गडकरी बोले- मेरा दिमाग ₹200 करोड़ प्रतिमाह का है:  मुझे पैसों की कमी नहीं; एथेनॉल मिले पेट्रोल से बेटों को फायदा पहुंचाने का आरोप

गडकरी बोले- मेरा दिमाग ₹200 करोड़ प्रतिमाह का है: मुझे पैसों की कमी नहीं; एथेनॉल मिले पेट्रोल से बेटों को फायदा पहुंचाने का आरोप


नागपुर4 मिनट पहले

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नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने एथेनॉल मिले पेट्रोल का लिया पक्ष

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर के एक कार्यक्रम में एथेनॉल मिले पेट्रोल को लेकर आलोचनाओं का जवाब दिया। गडकरी ने कहा- मेरा दिमाग ₹200 करोड़ प्रति माह का है। मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं है। मुझे पता है कि पैसे कहां से ईमानदारी से कमाना है।

गडकरी की यह टिप्पणी केंद्र सरकार की तरफ से एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के प्रचार की आलोचना के बीच आई है। सरकार ने कहा है कि 20% एथेनॉल (E20) ब्लेंड पेट्रोल एक स्वच्छ ईंधन है और इससे किसानों को गन्ना और मक्का जैसी अपनी फसलों के लिए बेहतर दाम मिल रहे हैं।

आलोचकों का आरोप है कि इस स्कीम से पानी की कमी होगी और गाड़ियों को नुकसान होगा। गडकरी पर आरोप लगाया जा रहा है कि उनके बेटे दो बड़ी एथेनॉल कंपनियों के मालिक हैं। उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए एथेनॉल मिले पेट्रोल बेचे जा रहे हैं।

‘मेरा चीनी कारखाना औक पावर प्लांट लेकिन पर्सनल फायदा नहीं लेता’

गडकरी ने कहा- मैं अपने बेटों को विचार देता हूं, लेकिन धोखाधड़ी नहीं करता। मेरा चीनी कारखाना, डिस्टिलरी और पावर प्लांट है, लेकिन मैं कृषि में व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रयोग नहीं कर रहा हूं।

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में उन पर लग रहे आरोपों का दिया जवाब

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में उन पर लग रहे आरोपों का दिया जवाब

सोशल मीडिया पर लोग बोले- माइलेज हो रहा कम

भारत में हाल के हफ्तों में इथेनॉल मिले पेट्रोल (ई20) की अनिवार्य बिक्री को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी खूब आलोचना की। वाहन मालिकों का दावा है कि यह ईंधन माइलेज कम करता है और पुराने वाहनों को नुकसान पहुंचाता है।

क्या होता है एथेनॉल?

एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में इको-फ्रैंडली फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने के रस से होता है, लेकिन स्टार्च कॉन्टेनिंग मटेरियल्स जैसे मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से भी एथेनॉल तैयार किया जा सकता है।

  • 1G एथेनॉल : फर्स्ट जनरेशन एथेनॉल गन्ने के रस, मीठे चुकंदर, सड़े आलू, मीठा ज्वार और मक्का से बनाया जाता है।
  • 2G एथेनॉल : सेकेंड जनरेशन एथेनॉल सेल्युलोज और लिग्नोसेल्यूलोसिक मटेरियल जैसे- चावल की भूसी, गेहूं की भूसी, कॉर्नकॉब (भुट्टा), बांस और वुडी बायोमास से बनाया जाता है।
  • 3G बायोफ्यूल : थर्ड जनरेशन बायोफ्यूल को एलगी से बनाया जाएगा। अभी इस पर काम चल रहा है।

अप्रैल से देश में बिक रहा E-20 पेट्रोल

पेट्रोल-डीजल गाड़ियों से होने वाले एयर पॉल्यूशन को रोकने और फ्यूल के दाम कम करने के लिए दुनियाभर की सरकारें एथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल पर काम कर रही हैं। भारत में भी एथेनॉल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इससे गाड़ियों का माइलेज भी बढ़ेगा।

देश में 5% एथेनॉल से प्रयोग शुरू हुआ था जो अब 20% तक पहुंच चुका है। सरकार अप्रैल के महीने में नेशनल बायो फ्यूल पॉलिसी लागू कर E-20 (20% एथेनॉल + 80% पेट्रोल) से E-80 (80% एथेनॉल + 20% पेट्रोल) पर जाने के लिए प्रोसेस शुरू कर चुकी है।

इसके अलावा देश में अप्रैल से सिर्फ फ्लेक्स फ्यूल कंप्लाइंट गाड़ियां ही बेची जा रही हैं। साथ ही पुरानी गाड़ियां एथेनॉल कंप्लाएंट व्हीकल में चेंज की जा सकेंगी,

​​​​​​एथेनॉल मिलाने से क्या फायदा है?

पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पेट्रोल के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इसके इस्तेमाल से गाड़ियां 35% कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करती है। सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी एथेनॉल कम करता है। एथेनॉल में मौजूद 35% ऑक्सीजन के चलते ये फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है।

  • आम आदमी को क्या फायदा : एथेनॉल मिलावट वाले पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले बहुत कम गर्म होती हैं। एथेनॉल में अल्कोहल जल्दी उड़ जाता है, जिसके चलते इंजन जल्द गर्म नहीं होता है। इसके अलावा ये कच्चे तेल के मुकाबले काफी सस्ता पड़ेगा। इससे भी महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है।
  • किसानों को फायदा : एथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी क्योंकि एथेनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है। चीनी मिलों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा और कमाई बढ़ेगी। एथेनॉल से किसानों को 21 हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ है।

मंत्रालय ने कहा- E20 फ्यूल से गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं होता

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अगस्त महीने की शुरुआत में इस मुद्दे पर कहा था कि E20 फ्यूल से गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं होता।

मंत्रालय के मुताबिक, लंबे टेस्ट में 1 लाख किलोमीटर तक गाड़ियों को E20 से चलाया गया और हर 10 हजार किलोमीटर पर चेक किया गया। नतीजा ये निकला कि पावर, टॉर्क और माइलेज में कोई खास फर्क नहीं पड़ा।

हालांकि ये माना गया कि नए वाहनों में माइलेज 1-2% और पुरानी गाड़ियों में 3-6% तक कम हो सकता है, लेकिन ये ‘ड्रास्टिक’ नहीं है और इंजन ट्यूनिंग से इसे ठीक किया जा सकता है।

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गडकरी बोले- धर्म के काम से मंत्री-नेताओं को दूर रखें:जहां घुसते हैं, आग लगाते हैं; धर्म की आड़ में राजनीति समाज के लिए नुकसानदायक

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से अपील की थी कि वे धर्म-काज से मंत्री-नेताओं को दूर रखें। धर्म की आड़ में राजनीति समाज के लिए नुकसानदायक है। गडकरी नागपुर में महानुभाव पंथ के सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञ जहां घुसते हैं, आग लगाए बिना नहीं रहते। सत्ता के हाथ में धर्म को देंगे तो हानि ही होगी। गडकरी ने कहा कि धर्म कार्य, समाज कार्य और राजनीति कार्य अलग-अलग हैं। धर्म व्यक्तिगत श्रद्धा का विषय है। कुछ राजनीतिज्ञ इसका इस्तेमाल करते हैं। इससे विकास और रोजगार का विषय दोयम दर्जे का हो जाता है। पढ़ें पूरी खबर…

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