पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:  जाति व्यवस्था समझने के लिए वर्णाश्रम को समझें

पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: जाति व्यवस्था समझने के लिए वर्णाश्रम को समझें


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  • Pt. Vijayshankar Mehta’s Column To Understand The Caste System, Understand The Varnashrama System.

27 मिनट पहले

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पं. विजयशंकर मेहता

हमारे देश से एक बहुत गहरा चिंतन अलग रूप ले रहा है और वो है- जाति। नई पीढ़ी के पास जाति को लेकर विदेशी विचार ही हैं। पिछले दिनों विदेश यात्रा में एक व्यक्ति ने मुझसे कहा कि भारत में जाति का मामला बड़ा उलझा हुआ है। अब इसे यूं समझें कि जिंदगी का आईना अजीब है।

आज को देखने जाओ तो बीता हुआ कल दिखाता है। और ज्यादा गौर से देखो तो कुछ नजर नहीं आता। लोग आधुनिकता के दर्पण में जाति को देख रहे हैं। विदेशियों ने तो मान ही लिया कि भारत में जाति की बड़ी झंझट है। लेकिन भारतीय जाति व्यवस्था को समझना हो तो वर्णाश्रम व्यवस्था समझनी पड़ेगी।

हमारी वर्णाश्रम व्यवस्था में भेदभाव नहीं है। हर-एक को समाज में उसकी जिम्मेदारी का वितरण सही से किया जाए, यह है भारत की जाति व्यवस्था। वेद, पुराण और सुलझे हुए साहित्य के नजरिए से जाति व्यवस्था को देखें तो वो अर्थ तो नहीं निकलेगा, जो आज विदेशों में जाति व्यवस्था के लिए निकाल लिया गया है।

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