नागपुर7 घंटे पहले
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फ्लाईओवर की लंबाई 8.9 किलोमीटर है और यह NH-353D का हिस्सा है।
महाराष्ट्र के नागपुर में 998 करोड़ की लागत से बना फ्लाईओवर विवादों में घिर गया है। दरअसल इस ग्रेट नाग रोड पर अशोक सर्किल के पास इस फ्लाईओवर की बीम एक घर की बालकनी के ऊपर से निकली है।
इस घर का वीडियो सामने आने के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। फ्लाईओवर नागपुर के इंदोरा और दीघोरी इलाकों को जोड़ेगा।
NHAI के अधिकारियों का कहना है कि फ्लाईओवर ठीक बन रहा है और इसमें कोई दिक्कत नहीं है। कंस्ट्रक्शन के समय घर और फ्लाईओवर के बीच डेढ़ मीटर का अंतर था। बालकनी बाद में बनाई गई है।
वहीं नगर निगम का कहना है कि डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाते समय उससे सलाह नहीं ली गई। यह घर भी अभी तक अतिक्रमण घोषित नहीं हुआ है, इसलिए इसे तुरंत तोड़ना संभव नहीं है।

पुल विवाद पर किसने क्या कहा
- NHAI – फ्लाईओवर जहां से मुड़ रहा है, वहां घर है। हमें पहले से पता था। हमने नगर निगम को इसके बारे में बता दिया था। घर की बालकनी अवैध निर्माण है। जल्द ही इसे तोड़ा जाएगा।
- नगर निगम – हमें फ्लाईओवर और घर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। जब बालकनी और फ्लाईओवर के बीच दिक्कत आई, तब हमें बताया गया। हम इतनी जल्दी बालकनी नहीं तोड़ सकते। पहले उसे अवैध घोषित करना होगा। हमने घर के मालिक से कागज जमा कराने को कहा है। अगर सारे कागज सही हुए तो NHAI को इन्हें मुआवजा देना होगा।
- मकान मालिक – फ्लाईओवर घर से 15–16 फीट की हाइट पर है। हमें कोई खतरा नहीं है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए बात को तूल दे रहे हैं।
भोपाल से सामने आया था 90 डिग्री के पुल का मामला

जून में एमपी की राजधानी भोपाल में बना एक रेलवे ओवर ब्रिज इन अपने अनोखे डिजाइन के कारण सुर्खियों में था। लोग सोशल मीडिया पर इसके मिम्स बना रहे थे। दरअसल इस ब्रिज पर 90 डिग्री के एंगल से मोड दिया गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यहां वाहन कैसे टर्न लेंगे। वाहनों के या तो ब्रिज की दीवारों से या फिर आपस में टकराने का खतरा बना रहेगा।
जिस 90 डिग्री में खामियां बताकर आठ अफसरों को सस्पेंड किया गया था, उस ब्रिज को पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने गुरुवार को सही बताया है। मंत्री ने कहा- 90 डिग्री का कोई मुद्दा नहीं था। इस तरह के पुल और चौराहे देश और प्रदेश में बहुत सारे बने हुए हैं। महत्वपूर्ण यह है कि सेफ्टी मेजर्स का पालन हुआ है या नहीं और इस मामले में पालन किया गया है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई थी। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच के सामने मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) की सिविल इंजीनियरिंग विभाग की जांच रिपोर्ट पेश की गई।
रिपोर्ट पढ़ने के बाद कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा- जब ठेकेदार ने PWD के निर्देशों के अनुसार ही काम किया है, तो फिर उस पर कार्रवाई क्यों की गई? ठेकेदारों को सजा नहीं, बल्कि मेडल मिलना चाहिए।
NHAI की चूक के अन्य मामले
13 सितंबर, मेरठ-गढ़ मार्ग की खराब सड़क का मुद्दा:NHAI के अधिकारी ने किया निरीक्षण-
राष्ट्रीय राजमार्ग 709A (मेरठ-गढ़ मार्ग) की खस्ताहाल स्थिति के मद्देनजर भारतीय किसान यूनियन (भानु) की शिकायत पर कार्रवाई हुई है। NHAI के परियोजना निदेशक अमित प्रणव ने आज कस्बा किठौर में सड़क का निरीक्षण किया। उन्होंने फव्वारा चौक की पुलिया, श्यामपुर रोड क्रॉसिंग और ग्राम नंगली के सामने की सड़क की स्थिति देखी। पूरी खबर पढ़ें…
30 जून लखनऊ में NHAI की लापरवाही से दो सड़क हादसे:किसान पथ पर बिना बैरिकेडिंग के फैली काली गिट्टी- लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र में फुसलौना गांव के पास किसान पथ पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की लापरवाही सामने आई है। 30 जून 2025 को रात 11:30 बजे यहां दो सड़क हादसे हुए। NHAI ने हाईवे निर्माण में इस्तेमाल होने वाली काली गिट्टी को सड़क पर बिना किसी बैरिकेडिंग या संकेत बोर्ड के फैला दिया था। पूरी खबर पढ़ें…
28 अगस्त रोशिया फाटे पर NHAI ने बनाया कर्व:रॉन्ग साइड से घुसने पर 3 लोगों की जान गई थी- इंदौर-खंडवा रोड पर रोशिया फाटे के पास कुछ दिन पहले हुए हादसे में बाइक सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे एनएचएआई और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने स्थल का मुआयना किया और पाया कि दुर्घटना की प्रमुख वजह रॉन्ग साइड से लिया गया टर्न था। पूरी खबर पढ़ें…
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एनएचएआई से मुआवजा राशि ज्यादा मांगने की बात गलत

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