शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने बंदी सिखों के मुद्दे को लेकर एक अहम कदम उठाया है। कमेटी के सचिव सरदार प्रताप सिंह ने बताया कि एसजीपीसी के प्रधान जल्द ही एडीजीपी (जेल) से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पटियाला जेल में लंबे समय से
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एसजीपीसी ने उम्मीद जताई है कि, सरकार जल्द ही पुख्ता निर्णय लेकर बलवंत सिंह राजोआना से मुलाकात की अनुमति देगी। इससे न केवल उनकी स्थिति का पता चल सकेगा बल्कि अन्य बंदी सिखों की रिहाई से जुड़ी प्रक्रियाओं को भी आगे बढ़ाया जा सकेगा।
पटियाला जेल में बंद हैं राजोआना
बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा को लेकर समय-समय पर बहस होती रही है। वह लंबे समय से पटियाला जेल में बंद हैं। एसजीपीसी का मानना है कि बंदी सिखों की हालत और अधिकारों को लेकर गंभीरता से प्रयास करना न सिर्फ धार्मिक बल्कि मानवीय जिम्मेदारी भी है। सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि यह कदम केवल राजोआना के लिए नहीं, बल्कि उन सभी बंदी सिखों के लिए है जो 34-35 सालों से जेलों में कैद हैं।
उन्होंने बताया कि एसजीपीसी प्रधान पहले भी कई बार बंदी सिखों से मुलाकात कर चुके हैं और उनकी आर्थिक मदद भी समय-समय पर की जाती रही है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी का उद्देश्य सरकार के साथ सकारात्मक बातचीत कर बंदी सिखों की रिहाई के लिए रास्ता निकालना है। कमेटी चाहती है कि सरकार इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाए और बंदी सिखों के मामलों का मानवीय दृष्टिकोण से समाधान निकाले।