- Hindi News
- Opinion
- Column By Pandit Vijayshankar Mehta Ganeshji Should Be Made From Clay Under Any Circumstances
15 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
पं. विजयशंकर मेहता
कभी-कभी तो भगवान की कथा सुनकर आश्चर्य होता है। शिव जी ने पार्वती जी से कहा था- जब रघुनाथ कीन्हि रन क्रीड़ा, समुझत चरित होति मोहि ब्रीड़ा। जब रघुनाथ ने ऐसी रण-लीला की, जिसका स्मरण करने से मुझे लज्जा होती है।
वो लीला थी राम जी ने युद्ध में मेघनाद के हाथों अपने को बंधवा लिया, तब नारद जी ने गरुड़ को भेजा था। ये दृश्य जब शिव जी को याद आता है तो उनको बड़ा आश्चर्य होता है। अब जैसे शिव पुराण में लिखा है कि कल्पभेद से गणेश जी की कई कथाएं हैं।
श्वेत-कल्प की कथा में पार्वती जी ने अपनी सखी जया और विजया से विमर्श किया और अपने शरीर के मैल से एक पुरुष का निर्माण किया, जो गणेश बने। तो यह तो तय है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसी नुकसानकारी सामग्री उपयोग नहीं की।
इसलिए हर हाल में गणेश जी का निर्माण मिट्टी से करें। यह शास्त्रसम्मत हो गया। इसे भगवान की विस्मयकारी लीला मान स्वीकारें। गणेश जी मां के मैल से बने हैं और धरती मां का मैल मिट्टी है।