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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column One Should Know How To Use One’s Power At Every Age
23 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
इन दिनों दो शब्दों की बड़ी चर्चा है- सैंडविच जनरेशन। या कहें- मिड लाइफ। ये उस उम्र के लोग हैं, जिनके माता-पिता बुढ़ापे की ओर चल पड़े हैं और जीवित हैं। और जिनके बच्चे बचपन से किशोरावस्था, और उसको भी लांघकर युवावस्था में प्रवेश कर रहे हैं। तो तीन पीढ़ी के बीच में ये जो मिड लाइफ है- बहुत बड़ी चुनौती बन जाती है। क्योंकि इसमें उम्र बड़ी होती है।
शरीर का जो दुरुपयोग किया गया, उससे स्वास्थ्य गिरता है। जीवन में अजीब-से बदलाव आ जाते हैं। जिम्मेदारी कम होती नहीं है, तो लाचारी, असुरक्षा और असमंजस इस मिड लाइफ में पैदा हो जाते हैं। ऐसे में अपनी शक्ति को अपने भीतर खोजिए।
हम भूल जाते हैं कि हमारे पास एक ऐसी शक्ति है कि हम मिड लाइफ और सैंडविच जनरेशन की स्थिति में उसका जमकर सदुपयोग कर सकते हैं और इस जीवन को एंजॉय कर सकते हैं। क्योंकि शक्ति हमेशा निष्पक्ष होती है। वो उदासीन है, असम्बद्ध है, तटस्थ है। उसका उपयोग बुढ़ापा, बचपन और मध्य आयु, अपने-अपने ढंग से कर सकती है। बस हर उम्र में उसका उपयोग करना आना चाहिए।