कुल्लू में पैराग्लाइडिंग की फाइल फोटो।
कुल्लू जिले में टूरिस्टों को पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग का लुत्फ उठाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। भारी बारिश और बाढ़ के कारण जिले में फिलहाल 30 सितंबर तक सभी पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय पर्यटकों की
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हर साल 15 जुलाई से 15 सितंबर तक दो महीने के लिए जिले में सभी साहसिक गतिविधियां बंद रहती हैं। इस बार भी इन दो महीनों के लिए रोक थी, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने इस प्रतिबंध को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। जिला प्रशासन ने यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया है।
साहसिक गतिविधियां शुरू करने से पहले पर्यटन विभाग की टीम ने रिवर राफ्टिंग साइटों का निरीक्षण किया। रायसन से बंदरोल और पिरडी के मध्य ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग के स्ट्रेच का जायजा लिया गया। घाटी में बीते दिनों ब्यास नदी में आई बाढ़ से मनाली से कुल्लू के मध्य कई रिवर राफ्टिंग स्ट्रेच और पैराग्लाइडिंग साइटें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
जिला पर्यटन अधिकारी रोहित शर्मा ने बताया कि बरसात के कारण डोभी पैराग्लाइडिंग साइट में लैंडिंग सरफेस उखड़ गया है। इसके अलावा, रिवर राफ्टिंग के शुरुआती और अंतिम स्थल भी बाढ़ के कारण असुरक्षित हो गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग साइटें अभी उपयुक्त नहीं हैं।
जिप लाइन और रिवर क्रॉसिंग पर भी रोक जिप लाइन और रिवर क्रॉसिंग पर भी रोक लगा दी गई है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी, कुल्लू ने रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग ऑपरेटर्स सहित अन्य साहसिक गतिविधियां चलाने वालों को इन आदेशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। सभी ऑपरेटर्स को 30 सितंबर तक इन गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाने को कहा गया है।
बरसात के मौसम के मद्देनजर कुल्लू जिले में रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग सहित अन्य सभी साहसिक गतिविधियों पर हर साल 15 जुलाई से 15 सितंबर तक पूर्ण प्रतिबंध रहता है। इस मौसम में ब्यास नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाता है और इसमें रिवर राफ्टिंग, रिवर क्रॉसिंग सहित अन्य विभिन्न साहसिक गतिविधियां खतरे से खाली नहीं होती हैं।
बरसात में कुल्लू घाटी में पैराग्लाइडिंग और अन्य सभी साहसिक गतिविधियां भी काफी खतरनाक हो सकती हैं इसलिए हर साल कुल्लू जिले में 15 जुलाई से 15 सितंबर तक इन साहसिक गतिविधियों पर पूर्णतयः रोक लगा दी जाती है, लेकिन इस बार जिले में आपदा के चलते और सुरक्षा की दृष्टि से 15 की बजाय 30 सितंबर तक यह प्रतिबंध जारी रहेगी।