भाजपा क्या चंपाई के बेटे को मौ​का देगी पार्टी – Ranchi News

भाजपा क्या चंपाई के बेटे को मौ​का देगी पार्टी – Ranchi News


हेमंत सोरेन घाटशिला उपचुनाव में दिवंगत रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन को मंत्री बनाकर उतारने की तैयारी में हैं। यह रणनीति पहले भी सफल रही है जैसे हाजी हुसैन अंसारी और जगरनाथ महतो के निधन के बाद उनके परिजनों को मंत्री बनाकर उपचुनाव में उतारा गया था

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रामदास सोरेन के निधन से घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की नौबत आई है। हालांकि, घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक हलचल तेज हैं। माना जा रहा है कि यह बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान होगा, जो इस वर्ष के अंत या 2026 की शुरुआत में संभावित है। हेमंत सोरेन सरकार इस उपचुनाव को काफी गंभीरता से ले रही है। घाटशिला पूर्वी सिंहभूम जिले में झामुमो का मजबूत जनाधार वाला क्षेत्र है।

रामदास सोरेन ने यहां से 2024 के विधानसभा चुनाव में भारी मतों से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र को हरा कर एक बड़ी जीत हासिल की थी। {2023 में पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाकर डुमरी विधानसभा उपचुनाव में उतारा गया। बेबी देवी ने भी यह चुनाव जीता। कौशल आनंद | रांची पूर्व मंत्री एवं घाटशिला के विधायक रहे रामदास सोरेन के निधन के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इसका पटाक्षेप दीपावली के पहले हो जाएगा। मिल रही रही जानकारी के अनुसार 20 अक्टूबर के पहले बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसके साथ ही घाटशिला विधानसभा उपचुनाव का भी एलान हो जाएगा।

इसलिए दीपावली के पूर्व स्वर्गीय रामदास सोरेन के बड़े पुत्र सोमेश सोरेन को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। यानि मुख्यमंत्री एवं झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन पहले दो प्रयोग की तरह ही पहले मंत्री बनाएंगे, उसके बाद चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। क्योंकि पहले यह प्रयोग झामुमो के लिए सफल रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर खुद सोमेश सोरेन ने बताया कि दीपावली के पूर्व धमाका हो जाएगा। बस थोड़ा इंतजार करें। जल्द सारा कुछ साफ हो जाएगा।

चुनाव की घोषणा का भी इंतजार है। {2019 में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनके पुत्र हफीजुल हसन को मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने से पहले मंत्री बनाया गया। हफीजुल चुनाव जीतने में सफल रहे। प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय कमेटी को भेजा जा चुका है प्रस्ताव अब नजरें भाजपा पर टिक गई हैं। क्या इस बार भाजपा फिर से सहानुभूति की लहर पर लड़े जाने वाले घाटशिला उपचुनाव में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को पुन: मैदान मंे उतारेगी या फिर किसी और को मौका देगी।



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