
कैबिनेट मंत्री उदय प्रताप सिंह ने भेड़ाघाट की आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करते हुए कहा कि, मां नर्मदा का तट अपने आप में एक पुण्य और पर्यटन का केंद्र है, जहां आकर मन धन्य हो जाता है।
महोत्सव का समापन समारोह कल, सोमवार को और भी अधिक भव्य होने जा रहा है। शाम 7.30 बजे संस्कार भारती जबलपुर की वीरांगना रानी दुर्गावती पर केंद्रित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। मैथिली ठाकुर, जो रात 8.05 बजे से अपने सुरीले गीतों से समां बांधेंगी।
इसके ठीक बाद, रात 9 बजे से पंजाब के प्रसिद्ध भजन सम्राट लखवीर सिंह लक्खा भजनों की ऐसी बयार लाएंगे, जो भेड़ाघाट की इस 22 वर्षीय यात्रा को एक शानदार मुकाम देगी।
