2 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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दिव्येंदु ने वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के अलावा ‘प्यार का पंचनामा’, ‘चश्मे बद्दूर’, और ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ जैसे प्रोजेक्ट्स में काम किया है।
एक्टर दिव्येंदु शर्मा को वेब सीरीज मिर्जापुर से एक खास पहचान मिली। उन्होंने शो में मुना त्रिपाठी का किरदार निभाया, जो दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ। हाल ही में दिव्येंदु शर्मा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में अपनी अपकमिंग प्रोजेक्ट्स, जैसे फिल्म और साउथ इंडस्ट्री के अनुभवों पर बात की।
सवाल: फिल्म ‘मिर्जापुर’ आ रही है, जो लोग मुन्ना को अमर मानते थे, उन्हें क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: मैं सच बताऊं तो सबसे ज्यादा खुशी फैंस के लिए है। उन्होंने ‘मिर्जापुर’ के सीजन 2 में ‘मुन्ना’ की मौत का सीन देखा, फिर भी उन्होंने मानने से इनकार कर दिया कि ‘मुन्ना’ मर चुका है। शायद ही किसी किरदार को इतना प्यार और प्रशंसा मिली होगी। मुझे लगता है उनकी सामूहिक दुआओं और एनर्जी का ही नतीजा है कि आज ‘मिर्जापुर’ फिल्म बन रही है और मुझे वापस आना पड़ा। मेरा डायलॉग “हम अमर हैं” सच साबित हो गया है। मरने के बाद भी मुन्ना का लौटना इसी का सबूत है।
सवाल: बड़े पर्दे पर आने के कारण क्या आपके अंदाज में बदलाव होगा?
जवाब: बिल्कुल नहीं। कोशिश यही रहेगी कि जिस रोल को लोगों ने इतना प्यार किया है, वही उन्हें देखने को मिले। हां, कुछ सरप्राइज जरूर होंगे, लेकिन कोर कैरेक्टर वही रहेगा।

दिव्येंदु ने वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ में पंकज त्रिपाठी के किरदार के बेट ‘मुन्ना त्रिपाठी’ का किरदार निभाया।
सवाल: ‘मुन्ना’ जैसा ग्रे और डार्क किरदार को निभाना कितना चुनौतीपूर्ण होता है?
जवाब: वापस उस डार्क स्पेस में जाना आसान नहीं होता, लेकिन इस बार मैं ज्यादा समझदार हूं। पहले सीजन में बिना सोचे-समझे पूरा कैरेक्टर बन गया था। अब अनुभव से जानता हूं कि कितनी गहराई तक जाना है और कब बाहर निकलना है।
सवाल: क्या फिल्म मिर्जापुर में मुन्ना त्रिपाठी का किरदार निभाने को लेकर कोई नर्वस नेस है?
जवाब: सच कहूं तो मुझे ऐसा नहीं लगता कि मुझे इस किरदार को निभाने की जरूरत है। लोग मुझे इतना प्यार और अपनत्व के साथ देखते हैं कि शायद वे मेरा आधा काम खुद ही कर देंगे। यह किरदार ही ऐसा है। हां, थोड़ी नर्वसनेस है क्योंकि यह फिल्म है और मैं इसे फिर से बड़े पर्दे पर पेश कर रहा हूं, लेकिन मुझे अपने फैंस पर पूरा भरोसा है कि वे इसे देखेंगे और उन्हें मजा आएगा।
स्क्रिप्ट बहुत मजेदार है और वह लोगों की उम्मीदों का पूरी तरह से न्याय करेगी। इसमें ऐसे वन-लाइनर्स हैं जो पहले ही मीम कल्चर का हिस्सा बन सकते हैं और लोगों की ज़ुबान पर छा सकते हैं। मैं इस किरदार पर विशेष ध्यान दे रहा हूं, क्योंकि यह कोई आसान या सामान्य किरदार नहीं है।
सवाल: आप राम चरण के साथ फिल्म ‘पेड्डी’ में काम कर रहे हैं, वहां शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?
जवाब: अनुभव बहुत अच्छा रहा और वहां से बहुत कुछ सीखने को मिला। उनका वर्किंग कल्चर हमसे काफी अलग है। नई चीजें सीखने का मौका मिला, टेक्निशियन्स के साथ काम करके बहुत मजा आया। मेरे डायरेक्टर बुच्ची बाबू बहुत ही प्यारे इंसान हैं। भाषा थोड़ी बड़ी बाधा थी, लेकिन राम चरण भी इतने गर्मजोशी से मिले कि वहां घर जैसा महसूस हुआ।
सवाल: तेलुगु भाषा में एक्टिंग करना कितना मुश्किल था? जवाब: काफी चुनौतीपूर्ण था। भाषा की बारीकियों को समझना, सही पॉज और फुल स्टॉप्स का ध्यान रखना बहुत जरूरी था। मैं चाहता था कि मेरी आवाज वहां के एक्टर्स की तरह लगे। थोड़ी नर्वसनेस भी रही कि सब सही निकल पाए, लेकिन पूरी मेहनत की।