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- Column By Pandit Vijayshankar Mehta Swadeshi Is An Opportunity For Every Person To Serve The Country
19 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
सपने बड़े देखें। सूरज बनकर चमक न सकें तो कम से कम दीये तो बन ही जाएंगे। ये पंक्ति इस समय हम भारतीयों के जीवन के लिए बड़े काम की है। स्वदेशी की बात वर्षों से उठ रही है। लेकिन अब आवश्यक हो गई। और सारी दुनिया को हमारा देश बता भी सकेगा कि स्वदेशी के लिए हम क्या कर सकते हैं।
हर व्यक्ति- चाहे वह नौकरी कर रहा हो या व्यापार- उसके लिए देश सेवा का अवसर है। हम सभी कहीं न कहीं परिश्रम कर रहे हैं। जिसको देखो, वो दौड़धूप में लगा है। इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है कि थकने का भी समय नहीं है।
मेहनत और श्रम के अनेक रूप निकलकर आ गए हैं। पीड़ा के पर्जन्य में से सफलता का सूर्य हलका-हलका चमकता दिख रहा है। ऐसे वातावरण में स्वदेशी की बात करना एक उमंग है, उत्साह है। जिन देशों को भारत के प्रति गलतफहमी हो गई, उसको दूर करने का सबसे अच्छा अवसर भी है।