लुधियाना में गुरु अर्जन देव नगर निवासी सरकारी टीचर गुरप्रीत कौर साइबर ठगी का शिकार होकर दोहरी मुसीबत में फंस गईं। पहले उन्होंने 30 हजार गंवाए और फिर उसी रकम को वापस पाने के प्रयास में 16 लाख से अधिक की ठगी का शिकार हो गईं।
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गुरप्रीत कौर ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर अज्ञात ठगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 319(2) (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
29 जुलाई को हुई ठगी की शुरुआत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के एसएचओ, इंस्पेक्टर सतवीर सिंह ने बताया कि घटना की शुरुआत 29 जुलाई को हुई, जब गुरप्रीत को वॉट्सऐप पर उनके रिश्तेदार के नंबर से एक संदेश मिला। संदेश में इमरजेंसी स्थिति का हवाला देते हुए 30 हजार की मांग की गई। इसे सही मानकर गुरप्रीत ने पैसे ट्रांसफर कर दिए। बाद में पता चला कि उनके रिश्तेदार का अकाउंट हैक हो गया था।
प्रतीकात्मक तस्वीर।
NPCI का प्रतिनिधि बताकर फिर ठगे 16 लाख पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद गुरप्रीत को सतर्क रहने की सलाह दी गई। साथ ही उन्होंने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई। इसके तुरंत बाद उन्हें एक वॉट्सऐप कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को NPCI का प्रतिनिधि बताया।
ठग ने भरोसा दिलाया कि 30 हजार की राशि वापस कर दी जाएगी, लेकिन इसके लिए पहले कुछ अतिरिक्त भुगतान करने होंगे। 31 जुलाई से 2 अगस्त के बीच, गुरप्रीत को अलग-अलग बैंक खातों में 16 लाख से अधिक ट्रांसफर करने के लिए मना लिया। इसके बाद आरोपी गायब हो गया।
गुरप्रीत को बाद में एहसास हुआ कि वह दोबारा ठगी का शिकार हो गई हैं। उन्होंने तुरंत दूसरी शिकायत दर्ज कराई। साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ठगों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने बताया कि ठगों ने NPCI के कर्मचारी बनकर इस जालसाजी को अंजाम दिया।