विमल नेगी मौत केस में CBI की पहली गिरफ्तारी:  निलंबित ASI पंकज पकड़ा गया, पेनड्राइव से की थी छेड़छाड़, पत्नी बोलीं-असली गुनहगार अभी बाहर – Shimla News

विमल नेगी मौत केस में CBI की पहली गिरफ्तारी: निलंबित ASI पंकज पकड़ा गया, पेनड्राइव से की थी छेड़छाड़, पत्नी बोलीं-असली गुनहगार अभी बाहर – Shimla News



विमल नेगी को श्रद्धांजलि देते हुए परिजन।

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता विमल नेगी की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी की है। रविवार को सीबीआई ने निलंबित एएसआई पंकज को उसके गांव बिलासपुर से हिरासत में लिया।

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उस पर आरोप है कि उसने विमल नेगी का शव बरामद होने के बाद उनकी जेब से पेनड्राइव निकालकर उससे छेड़छाड़ की थी। इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसकी सीबीआई जांच कर रही थी।

सोमवार को पेश होगा सीबीआई अदालत में सीबीआई की दिल्ली से आई 10 सदस्यीय टीम ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की। आरोपी पंकज को सोमवार को शिमला स्थित सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने शुरू से ही पति की मौत को हत्या बताया है। उन्होंने ऊर्जा निगम के अधिकारियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि “अच्छी बात है कि सीबीआई ने पंकज को गिरफ्तार किया, लेकिन यह तो मोहरे हैं, असली गुनहगार भी गिरफ्तार होने चाहिए।”

किसके कहने पर छेड़छाड़ हुई, सीबीआई की जांच जारी सीबीआई अब इस बात की जांच में जुटी है कि आखिर पंकज ने किसके इशारे पर सबूतों से छेड़छाड़ की। गौर करने वाली बात यह है कि पंकज उस एसआईटी का हिस्सा भी नहीं था जिसे मामले की जांच के लिए गठित किया गया था।

नाविकों और वीडियो से मिली अहम जानकारी सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने उस नाव के नाविकों से भी पूछताछ की थी, जिससे विमल नेगी का शव निकाला गया था। उनके बयानों, वीडियो रिकॉर्डिंग और शिमला पुलिस द्वारा पंकज को निलंबित करने के आधारों को जांच में शामिल किया गया है।

घटना की टाइमलाइन

  • 10 मार्च 2025: विमल नेगी टैक्सी से बिलासपुर गए और लापता हो गए।
  • 18 मार्च: उनका शव बिलासपुर में बरामद हुआ, परिजनों ने धरना दिया।
  • 19 मार्च: एम्स बिलासपुर में पोस्टमार्टम, थाना न्यू शिमला में केस दर्ज। सरकार ने एक अधिकारी को निलंबित किया, एक को पद से हटाया।
  • 20 मार्च: गृह विभाग ने एसआईटी गठित की।
  • 7 अप्रैल: आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से जमानत मिली।
  • 8 अप्रैल: ऊर्जा निगम के निदेशक कार्मिक व वित्त शिवम प्रताप सिंह को पद से हटाया गया।
  • 21 अप्रैल: परिजन सीबीआई जांच की मांग लेकर हाईकोर्ट पहुंचे।
  • 23 मई: उच्च न्यायालय ने जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।

अब आगे क्या? सीबीआई पंकज से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि सबूतों से छेड़छाड़ के पीछे कौन लोग थे। एजेंसी का मानना है कि इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।



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